सनातनी_जितेंद्र Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

सनातनी_जितेंद्र Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful सनातनी_जितेंद्र quote can lift spirits and rekindle determination. सनातनी_जितेंद्र Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

सनातनी_जितेंद्र bites

हैं बाबा तेरे साथ तो, किस बात की फिकर।
घट-घट की हर इक जानते, करना ना तु जिकर।।
जोगी मतवारा है जी, जग का रखवारा है।
रखते हैं मान उनका, जिसने उन्हें पुकारा है।।
मिल जायेंगे हमें भी, वो एक दिन-2, ये विश्वास मन में धर....हैं बाबा....
म्हारा भोलेनाथ जी...
शिव-शंकर शंभूनाथ जी.......
क्रमशः........✍️
#प्रार्थना
#शिवोऽहम्
#शिव_का_साथ
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

गुरु कौन है?

फूले न घटे, ऐसा मन कर दे,
विशुध्द सत्व ओजयुक्त, तन कर दे।
दुर्गुणों का शमन कर, पाप मुक्त कर दे,
हैं गुरु वो! जो कई मनों को,इक मन कर दे।।

अंधेरों को छांट, सर्वथा प्रकाश भर दे,
जीवन की रिक्तियों से, अवकाश हर ले।
चंञ्चल मनोवेगों को, स्थिर कर दे,
हैं गुरु वही! जो मानव में, ईश्वर भर दे।।
क्रमशः....✍️
#गुरुपूर्णिमा
#गुरु_कौन ?
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

दबाव! जिंदगी में, इस हद तक बढ़ गया।
ढोते-सहते ही इंसा में , मन! मर गया।।
#दर्पणकासच
#दर्द_छलक_जाता_है
#दबाव
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

किताब नहीं कोई, ना ही कोई किस्सा है,
जीना है प्रेम-प्रेम जिंदगी का हिस्सा है।
भटकते हुए थक,अधर में लटक जाओगे,
पड़े मरघट में सोचकर यही पछताओगे।
मुट्ठी बांध आये थे, खोल हाथ जाओगे,
प्रेम ना दिया भला! फिर कैसे मुक्ति पाओगे।
#प्रेम_समर्पण
#प्रेमजोग
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

तमन्ना हो तुम तुम्हीं चाहत हो,
एकनिष्ठ प्रेम की राहत हो।
मन जीवन की आहट हो,
इन सांसों की गर्माहट हो।
#तुम
#तमन्ना
#प्रेमजोग
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

रोता आकाश है, बारीश समझ लेते हैं लोग।
रोता मन है तो, गुजारिश समझ लेते हैं लोग।
तरीका ना कुछ और था पीड़ा मिटाने को..
मगर! यहां तो......
गैर के दर्द को, खारिश! समझ लेते हैं लोग।
#दर्पणकासच
#दर्द_छलक_जाता_है
#शिकायतनकरेंगे
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

बदलते स्वयं ही, आरोप हमपे मढ़ते हैं।
ये अपने भी ना, क्या-क्या स्वांग रचते हैं।।
#पीड़ा_मन_की
#दर्द_छलक_जाता_है
#योरकोट_हिंदी
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

बदलाव जारी है, आरोप-प्रत्यारोप में,...
हर एक वाद में, प्रारुप यही भारी है।।
#दर्पणकासच
#दर्द_छलक_जाता_है
#शिकायतें_कुछ_ऐसे_भी
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन