Age Doesn't Matter in Love

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इंदौर के एक आलीशान बंगले में सुबह की हलचल अपने चरम पर थी। रसोई में एक मिडल एज महिला बड़ी तल्लीनता से नाश्ता तैयार कर रही थी। उनका नाम था सरस्वती जोधा — एक स्नेही, समझदार और परंपराओं को मानने वाली गृहिणी। उनका जीवन उनके परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमता था। जैसे ही उसने पराठे तवे से उतारे, उसने रसोई से आवाज़ लगाई, “अभि... अभि! कहाँ हो बेटा?” तभी एक लड़का सीढ़ियों से नीचे उतरता दिखा, अपनी शर्ट की बाँहें मोड़ते हुए, चेहरे पर हल्की सी नाराज़गी का स्थायी भाव लिए। “जी मां...” उसने संक्षिप्त जवाब दिया। सरस्वती जी ने नाश्ता डाइनिंग टेबल पर सजाते हुए प्यार से कहा, “बेटा, देर मत करना... समय पर लौट आना।”

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Age Doesn't Matter in Love - 1

इंदौर के एक आलीशान बंगले में सुबह की हलचल अपने चरम पर थी। रसोई में एक मिडल एज महिला तल्लीनता से नाश्ता तैयार कर रही थी। उनका नाम था सरस्वती जोधा — एक स्नेही, समझदार और परंपराओं को मानने वाली गृहिणी। उनका जीवन उनके परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमता था।जैसे ही उसने पराठे तवे से उतारे, उसने रसोई से आवाज़ लगाई,“अभि... अभि! कहाँ हो बेटा?”तभी एक लड़का सीढ़ियों से नीचे उतरता दिखा, अपनी शर्ट की बाँहें मोड़ते हुए, चेहरे पर हल्की सी नाराज़गी का स्थायी भाव लिए।“जी मां...” उसने संक्षिप्त जवाब दिया।सरस्वती जी ने नाश्ता डाइनिंग टेबल पर सजाते ...Read More