“थोड़ा पानी पिया,
याद रब को किया
भूख भी मिट गई
प्यास भी बुझ गई।
कम हर हाल मे
नाम को साल मे
ईद की एक
छुट्टी मनाते है।
जीना मुश्किल तो है
अपना भी दिल तो है
दिल में अरमान है
हम भी इंसान है।
जब सताते है गम
ऐश करते है हम
बीड़ी पीते है और
पान खाते है हम
सारी दुनिया का
बोझ हम उठाते है ।
लॉग आते हैं लॉग जाते हैं
हम यहीं पे खड़े रह जाते है
सारी दुनिया का बोझ
हम उठाते है
🕺
- Umakant