#Shaheed शहीद

न चादर बड़ी कीजिए,
न ख्वाहिशें दफ़न कीजिए ।
जो देश पर शहीद हो गए,
उनका परिवार भी देखिए ।

न परेशान किसी को कीजिए ,
न हैरान किसी को कीजिए ।
जो सुरक्षा में शहीद हो गए,
उनकी भी कभी तो सोचिए ।

कोई लाख ग़लत भी बोले,
मुस्करा कर छोड़ दीजिए ।
जो देश पर शहीद हो गए ,
उनको श्रृद्धासुमन दीजिए ।

न रूठा किसी से कीजिए,
न झूठा वायदा कभी कीजिए ।
जो भारत मॉं पर शहीद हो गए ,
उनकी क़ुर्बानी को नमन् कीजिए ।

आशा सारस्वत
22-01-22

Hindi Poem by Asha Saraswat : 111779649

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