शिकवा नहीं कि तुम किसी और के हो जाओ,
बस दर्द यह है, कहीं ख़ुशबू न खो जाओ।
ये दिल की लगी है, कोई बाज़ार का सौदा नहीं,
हमने तुम्हें चाहा, बस इतना ही जताओ।
हम जानते थे सफ़र हमारा कभी मिलना नहीं,
राहें जुदा हैं, पर यादें न भुलाओ।
तुम्हारी ख़ुशी में ही मेरी हर ख़ुशी शामिल है,
चाहे कहीं भी रहो, बस मुस्कुराओ।
जो बात दिल में है, कह दो आज मेरे सामने,
नज़रों से इल्ज़ाम यूँ न लगाओ।
हमारी वफ़ा तो बस ख़ामोशी में सिमटी है,
तुम अपने फ़ैसले पर ज़रा न पछताओ।
मिले न मिले, ये तो क़िस्मत की बात है ।
बस इतनी आरज़ू है, बेवफ़ा न कहलाओ।