हरे! कृष्ण 🙏🌹
#विमुख_उन्मुख_से_परे_भी_तत्त्व_की_तल्लीनता_है
अस्ति अर्पित अर्चना में
सांस जैसे प्रार्थना अब।
भूल बैठी हूँ स्वयं को,
लीन तुम में चेतना सब।
तत्व संवेदन तुम्हीं बस,
देव! जड़ इस प्राण के हो।
मौन में मुखरित रहे तुम,
राग निस्पृह गान के हो।
तुम समाये भाव में, मैं
अर्थ के विस्तार में हूं
मैं तुम्हारे प्यार में हूँ
सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं, भगवान मधुसूदन सबके मन को मधुमय करें 🙏🌹