🌸 My Contract Wife – 2
भाग 1 – नई सुबह
सूरज की पहली किरण खिड़की से अंदर झाँक रही थी। हल्की हवा परदे हिलाती हुई कमरे में ताज़गी भर रही थी। सिया ने धीरे से अपनी आँखें खोलीं। यह वही घर था जहाँ उसने पिछले कुछ महीनों से अपने जीवन का सबसे बड़ा नाटक जिया था—"कॉन्ट्रैक्ट वाइफ़" का नाटक।
राज कमरे में नहीं था। शायद वह हमेशा की तरह सुबह-सुबह ऑफिस के लिए निकल चुका था। सिया ने आईने में खुद को देखा। चेहरा वही था, पर आँखों में अब पहले जैसा सूनापन नहीं रहा। कहीं न कहीं राज की मौजूदगी ने उसके दिल में जगह बना ली थी। पर वह जानती थी—यह रिश्ता सिर्फ़ छह महीनों के लिए है। उसके बाद सब खत्म हो जाएगा।
नीचे से आंटी की आवाज़ आई—“सिया बेटा, नाश्ता बना दिया है।”
सिया मुस्कुरा कर नीचे उतरी। इस घर में सभी उसे सचमुच की बहू मानने लगे थे। आंटी उसे दुलार से देखतीं, अंकल उसे बेटी की तरह मानते। लेकिन सिया का दिल जानता था—यह सब सच नहीं, एक छलावा है।
उसी वक्त राज का फोन आया। “सिया, आज शाम जल्दी तैयार रहना। हमें एक पार्टी में जाना है।”
सिया ने हैरानी से पूछा—“पार्टी? किसकी?”
राज ने बस इतना कहा—“कुछ जरूरी है, तुम बस आ जाना।”
फोन कट गया, पर सिया के मन में सवालों का तूफान उठ खड़ा हुआ।
यह कैसा जरूरी मौका है, जिसमें वह उसे अपने साथ ले जाना चाहता है?
क्या यह भी कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा है, या इसके पीछे कुछ और छुपा है?
सिया ने मन ही मन ठान लिया—वह आज राज की आँखों में झाँक कर उसकी असली भावना समझने की कोशिश करेगी।
शायद यही वह पल हो, जब उनके बीच का नकली रिश्ता असली मायनों में अपनी राह चुनना शुरू करे।
कमरे की खामोशी में सिया के दिल की धड़कन साफ सुनाई दे रही थी।
वह सोच रही थी—“क्या यह रिश्ता सचमुच सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट है… या किस्मत हमें किसी और कहानी की तरफ ले जा रही है?”