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New bites

Walking alone

kattupayas.101947

Standing alone

kattupayas.101947

Better to be alone

kattupayas.101947

Good evening friends

kattupayas.101947

'​mistake,
"જ્યારે સમય ખરાબ હોય,
ત્યારે લોકો હાથ નથી આપતા,
પણ ભૂલો પકડે છે."
DHAMAK

heenagopiyani.493689

🙏🙏ચા બસ એક જ અક્ષર નો શબ્દ છે.
તો પણ કેટલી સમૃદ્ધિ થી ભરેલ ખજાનો છે.

મિત્રોની મિત્રતા ની વાતોની ને તેનાં સંસ્મરણોની યાદોની સાક્ષી રહેલી છે ચા.

ઝરમર ઝરમર વરસતા વરસાદમાં હળવા પવનની લહેરખીઓમાં બે પ્રેમીજનો સાથે બેસીને માણેલી ક્ષણોની સાક્ષી રહેલી છે ચા.

કોઈ લેખક કે કવિની વહેલી સવારે અટકેલી કલમને વિચારોની સંજીવની આપવામાં મદદગાર બનેલી છે ચા.

કોઈ નારાજ સંબંધીને મનામણાં માટે ભેગા થયેલા સ્વજનો સંબંધીને મનાવી લે ત્યારે સાક્ષી રહેલી છે ચા.

બે દુશ્મનો પણ પરસ્પર એક ચાનાં વ્યવહારથી મિત્રો બન્યા હોય તેમાં દાખલારૂપ બની છે ચા.

કોઈ પ્રથમ મુલાકાત કરશે પરસ્પર ચાનાં વ્યવહારે એવાં વચને બંધાઈ વાટ જોતી જોઈ છે ચા, હ.🦚🦚

parmarmayur6557

Sleep and laughter

kattupayas.101947

Falling asleep

kattupayas.101947

Do you know that the kids are our dependents? They are here for our love and warmth.

Read more on: https://dbf.adalaj.org/8t9wY8XP

#relationship #parenting #love #relationshipadvice #DadaBhagwanFoundation

dadabhagwan1150

Did you sleep well?

kattupayas.101947

सिर्फ तुम......!!
नेहा.....

neharoy649601

#facebook #WhatsApp #instagram
फॉलोअर्स की तालियाँ सुनते-सुनते
आप अपने दिल की आवाज़ दबा रहें हैं...

जी हां आज के समय इंसान समाज में रहते हुए भी अकेला हो चुका हैं लेकिन वो इसे इसलिए नहीं स्वीकारता हैं क्योंकि उसके पास सोशल मिडिया पर अपने निजी रिश्तों से ज्यादा लोगों की फौज जो हैं लेकिन क्या ये फौज उसके वास्तविक जीवन के करीब हैं...? नहीं यहां वास्तविक जीवन का कोई मोल नहीं हैं क्योंकि ये सोशल की दुनियां सिर्फ और सिर्फ झूठे दिखावे की सत्यता पर आपस में एक दूसरे से जुडी हैं... लेकिन जहां सत्यता हैं वहां कम लोग हैं लेकिन सुखी हैं. जो इस झूठ के मायाजाल में पहले तो औरो को फसाते हैं और एक समय ऐसा आता हैं जब वे स्वयं ही बर्वाद हो जाते हैं.... कुछ समहल जाते हैं तो कुछ दुनियां में रहते हुए भी गुमनाम हो जाते हैं...

एक सामाजिक जागरूकता की आस में एक कहानी जल्दी ही आपके समक्ष होंगी..

"फॉलोअर्स का साया"

दीपक बुंदेला "आर्यमौलिक"

deepakbundela7179

Love and laugh

kattupayas.101947

Laughter quotes

kattupayas.101947

Eat your food on time. Enjoy life

kattupayas.101947

Food quotes

kattupayas.101947

💠प्यार में वादा दिल का रिश्ता है।
💠रिश्तों में वादा विश्वास और कर्तव्य का रिश्ता है।
💠व्यापार में वादा नियम और लाभ का रिश्ता है।

deepakbundela7179

A person who can read my Emotions

mayankbhandari84gmail.com090614

Good afternoon friends

kattupayas.101947

धर्म — पिता का स्मरण या मां का अनुभव ✧
✍🏻 — अज्ञात अज्ञानी

भूमिका
धर्म के प्रतीकों में पिता और मां का बड़ा गूढ़ अर्थ छिपा है। इस पुस्तक में हम उस अंतर, उसके दार्शनिक अर्थ, और असली धर्म के स्वरूप की खोज करेंगे। धर्म में पिता और मां के प्रतीक क्यों, और किस ओर ले जाते हैं — यही केंद्र बिंदु है।

