शीर्षक : खुल के जियो
जीना यहाँ सभी को खुलके
पर लोग कहा जी सकते खुल के ।
मन की एक गांठ खोल नहीं पाते,
वक्त के साथ यही गाठे रूप लेती है ज़हर का,
यदि है कुछ मन में तो बोल दिया करो
मेरे यार ज़िंदगी तुम भी खुलके जी लिया करो
बोझ यदि बढ़ गया हद से ज़्यादा
तो मन के साथ शरीर की स्थिति भी बिगड़ जाएगी
दिल का दोहरा पड़ते देर नहीं लगेगी
तो मेरी बात मानलो और मन गाठ खोल जी लिया करो
तेरे मन की स्थिति तुमसे बहतर ना कोई समझ सका है,
ना समज पायेगा
तो मेरे दोस्त तुम ख़ुद की देखभाल थोड़ी कर लिया करो
जब तक सलामत है तेरे हाथ प्रेर तब तक ज़िन्दगी बहुत सही है
जिस किसी लाठी या मनुष्य का सहारा लेना पड़े उस दिन दुखी हो सकते हो तुम
मेरे दोस्त बहुत सुंदर है यह जीवन तो उसे थोड़ा खुल के जी लिया करो शीर्षक : खुल के जियो
जीना यहाँ सभी को खुलके
पर लोग कहा जी सकते खुल के ।
मन की एक गांठ खोल नहीं पाते,
वक्त के साथ यही गाठे रूप लेती है ज़हर का,
यदि है कुछ मन में तो बोल दिया करो
मेरे यार ज़िंदगी तुम भी खुलके जी लिया करो
बोझ यदि बढ़ गया हद से ज़्यादा
तो मन के साथ शरीर की स्थिति भी बिगड़ जाएगी
दिल का दोहरा पड़ते देर नहीं लगेगी
तो मेरी बात मानलो और मन गाठ खोल जी लिया करो
तेरे मन की स्थिति तुमसे बहतर ना कोई समझ सका है,
ना समज पायेगा
तो मेरे दोस्त तुम ख़ुद की देखभाल थोड़ी कर लिया करो
जब तक सलामत है तेरे हाथ प्रेर तब तक ज़िन्दगी बहुत सही है
जिस किसी लाठी या मनुष्य का सहारा लेना पड़े उस दिन दुखी हो सकते हो तुम
मेरे दोस्त बहुत सुंदर है यह जीवन तो उसे थोड़ा खुल के जी लिया करो