हम लापरवाह हैं बेशक! अपने तन के लिए ,
पर लापरवाह नही अपने प्यारे वतन के लिए |
हाँ ! हम विमुख हो गये अपने माँ के कर्तव्यों से,
और लापरवाह है पत्नि की ख़्वाहिश,
बच्चों की परवरिश से , पर अटल है ,
भारत माँ के कर्तव्यों पर|
नही बची साँसे अब मेरी,
धरती माँ पर नैव्छावर कर दी |
सींच दी फसल पीढ़ियों के लिए साहस,
और अधिकार की, अपने रक्त की धार बहाकर |
मेरे फौजी भाई को समर्पित जो हमसे दूर अनंत यात्रा पर निकल गये
#लापरवाह