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New bites

🌿 ગાડરીયો પ્રવાહ 🌿

બિન વિચારે ટોળું ચાલે,
આંખ મીંચી પાછળ દોડે,
સાચું ખોટું શું એ જાણે?
મન વિવેકને ક્યાંય ન પૂછે.

એક ઘેટું પગલે પડે,
ટોળું પૂરું ખાઈમાં ચડે,
જ્ઞાન-બુદ્ધિ બાજુએ મૂકી,
અંધાનુસરણમાં સૌ દોડે.

મિત્રો, શીખો થોડી ક્ષણ,
વિચાર કરો, વાપરો મન,
સાચા માર્ગ પર તમે ચાલો
નર જ્ઞનની વાતો ને જાણો.

naranjijadeja7114

#Heavy Rain #Flood # My village

ashishsaxena956245

ना जाने आपकी नजरों ने जनाब
मुझ पर ऐसा क्या effact किया है,
बाकी सब reject करके मेरी नजरों
ने सिर्फ आपको select किया है।।
Bitu....

bita

સાંભળ્યું છે કે જેને ચાહત હોય છે જીસ્મ થી.

તે લોકો ખુબજ સમય આપે છે.
પોતાના ગમતાં પાત્રને ખુશ કરવા.

બસ પોતે ખુશ થતાં સુધી,
પછી અસહ્ય દર્દ આપે છે.

તે લોકો જીભથી ખુબજ મીઠાં હોય.
ખુબજ જ મીઠાં સ્વાર્થ પુર્ણ થતા સુધી.

પછી મનની કડવાશ જીભથી અને સ્વભાવથી દેખાય.

હા જીસ્મ ની ચાહત હોય,
જ જાદુગર જેવી.

જાદુ નું સંમોહન ખત્મ,
પછી વાસ્તવિકતા દેખાય સાચી.

parmarmayur6557

आज के लोग सच से घबरा रहे हैं,
सच्चाई की राह से किनारा कर रहे हैं।

सच कह दो तो सवाल उठाने लगते हैं,
ख़ुद को देखना नहीं चाहते, दूसरों को समझाने लगते हैं।

सत्य की राह चलने वाला अकेला रह जाता है,
झूठों के मेले में सच बेगाना कहलाता है।



आज के समय में लोग सच से घबराने लगे हैं।
सच को सुनना नहीं चाहते, देखना नहीं चाहते।
अगर कोई सच कह दे तो उसे समझने के बजाय उस पर विरोध करते हैं।
सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति विरोध और आलोचना का शिकार होता है,
क्योंकि सच्चाई हर किसी को स्वीकार्य नहीं होती।

archanalekhikha

...मौसम में आज काफी बदलाव हो रहा था।
बारिश के होने का कही आसार नजर नहीं आ रहा था।
यह साल का वो दौर था,जब सर्दियां आने की कगार पर थी और बारिश के थम जाने में कुछ समय था।
मानसून की वापसी की रह सभी देख रहे थे,
क्योंकि पिछले तीन महीने में इसकी बहुत कमी हो रही थी।
कैसे हो तुम,
मैं बढ़िया कहते हुए ,परीक्षित ने दोहराया,
की मैने तुम याद किया था।
हां...मुझे पता है..सामने संदेश का प्रत्युत्तर देते हुए,
निहारिका ने दोहराया। निहारिका हाल की कुछ दिनों से परीक्षित को जानने लगी थी।
दोनों में कुछ एक औपचारिक बाते होने लगी थी।
कुछ हद तक हम अगर एक दूसरे से बात करने लगते है,
तो अभाव का पता चल जाता है।
जो कि मानसिक तौर पर एक दूसरे से संवाद करने का जरिए होता है।
संवाद को खत्म करते हुए,
दूसरे दिन मिलने का वादा करके ,
एक दूसरे से विदा ली।



समय का पहिया इतनी सफाई से चलता ही की,
उसके आगे हर एक को झुकना पड़ता है।
उम्र के पड़ाव पर हर कोई अधूरा सा ,लगताहै।
किसी एक के चले जाने से दूसरा कितना मायूस हो सकते,
इसकी व्याख्या करना बेहद मुश्किल है।
सोने की कोशिश करता हुआ,
परीक्षित आज खुद को बेहद बहस और लाचार समझ रहा था।
इसकी वजह से वह अनजान था।
इतनी बेचैनी उसने कभी महसूस नहीं की।
मनोरंजन के कई साधन होने के बावजूद वह ,
खुद इन सबसे परे पा रहा था।
ऐसा कुछ भी नहीं ,जो इसे शांत कर सके।
उसने ऐसे ही पड़े रहना ठीक समझा।
अपने मोबाइल को मेज पर रखकर वह अपने उन विचारों को बहने दे रहा था।
एक सुनसान रास्ता ,
ऊबड़खाबड़ सा,
तरफ सूखे घास।
उस साल भी बारिश कम ही थी।
बैलों की गले में लगी हुई घंटियों की आवाज।
उसके कानो में। गूंज रही थी।
धीरे धीरे वह आवाज उसे समीप आने जैसे प्रतीत हो रही थी।
एकाएक से उसे अपने दादाजी याद आ गए।..
उसके आंखों में। आंसू बहने लगे।
एक एक बूंद गालों से होकर तकिए तक जाने लगी।
किस तरह उन्होंने ,
परीक्षित को संभाला था ,
वह हर एक पल उसकी आंखों के ,
एक फिल्म की तरह चलने लगा था।
भावनाओं का सागर उमड़ने लगा,और वह उस बेचैनी में खो जाने लगा।
क्रमशः।

