हो सकता है कल मैं वो खो दूँ जो बचाने की जिम्मेदारी रही है मेरी |
हो सकता है कल मैं वो न रहूं जिसे सालों से देखते आ रहे हो तुम |
ये भी हो सकता है कि कुछ भी न हो, और निकल आउ मैं तुफान से !
या फिर ये भी हो सकता है कि बेहद खुशी से अपना आप मैं डूबो आउ !
लोग कहते हैं, जो होता है अच्छे के लिए होता है,
कल भी जो होगा वह शायद अच्छे के लिए हो !
मगर, जो होगा, मेरी खुशी से, मेरी मरजी से होगा |
क्या इतना काफी नहीं है ?!
-Anu