(तेरी मेरी कहानी)
तेरे पास जो लगता हूँ मैं,
खुद से भी कुछ सस्ता हूँ मैं।
तेरी साँसों की रौशनी में,
हर पल जैसे चमकता हूँ मैं।
**तेरी ख़ुशबू से भीग जाऊँ,
तेरे लहजे में जी जाऊँ,
तू जो कह दे एक बार बस,
उसी बात में ठहर जाऊँ।**
तेरे बिना जो दिन कटे,
वो मौसम जैसे सूखे थे।
तेरी हँसी की लौ में अब,
सब अंधेरे झूठे थे।
तू है तो मैं हूँ, तू ना हो तो,
सांसें भी बस कागज़ सी।
तेरे नाम की धड़कन में ही,
ज़िन्दगी मेरी बाज़ी सी।
तेरे होंठों पे चुप सी क्यों है,
कुछ कहती है, कुछ डरती है।
मैं पढ़ लूँ तुझको खामोशी से,
तेरी आँखें सब कहती हैं।
**चल कहीं दूर चलें हम दोनों,
जहाँ शब्दों की ज़रूरत ना हो।
सिर्फ़ दिल बोले, और प्यार बहे,
कोई दुनिया, कोई फ़ज़ा ना हो।**
तेरे बिना जो दिन कटे,
वो मौसम जैसे सूखे थे।
तेरी हँसी की लौ में अब,
सब अंधेरे झूठे थे।
बस तू रहे पास यूँ ही सदा,
हर साँझ-सहर तेरा नाम लिखूँ।
अगर मोहब्बत हो कोई साज,
तो हर सुर में मैं तुझे ही दिखूँ।
लेखक
सुहेल अंसारी (सनम)
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