ज़रूरी नहीं हर ताल्लुक मोहब्बत का हो,
दोस्ती के रिश्ते इश्क़ से ऊँचा मुकाम रखते हैं।
वो साथ चलते हैं बिना किसी फ़ायदे के,
जो दर्द भी बाँट लें और खुशियाँ भी आम रखते हैं।
दिल को सुकून है उनकी महफ़िल में बैठने से,
जिनके लहजे में मोहब्बत और आँखों में सलाम रखते हैं।
दुनिया के मेले में भी जो हमें तन्हा न छोड़ें,
ऐसे दोस्त ही तो रिश्तों का असल इनाम रखते हैं।