KAVYOTSAV Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

KAVYOTSAV Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful KAVYOTSAV quote can lift spirits and rekindle determination. KAVYOTSAV Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

KAVYOTSAV bites

#KAVYOTSAV -2

આપે હદયમાં સ્થાન તો હું દિલ ધરું,
આપે હજારો કષ્ટ તો પણ હું સહન કરું.

આપે જીવનભર સાથ તો હું હાથ ધરું,
જગતના જૂના રીત રિવાજ ને હું દૂર કરું.

તારો પ્રેમ ન મળે તો દુઃખ નહિ સાથ મળે
તો પણ વધી આગળ તને હું સાદ કરું.

ક્યાંય સાંભળ્યું છે કે પ્રેમી મળ્યા ઇતિહાસે,
તો પણ અમર પ્રેમ રાધેક્રિષ્ન હવે યાદ કરું

- પરમાર રોહિણી " રાહી "

-- Parmar Rohini Raahi

માતૃભારતી થકી પ્રસારિત થઇ https://www.matrubharti.com/bites/111166462

माँ की याद दिलाती बेटी
यूँ मुझको समझाती बेटी

अनजाने लोगों के घर को
हंस हंस कर अपनाती बेटी

फूलों को शरमा देती है।
जब भी है मुस्काती बेटी

अपने तो बस ज़ख्म लगते
मरहम सिर्फ लगाती बेटी

कोई झुर्म नहीं है लेकिन
कोख़ में मारी जाती बेटी

फूलों सी बाबुल के अंगना
साजन घर कुम्हलाती बेटी

मजदूरी भी कर लेती है।
बापका क़र्ज़ चुकाती बेटी

अपने सब हो जब बेगाने
किस से आस लगाती बेटी

सुने घर को सुने मन को
खुशियो से भर जाती बेटी।

करना कद्र कभी तो उसकी
किस्मत से मिल पाती बेटी

उसके हक़ का रिज़्क़ है इसमें
कब औरो का खाती बेटी

महबूब इतनी कुर्बानी कर
दुनिया से क्या पाती बेटी

महेबुब सोनालिया

#kavyotsav -2
Today is #Birthday of my daughter
seeking for you blessings

#kavyotsav -2
                                   પ્રથમ મિલન

તમે મને મળ્યા ને મારી આખો ને નજર આપી ,
તમે મારી સાથે બોલ્યા ને હૃદય ને પાંખ આપી.
સંજોગે સજોડ એવા સમય ના સદુપયોગ થી,
વિશ્વસનીય ચહેરો એ મારા દિલ ને આપ્યો .
નાજુક નયનો માં એ માસૂમિયત એ ચહેરા ની ,
પૂછવું હતું નામ ને પુછાઈ ગયું કંઈક એ તેજ ગતિ થી.
સુચિંતન અને સુજોડ ની કલ્પના એ ક્યાંથી કરી ?

બસ ! આંખો થી આંખ માં આશ્વાસન નો સાથ મળ્યો.
પ્રણય ની પ્રથમ મુલાકાતે અમે ભાવ આપ્યો ,
સુયોગે લાગણી ની લટપટ માં મને પ્રતિભાવ મળ્યો.

નિર્ણય આવ્યો એ થોડા જ શબ્દો ના શિષ્ટચારે,
આજ તો છે એ જીવન સંગીની સુવાચ્ય જિંદગી ની.
પ્રેમ ના પાગરણ માં એ તમારા દિલ ના આંગણામાં,
હકારાત્મક પ્રત્યુત્તરથી અવાવવાનો મોકો મળ્યો.

ભવિષ્યના ભણકારે સાત જન્મોનો સાથ તે  કોનો મળ્યો ?
બસ ! આ જિંદગી તારી સાથે મળી જાય એ જ આકાંક્ષા.

#KAVYOTSAV -2
एक यंत्र!!

