हर एक साँस में बसा है तन्हा सफर,
आँखें भी अब कहानी नहीं कहती।
चुपके से बहते हैं आँसू दरिया बन,
जिसे रोकना अब मुमकिन नहीं।
तेरा एहसास अब हर पल का दर्द बन गया,
हर ख़ुशी अधूरी, हर मुस्कान बेगानी।
ये वक़्त भी अब बस एक बेवफा सिलसिला,
जहाँ दिल खो गया अपनी पहचान में।