आज फिर से आयना मानो कुछ कहने लगा
कभी बेनूर सी आंखो
में तुम काजल लगाया करो
कभी हसकर तो सामने आया करो
कभी माथे पे अपने बिंदिया तुम लगाया करो
कभी हसकर तो सामने आया करो
कभी फुर्सत मिले अपनो से तो अपने लिए भी
थोडा मुस्कुराया करो
तुम
जूम कर ना सही
कभी हसकर तो सामने आया करो
-Aaradhyaba