गाँव के पास वाले शहर से
होने के कारण समाज में सबसे
ज्यादा पढ़ीलिखी थी।

उच्च शिक्षा प्राप्त करके सोचती थी
नौकरी लग जाए,
इस बीच आने लगे बड़े घरों के रिश्तें।
उसने भी सोचा क्या बुरा है
शादी करके ये सब देख लिया जाएगा।
उन अनपढ़ औरतों में
सबसे ज्यादा मान तो उसे ही दिया जाएगा।
सुंदर और सुशिक्षित है वो,
बनकर रहेगी पतिप्रिया।

पति का प्यार था सुर्ख गुलाब
मगर जिसकी पंखुडियां चारदिनों
में ही झड़ गयी।
नजर आने लगे
सामंजस्य न बैठा पाने के शूल।
ऊपर से मनमौजी लड़की की
स्वभाव गत भूल।

पति से मिली ताकीद
घर पर रहकर सब संभालोगी
तो मुझे भाओगी।
यूं भी इतने बड़े घर
में बाहर जाने का तुम वक्त कहाँ पाओगी।

मनमसोस कर
अरमानों की पोटली बांध
उसने छिपाकर रख दी।
खुद को करने लगी तैयार
सुघड़ गृहिणी बनने के लिए।
इस बीच माँ भी बनी,
अकेले और काम के बीच
अपरिपक्वता का कैशोर्य
उसपर अक्सर दिखता।
झल्लाहट से भरी रहती।

धीरे-धीरे आखिर सोते जागते
जपती रहती कामों की माला।
नींद में भी देखती सारे काम
निपटाने के सपने।
हँसना बोलना अब पसंद नहीं था।

जो कभी कहा करती थी कि पुरानी
औरतें मशीन की तरह काम करती थी।
अब वो खुद ही बन चुकी थी एक यंत्र
हाँ दक्ष दिखने के लिए
करती रहती थी खुद पर रंगरोगन।
आजकल आवाजें भी निकालती
है कराहने की सी सी करते हुए।
जैसे मशीन करती है चरचूँ।
और खुद को गुनगुनाती है
एक कर्कश गीत की तरह।

खुद पर है गुमान
उसके पास सब काम निपटाने का मंत्र है।
मगर उसे अहसास ही नहीं
वह खुद एक सुसज्जित यंत्र है।

कविता नागर

#KAVYOTSAV -2
वो लड़की!!

उसके सपनों के गलियारे में आज भी आती है
चुपचाप सी घूमती हुई एक लड़की।
फुसफसाते हुए अरमान लिए।
गहन संवेदनाओं से घिरी हुई,
मन पर लादे हुए हिदायतों का बोझ।

मन में बस एक चाह,
शिक्षा की उंगली पकड़कर
अपनी पहचान बनाने की।
जो कि उसके लिए आसान कतई नहीं था।

गरीबी की तंग गलियों में
सपने अक्सर टूटा करते है,
खासकर लड़कियों के।
उनके सपने अक्सर परिवार को
काला नाग दिखाई देते है।
वे उनका फन अधिकतर कुचल दिया करते है।

फिर भी उसने अपनी अद्भुत बुद्धि
की रोशनाई झोपड़ी में फैलाई,
और मन की फटी चादर पर,
अपने सपनों का पैबंद लगाकर बढ़ चली।

उसके मन पर था,
हिदायतों का बोझ
जो कभी उतरा ही नहीं।
दिमाग में लक्ष्य के लिए सतर्क नसें।
शरीर पर था दबाव
कम आक्सीजन में पहाड़ चढ़ने की तरह।

इसके बावजूद भी अपने अटूट
और अथक प्रयासों से,
उसने अपनी मंजिल को पाया।
उम्मीदों के शिखर पर उसने
बुद्धिमत्ता का ध्वज फहराया।

आज भी जब वो करती है
आसमानों की सैर,
नहीं भूलती उस धूमिल सी
दुविधाओं से घिरी लड़की को।
सपनों में भी उसे वो ही
निरीह लड़की दिखाई देती है,
जो अपने घायल से मन पर,
सपनों का लेप लगाया करती थी।
कविता नागर।

#KAVYOTSAV -2



प्रेम विश्वास का ...

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प्रेम ने कब भाषा का लिबास पहना हैं,

इसने तो बस मन का गहना पहना है ।



कभी तकरार कहाँ हुई इसकी बोलियों से,

कहता है कह लो जिसको जो भी कहना है ।



लाख दूरियाँ वक्‍त ले आये परवाह नहीं,

हमको तो एक दूसरे के दिल में रहना है ।



दिखावट का आईना नहीं होता प्रेम कभी,

हकीकत की धरा पर इसको तो बहना है ।



शिकायतों की चिट्ठी भी हँस के बाँचता,

प्रेम विश्‍वास का सदा अनुपम गहना है ।