तीन! ही प्रकार का समय है, हरेक के पास...
1-कल(जो बीत चुका है),
2-आज(जो चल रहा है)......
3-कल(जो आनेवाला है)

अब बिडम्बना! ये है........ कि इन दो कलों के चक्कर मे,
हम हर पल अपने आज को खो रहे हैं।

जिंदगी! फिसल रही है, हर घड़ी रेत के माफिक।
हम हैं कि कल की चिंता लिये, बीते जा रहे।।
#दर्पणकासच
#समयरुकतानहीं
#जिंदगीकीजंग
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Motivational by सनातनी_जितेंद्र मन : 111815293

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