बुजुर्गो की सेवा का पुण्य
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जीवन में कुछ कीजिए या न कीजिए
ये आपकी मनमर्जी है,
मगर बुजुर्गों की सेवा सत्कार
सम्मान खूब कीजिए।
बुजुर्गो के साथ अपनी मनमानी
या उनकी उपेक्षा मत कीजिए।
बुजुर्गो की सेवा का लाभ लीजिए
जीवन में असीम पुण्य अर्जित कीजिए।
दुनिया भर के पूजा पाठ भजन कीर्तन
तीर्थाटन से जो नहीं मिल सकता
उसे बुजुर्गों की सेवा से मुफ्त में पा लीजिए।
हमारे बुजुर्गों में ईश्वर बसता है
इसलिए बुजुर्गों की सेवा कर
ईश्वर कृपा प्राप्त कर लीजिए,
बुजुर्गो को खुशियां देकर
अपने लिए ढेरों पुण्य अर्जित कर लीजिए,
अपना अपना जीवन संवार लीजिए,
बुजुर्गों की सेवा का प्रण कर लीजिए
अपना अपना जीवन धन्य कर लीजिए।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
© मौलिक स्वरचित

Hindi Poem by Sudhir Srivastava : 111876929

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