rahul.9970

writer's block 😶

aishanaz701550

Goodnight friends

kattupayas.101947

Na tu jamee ke liye hai na asamaa ke liye hai....

Jahan hai tere liye..
Tu nahi hai jahan ke liye...💓

nirbhayshuklanashukla.146950

किताबों से भी खूबसूरत
कोई दिलरुबा नहीं होती हैं
चाहूँ जब भी मैं देखना इसे
मेरे नजरों के पास होती हैं

गजेंद्र

kudmate.gaju78gmail.com202313

Good evening friends. have a great evening

kattupayas.101947

🌸 प्यार की नोकझोंक 🌸

कभी तुम रूठ जाती हो, तो मैं मनाता हूँ,
कभी मैं खामोश होता हूँ, तो तुम तड़प कर बुलाती हो।

तेरी आँखों की नाराज़गी भी कितनी प्यारी है,
जैसे बरसात के बाद धूप की तैयारी है।

तू कहती है – “तुम सुनते ही नहीं मेरी बातें!”
मैं कहता हूँ – “अरे जान, मेरी सांसों में बसी हो तुम और तुम्हारी सारी बातें।”

कभी गुस्से में कहती हो – “बस, अब बात मत करना!”
फिर दो पल बाद कहती हो – “इतना चुप क्यों रहते हो, कुछ तो कहना!”

ये तकरार ही तो हमारे रिश्ते का गहना है,
नोकझोंक में छुपा हमारा सच्चा प्रेम है।

लड़ाई हो या प्यार, सब तुझसे ही है,
मेरी हर धड़कन का इकरार बस तुझसे ही है। 💖✨

rashmidwivedi205340

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है। यादें वादे

mamtatrivedi444291

तुझ्याविना आयुष्याला कुठे आधार उरला,
माझ्या रिकाम्या मनामध्ये कुठे उजेड उरला।

तुझ्या आठवणींनी छळलंय फार यातनेने,
स्वप्नातही भेट होईल असं इशारा न उरला।

तू गेला सोडुन, आम्ही वाटा फक्त पाहत राहिलो,
आता अश्रूंशिवाय कुठे आधार उरला।

तुझ्या मेहफिलीतसुद्धा आठवलं नाहीस तू आम्हाला,
इतकं अन्याय, की मनाचंही गाऱ्हाणं न उरलं।

by Fazal Abubakkar Esaf

fazalesaf2973

....ऐसा कुछ नहीं है।
जैसे तुम सोच रहे हो ,वैसी बात नहीं।
काम ही इतना है कि,
मैं तुम्हारे लिए समय नहीं निकाल पा रही हूं।
लेकिन इस स्पष्टीकरण से विवेक का समाधान न हुआ।
वह बहुत अच्छी तरह से इस संभाषण का अर्थ जानता था।
मगर,अपराजिता की मन की हालत को देखकर उसने ,
उसपर व्यक्त होना सही न समझा।
मन के अंदर जब शोर हो ,
तब कुछ भी अच्छा नहीं लगता।
चाहे,कितना भी अजीज रिश्ता अपने जीवन में समाहित न हो।
वह हर एक पल,
डर,बेचैनी और उदासी की उस बेल पर लगे फुल की तरह है,
जो सुंदर होते हुए भी हम उसका सहारा लेकर मन को शीतलता का अनुभव कराए।
व्यक्तिगत रूप से आज हर एक इंसान इसी ,
भावना में रह रहा है।
चाहे वह जीवन की किसी भी पायदान पर हो,
मगर अपने निजी जीवन में व्यक्त करने के लिए ,
एक विश्वासपात्र का होना बेहद जरूरी है,

rahul.9970

yesi mot mile to 100 sa ji ke koi faida nahi

virdeepsinh

“Dil Se Kalam Tak – मेरी लेखनी की शुरुआत”

दिल की आवाज़ जब कलम से मिले,
हर लफ़्ज़ में जादू सा खिले।
यहाँ हर बात है दिल से निकली,
जो रूह तक जाए, छू जाए दिली।

आपका स्वागत है इस सफ़र में खास,
जहाँ लिखते हैं हम अपने दिल के एहसास।
दिल से कलम तक ये मेरी दुनिया है,
जहाँ हर जज़्बात की होती है जुबां यहां।

