🇮🇳 "वो कलाम थे..." 🇮🇳
वो कोई आम इंसान नहीं थे,
वो तो आसमान को छूने का अरमान थे।
रॉकेट की गूंज में गूँजता नाम था उनका,
हर बच्चे के दिल का सलाम थे।
सादगी में बसता था उनका राज,
हाथों में किताब, आँखों में परवाज़।
सपनों को हकीकत में ढालने वाले,
देश के असली नायाब ताज।
वो कहते थे — “सपने देखो, पर सोकर नहीं,”
मेहनत करो, गिरो, उठो — रुककर नहीं।
मुस्कुराकर झेलते थे हर मुश्किल,
जैसे आग में भी फूल खिलते हों कहीं।
मिसाइल मैन तो थे ही, पर उससे बढ़कर,
वो बच्चों के दिलों के भगवान थे।
ज्ञान, कर्म और विनम्रता के प्रतीक,
वो अब्दुल कलाम, एक पहचान थे।
आज भी जब कोई बच्चा सपना देखता है,
वो मुस्कुराते हैं आसमानों में कहीं।
कहते हैं — “भारत का भविष्य तुम्हारे हाथों में है,”
बस उसे सच कर दिखाओ यहीं। ✨🇮🇳