"सांप्रदायिकता, हठधर्मिता और उनकी वीभत्स वंशधर धर्मांधता इस सुंदर पृथ्वी पर बहुत समय तक राज कर चुकी हैं। वे इस धरती को हिंसा से भरती रही हैं व उसको बारम्बार मानवता के खून से नहलाती रही हैं और कई सभ्यताओं का नाश करती हुई पूरे के पूरे देशों को निराशा के गर्त में डालती रही हैं।"
विवेकानंद जयंती की अनंत शुभकामनायें। ❤️🇮🇳️🙏