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काश! खाली जेब ये भर जाती,
किस्मत मेरी भी रंग लाती....
जिंदगी फिर से अपनी गोद में खिलाती,
इसके स्पर्श की गरमाहट आंखों में सुकून की नींद भर जाती।
बेदर्द ज़माने का दिया हर ज़ख्म मिटा पाती,
इन होठों पर, बरसों पहले सी मुस्कान सजा जाती।
काश! खाली जेब ये भर जाती,
किस्मत मेरी भी रंग लाती....
दुनिया मुझे मेरी औकात से नहीं,
काबिलियत से जान पाती...
जहां, मेहनातना मांगने से पहले हीं,
हर कीमत अदा कर दी जाती।
बीते लम्हों की मार भुलाकर,
अपनी कहानी एक नए सिरे से लिख पाती।
काश! खाली जेब ये भर जाती,
किस्मत मेरी भी रंग लाती....
राह हजारों हैं यहां,
जिनपर चलकर मैं मंज़िल के क़रीब पहुंच पाती,
ख्याल पैदा कई बार होते हैं,
काश! अपनी नैया भी कोई सहारा पा जाती...
पर, कोई किसी का नहीं इस जहां में,
अपनी कश्ती तो अपने हौसलों से हीं है खेयी जाती।
काश! खाली जेब ये भर जाती,
किस्मत मेरी भी रंग लाती....
मैं, खुद को अपनी अहमियत समझा पाती,
बेकार ज़माने के ताने सुनकर, अपनी पलके नहीं भीगाती।
काश! शख्शियत मेरी लोहे से भी मजबूत कर पाती,
कि, दुनिया की नजरिए में क्या रखा है....
ये तो एक पल में, भगवान और दूजे हीं पल में है, शैतान का खिताब थमा जाती।
कि बस, अब अपनी नजरों में ऊंचा उठ पाती।
काश! खाली जेब ये भर जाती,
किस्मत मेरी भी रंग लाती....
✍️........ 🌸खुशी 🌸..........✍️