दूरी का सफर
आज दिल ने लिखने को कहा,
और कलम अपने आप तेरे नाम पर रुक गया।
तू जा रहा है। नए रास्ते नए, शहर, नए सपने की तरफ।
वो शहर तुझे बुलाता है,
पर मेरा दिल तुझे छोड़ना नहीं चाहता।
क्या फोन के बिना भी दोस्ती जिंदा रहेगी?
हा... क्योंकि दोस्ती को आवाज की जरूरत नहीं होती।
वो तो खामोशी में भी बात कर लेती हैं,
आखों को आंसू में मुस्कान दे जाती हैं
तेरी याद अब मेरी किताब का पहला पन्ना बन गई हैं,
जहां यादों का ब्लैकलिस्ट लिखा है,
पर तू उसमे मिटाया नहीं जा सकता,
दूरी का सफर लंबा होगा,
पर मेरी दुआओं का साथ हमेशा तेरे साथ रहेगा।
तू जीतना दूर जाएगा,
उतनी गहरी तेरी याद की झंकार मेरे दिल में गूंजेगी।
तू सिर्फ एक दोस्त नहीं,
तू मेरी रूह के आवाज पर लिखा हुआ एक शब्द है,
जो चाहे मैं कितना भी मिटाना चाहूं,
कभी मिटाया नहीं जा सकता।
आज तेरी यादों के साथ,
मेरी डायरी बंद हो रही है
पर कल फिर एक नया पन्ना खुलेगा...
और उसमें सिर्फ यही लिखा होगा __
दोस्ती दूर होकर भी दूर नहीं होती।