अध्याय 1: धर्म के प्रतीक — पिता और मां
धर्म ने ईश्वर को पिता के रूप में प्रस्तुत किया—कारण, बीज, नियम, व्यवस्था, सत्ता और भविष्य की आशा।
मां प्रेम, करुणा, आत्मा, वर्तमान, धारण और जीवन का प्रतीक है।
पिता देता है बीज, मां उसे जीवन देती है।
पिता अधूरा है; मां पूर्ण है।

अध्याय 2: धर्म में पिता का आग्रह
धर्म कहता है — “भगवान को स्मरण करो, सुख मिलेगा, सफलता मिलेगी।”
यह ईश्वर को लाभ देने वाले पिता में बदल देता है।
भूत (बीज) और भविष्य (विरासत) में पिता की ही प्रधानता है।
धर्म व्यवस्था बनाता है, लेकिन हृदय पीछे छूट जाता है।

अध्याय 3: मां की मौन उपस्थिति
मां जीवन देती है, वर्तमान का प्रतीक है।
मां का स्मरण आत्मा, हृदय, प्रेम और मौन की ओर ले जाता है।
मां का प्रेम निःस्वार्थ और निरपेक्ष है।
मगर धर्म ने मां को पीछे छोड़ दिया, सत्ता और व्यवस्था के लिए।

अध्याय 4: धर्म का असली स्वरूप
अतीत (शास्त्र) और भविष्य (आशा) केवल शिक्षा या प्रेरणा है, धर्म का केंद्र नहीं।
धर्म का केंद्र — वर्तमान।
जहां प्रेम है, आत्मा है, मौन है।
यही असली धर्म है।

अध्याय 5: प्रेम या सौदा?
धर्म कहता है — "पिता से प्रेम करो",
पर इसमें छुपा सौदा: “वह देगा, तो हम प्रेम करेंगे।”
मां का प्रेम सौदा नहीं;
उसमें ममता और करुणा बिना शर्त है।

अध्याय 6: शिक्षा और अनुभव
शिक्षा (पुराण, कहानियाँ) केवल संकेत है।
धर्म — अनुभव है।
अनपढ़ भी अगर वर्तमान में प्रेम और आत्मा को जिए, तो वह धार्मिक है।
धर्म शिक्षा नहीं, अनुभव है।

अध्याय 7: मां का धर्म — मुक्तिपथ
मां का अनुभव व्यक्ति को माया-बंध से मुक्त करता है।
वह आत्मा, प्रेम और वर्तमान का मार्ग है।
मां की ओर लौटना ही आत्मा की ओर लौटना है।

सूत्र/कविता
पिता बीज देता है,
मां जीवन रचती है।
धर्म पिता का स्मरण है,
मुक्ति मां का अनुभव है।

भूत-वर्तमान-भविष्य तीनों में खोजा धर्म,
लेकिन मौन के क्षण में मां है धर्म।
जहां प्रेम न बिके,
वहीं है मां, वहीं है आत्मा, वहीं है सच्चा धर्म।

निष्कर्ष
धर्म ने पिता के स्मरण से भूत और भविष्य को पकड़ा,
मां (प्रेम, आत्मा, वर्तमान) को दरकिनार किया।
सत्य यह है —
पिता अपूर्ण, मां पूर्ण।
धर्म व्यवस्था से बाँधता है,
मां का अनुभव मुक्त करता है।
असली धर्म — मां का प्रेम, आत्मा और वर्तमान में ही है।

bhutaji

जय श्री कृष्ण

deepakbundela7179

जब दिल में दर्द भरा हो
और मुस्कान में मिठास न हो
जब धोखा खाकर भी 💔💔
धोखेबाज कहलाए हों
या अपना सब कुछ देकर भी
तुम खाली हाथ आए हों
जब मोहब्बत में
गुलाब के पंखुड़ियों से बिखर गए हों
या किसी किताब के पन्नों के बीच
कोई खूबसूरत याद बन कर रह गए हों
कुछ भी हो जब लगे
आज कुछ अच्छा नहीं लग रहा
मन भारी सा हो रहा है
मुस्कुराने से ज्यादा रोना आ रहा हो
तब बस जी भर के रो लेना चाहिए । 🙂🙂

puneetkatariya2436

What A Line 🔥🔥🔥

mayankbhandari84gmail.com090614