काल काल सब माना ,जाने ना कोई महाकाला
कण कण में शिव विध्यमाना,आरूढ़े कंठे भोरिंग काला
भस्म रमाके तांडवे हो नटराजा,करते हैं अंगार से श्रृंगारा
हलाहल धरा हो नीलकंठा ,नतमस्तक हो सारा संसारा
तु ही सत्यम् शिवम् सुंदरा ,तुं ही अनंता ॐकारा
क्रोधे तो प्रलयंकरा रीझे तो शुभंकरा हे महादेवा हे शंकरा
सती/सृष्टि के आधारा ,आराध्य समसाना रूद्र अवतारा
त्यागे तु कैलासा जब भक्तनन ने कष्ट में तुझे पुकारा
आदिअनादि देव जय महाकाला ...जय महाकाला ...
जय जटाधरा ,जय भोले भंडारा ,जय कपाला...
-Falguni Shah#मीरां