आइए जुड़िए इस प्यार के जहान से,
जहाँ हर कहानी है दिल की शान से।

____dil se kalam tak____
✍🏻
प्रेमलता आर्मो

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dilsekalamtak711812

✧ गीता-सूत्र श्लोक १ ✧

नाहं कर्ता न च भोक्ता, नाहं सत्यनिर्णायकः।
अस्तित्वमेव सर्वकर्ता, तस्मै समर्पये मनः॥

---

📖 अर्थ :
“न मैं कर्ता हूँ, न भोग करने वाला, और न ही सत्य का निर्णायक।
सर्वकर्ता तो केवल अस्तित्व है — उसी को मैं अपना मन अर्पित करता हूँ।”

गीता-सूत्र ✧

(कर्तापन का त्याग – अकर्तापन का धर्म)

1. मैं न सही हूँ, न ग़लत —
सत्य का निर्णय अस्तित्व करता है।

2. जो स्वयं को सही कहता है,
वह भविष्य के दुःख का बीज बोता है।

3. कर्ता बनने की आकांक्षा ही बंधन है।

4. अकर्तापन ही मुक्ति है।

5. जो भीतर से सहज आता है,
वही पालन करने योग्य धर्म है।

6. परिणाम मेरा नहीं,
परिणाम अस्तित्व का है।

7. मैं साधन नहीं, साक्षी हूँ।

8. मैं करने वाला नहीं,
अस्तित्व मेरे द्वारा करता है।

9. फल की चिंता करने वाला
पहले ही बंधन में गिर चुका है।

10. कर्म निष्काम है तो शुद्ध है।

11. स्वार्थ ही कर्म को कलुषित करता है।

12. अस्तित्व के प्रवाह को समर्पित हो जाना ही योग है।

13. कर्तापन अहंकार है,
अकर्तापन आत्मा है।

14. जो “मैं करता हूँ” कहता है,
वह दुःख का निर्माता है।

15. जो “अस्तित्व करता है” देखता है,
वह आनंद का साक्षी है।

16. कर्ता बने रहना मृत्यु का बोझ ढोना है।

17. अकर्तापन में ही जीवन का नृत्य है।

18. जो परिणाम को छोड़ दे,
वही वास्तव में कर्म करता है।

19. करना तुम्हारा है,
फल अस्तित्व का है।

20. यही कृष्ण का गीता-संदेश है —
कर्म करो, कर्ता मत बनो।

21. जब कर्तापन मिटता है,
तभी आत्मा प्रकट होती है।
अज्ञात अज्ञानी

manishborana.210417

" ભીતરમાં કોઈ "

સળવળે છે ભીતરમાં કોઈ.
ખળભળે છે ભીતરમાં કોઈ.

ભરાયો છે કેમ ડૂમો આજ?
શું સાંભરે છે ભીતરમાં કોઈ?

બનીને ઉમ્મીદ આ હૃદયમાં,
ઝળહળે છે ભીતરમાં કોઈ.

કેમ હૃદય ભીંજાયેલું લાગે?
શું પલળે છે ભીતરમાં કોઈ?

બાતલ થયું સમણું આંખોથી,
હવે, છળે છે ભીતરમાં કોઈ.

રોજ સવારે ઊગે ને, "વ્યોમ"
સાંજે ઢળે છે ભીતરમાં કોઈ.

✍... વિનોદ. મો. સોલંકી "વ્યોમ"
જેટકો (જીઈબી), મુ. રાપર.

omjay818

Do you know that despite natural differences between the husband and wife, if both can accept each other as they are, then the relationship lasts and even love in the marriage lasts?

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dadabhagwan1150

"My mother used to buy bangles for 10brupees and give them to me with love. But now, for my daughter, I have to spend at least 100 rupees to buy bangles. Times have changed, but only my daughter’s smile has reminded me of my childhood days."

ashwathshivarathri421142

बगैर उम्मीद के रिश्ते

रिश्ते अगर उम्मीदों के बोझ से मुक्त हों,
तो उनमें सुकून की ठंडी हवा बहती है।
न कोई शिकायत, न कोई गिला,
सिर्फ अपनापन ही अपनी जगह कहती है।

बगैर उम्मीद के रिश्ता एक आईना होता है,
जो जैसा है वैसा ही सच्चा दिखता है।
ना कोई मुखौटा, ना कोई बनावट,
सिर्फ दिल का साफ़पन झलकता है।

जहाँ चाहत बिना शर्त के मिलती हो,
वहाँ भरोसा अपना घर बनाता है।
न देने की चिंता, न पाने की चाह,
बस जुड़ाव ही जीवन सजाता है।

ऐसे रिश्तों में चुप्पी भी मीठी लगती है,
और खामोशी भी गीत सुनाती है।
क्योंकि जब दिल बिना उम्मीदों के जुड़ते हैं,
तो मोहब्बत अपने असली रूप में मुस्कुराती हैं l

DB-ARYMOULIK

deepakbundela7179