आए तो वैसे कही लोग थे महफिल में हमारी
लेकिन नजाने याद क्यों सिर्फ तुम रहे गई
चल रही थी मन में हमारे तुम बन के एक सवाल ?
मगर तुम्हारा हुनर देखकर पता चला
के तुम्हारा तो कोई जवाब नहीं
और सिर्फ यही कहूंगा के
आए तो वैसे कही लोग थे महफिल में हमारी
मगर हो सखे तो शामिल कर लेना
हमे भी एक बार महफिल में तुम्हारी ।