# पहली और आखिरी मोहब्बत
## पहली मुलाकात
शहर की भीड़ में, रिया और अर्जुन पहली बार कॉलेज की लाइब्रेरी में मिले थे। दोनों एक ही किताब ढूंढ रहे थे — "गुलाबों की खुशबू"। अर्जुन ने हल्की सी मुस्कान के साथ कहा, **"शायद ये किताब आपको पहले मिलनी चाहिए… पर एक शर्त है — इसे पढ़कर अपनी राय मुझसे ज़रूर शेयर करें।"**
## दोस्ती से मोहब्बत तक
धीरे-धीरे मुलाक़ातें बढ़ीं, बातें लंबी होने लगीं, और रिया को एहसास हुआ कि अर्जुन सिर्फ़ उसकी किताबों की पसंद नहीं, बल्कि उसकी धड़कनों को भी समझने लगा है। उनकी दोस्ती ने एक गहरी मोहब्बत का रूप लेना शुरू कर दिया।
## बारिश में इज़हार
एक शाम बारिश में, छतरी के नीचे, अर्जुन ने रिया की आँखों में देखते हुए कहा — *"मुझे नहीं पता भविष्य में क्या होगा, लेकिन आज… तुम ही मेरी कहानी हो।"* यह सुनकर रिया की आँखों में चमक आ गई और एक नई शुरुआत का एहसास हुआ।
## समय की परीक्षा
वक़्त बीता, कॉलेज ख़त्म हुआ, दोनों ने अपने-अपने करियर की शुरुआत की। दूरी आई, मगर मोहब्बत उतनी ही गहरी रही। उनकी बातचीत और मुलाकातें भले ही कम हो गईं, लेकिन दिलों के बीच की दूरी कभी नहीं बनी।
## प्रस्ताव
एक दिन, अर्जुन ने रिया को उसी लाइब्रेरी में बुलाया, जहाँ वे पहली बार मिले थे। किताब के बीच में एक छोटी सी अंगूठी रखी थी और एक पन्ने पर लिखा था — **"तुम मेरी पहली और आखिरी मोहब्बत हो, क्या तुम मेरी जिंदगी बनोगी?"**
रिया ने मुस्कुराते हुए अर्जुन की तरफ देखा और उसकी आँखों में वही प्यार और वादा पाया, जो उसने पहली बार महसूस किया था। यह एक नई शुरुआत की ओर बढ़ने का वक्त था, एक ऐसी शुरुआत जो कभी खत्म नहीं होने वाली थी।