🌸 राष्ट्रगीत – “सपनों का भारत”
लेखक / रचनाकार : पूनम कुमारी
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भूमिका (प्रस्तावना – धीमी लय में)
ओ भारत माँ! तेरी माटी अमर,
तेरी धूप में है हर सपना संसार।
तेरे आँचल में इतिहास छुपा,
तेरे हर कोने में संस्कृति बसा।
तेरे वीरों का बलिदान अनमोल,
तेरी हरियाली करती है जीवन का पोल।
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कोरस (मुख्य भाग – सभी मिलकर गाएँ)
जय-जय भारत माँ, जय-जय भारत माँ,
तेरी शान अमर, तेरा मान अमर।
जय-जय भारत माँ, जय-जय भारत माँ,
तेरे चरणों में है समर्पण हमारा।
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अंतरा 1 – प्रदेशों की खासियत
सिक्किम की बर्फ़ीली चोटियाँ,
राजस्थान के सुनहरे थार की रेत।
केरल की नहरें, कश्मीर की घाटियाँ,
गुजरात के वन, पंजाब के खेत।
मध्य प्रदेश के जंगल, बिहार के मेला,
तमिलनाडु की मंदिर, महाराष्ट्र की हवा।
ओड़िशा का सांस्कृतिक पर्व, छत्तीसगढ़ का रंग,
हर राज्य में बसी है भारत की उमंग।
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कोरस दोहराएँ
जय-जय भारत माँ, जय-जय भारत माँ…
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अंतरा 2 – वीरता और बलिदान
झाँसी की रानी की बहादुरी अमर,
सुभाष, भगत, लाल बहादुर का त्याग।
सीमा पर जवानों की शपथ महान,
शहीदों का खून है तेरी पहचान।
हर वीर का साहस हमारे दिल में,
हर बलिदान गाथा गाती धरती में।
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कोरस दोहराएँ
जय-जय भारत माँ, जय-जय भारत माँ…
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अंतरा 3 – संस्कृति और त्योहार
दीपावली की रौशनी, होली के रंग,
गुरु पूर्णिमा का ज्ञान, ईद का संग।
संगीत, नृत्य, नाट्य और कला की धारा,
भारत की पहचान, दुनिया में उजारा।
पंडालों में रामलीला, रंगों में छठ,
त्योहारों में मिठास, खुशियों की बौछार।
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कोरस दोहराएँ
जय-जय भारत माँ, जय-जय भारत माँ…
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अंतरा 4 – विज्ञान और नई पीढ़ी
चाँद और मंगल पर भारत का ध्वज,
बच्चों की आँखों में भविष्य का गान।
कंप्यूटर, मोबाइल, डिजिटल शिक्षा,
नए भारत का निर्माण, नई दिशा।
उद्योग, विज्ञान, शोध और नई खोज,
भारत बढ़े हर क्षेत्र में, यही हमारी डोख।
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कोरस दोहराएँ
जय-जय भारत माँ, जय-जय भारत माँ…
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अंतरा 5 – प्रकृति और हरियाली
तेरे खेतों में धान की सुनहरी लहर,
नदी, तालाब, झरने, झीलों का सफर।
वन्यजीव, फूल-पौधे, पक्षियों का घर,
भारत की हरियाली है जीवन का धर्म।
हरियाली की छाया में बसे गाँव,
प्रकृति का उपहार है हर बच्चों का गाँव।
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कोरस दोहराएँ
जय-जय भारत माँ, जय-जय भारत माँ…
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अंतरा 6 – दुनिया से सीख और आधुनिक भारत
जापान की मेहनत, रूस की मित्रता,
अमेरिका की खोज, यूरोप की एकता।
हर देश की अच्छाई लेकर बढ़े भारत,
हमारा दीपक जग में जगमगाए हर रात।
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अंतिम अंतरा – भविष्य और संदेश
ना भूख होगी, ना अज्ञान,
हर जीवन में होगा सम्मान।
तेरे बच्चों के हों उज्ज्वल सपने,
तेरा भारत बनेगा सदा प्यारा।
ओ भारत! तेरा नाम महान,
तेरी माटी है जीवन का गान।
जय-जय भारत! जय-जय माँ!
सदा अमर रहे तेरा धाम।
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अंतिम कोरस (जोश और भाव के साथ)
जय-जय भारत माँ, जय-जय भारत माँ,
तेरी शान अमर, तेरा मान अमर।
जय-जय भारत माँ, जय-जय भारत माँ,
तेरे चरणों में है समर्पण हमारा।
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लेखक / रचनाकार : पूनम कुमारी ✅
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