जी रहा था "मन",बेतकल्लुफ ए-जिंदगी तुझे।
आदत बनी रंग में सनी,फिर इक दिन मरहूम कर चलती बनी।।
#गम_ए_ज़िन्दगी
#वहीमुश्किलहै
#तकल्लूफ
#मरहूम
#आदत
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111788060

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