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New bites

📖 “कुछ कहानियाँ पढ़ी नहीं जातीं… महसूस की जाती हैं।”
क्या आपने कभी किसी ख़ामोशी में किसी की आवाज़ सुनी है?

‘बर्फ़ के पीछे कोई था’ —
एक अधूरी चिट्ठी, पहलगाम की वादियाँ, और एक लड़की की तलाश…
यह कहानी सिर्फ़ ज़ारा की नहीं, शायद आपकी भी है।

✨ अगर किताबों में खुद को ढूँढना जानते हैं —
तो इस पन्ने पर आपको अपना हिस्सा जरूर मिलेगा।

👇 अब पढ़ें, और कहानी का हिस्सा बनें।

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dhirendra342gmailcom

मीच होतो दीप, मीच होतो वात"
मी चाललो गंधाशिवाय, पण सुगंध मला व्यापून गेला,
ना फुलं होती हातात माझ्या, ना वसंत कुठे थांबलेला।
क्षणांचे थेंब सांडत गेले, ओंजळीने मी का घेतले?
शब्द नव्हते ओठांवर, पण मौनाने मी गाणं केलं

कोणी दिलं नव्हतं वचन, तरी मी वाट बघत राहिलो,
आसवांच्या ओघातून, कवडसे शोधत मी चाललो।
नभात जरी चंद्र नव्हता, तरीही चांदणं सोबत होतं,
रात्र काळोखात हरवली, पण मीच त्या रात्रीचा दीप होतो

श्वासांतून येते जळजळ, आणि हृदयात होते वादळ,
मन सांगतं — ‘थांब', पण आत्मा म्हणे — ‘थोडं अजून चाल।’
मी फाटलेल्या क्षणांत शिवलं, एकतर्फी एक स्वप्न जुनं,
जिथे कुणी उभं नव्हतं, तिथे मीच होतो सावलीसारखं

मी विचारला स्वत:लाच — ‘तू कोण आहेस रे, जीवना?’
हसून उत्तर आलं — ‘तूच प्रश्न आणि तूच उत्तर मानवा।’
मीच होतो दीप, मीच होतो वात,
वाऱ्याशी लढणाऱ्या प्रकाशाचा मीच एकान्त हात

fazalesaf2973

Bachpan acha tha jaha bohot sare dost hua karte the lekin abhi to koi baat karne ke liye bhi nahi hai life aise mod pe aa gayi hai jaha ab koi dost ban nahi sakta sab ke pass koi na koi hai baate karne ke liye lekin is tanha insaan ko koi puchta bhi nahi sath to dur ki baat hai naye dost aa jane se is pure dost ko koi yaad rakhta bhi nahi
Fri-end

niti21

वो दोस्ती का बंधन, जो कभी अटूट था,
आज बिखर गया है, जैसे कोई काँच टूटा।
दिल में थी कसक, आँखों में नमी आई,
जब तेरी बेवफाई की खबर मुझ तक आई।

यादें वो सुहानी, हँसी के वो पल,
साथ बिताए हमने, जैसे थे हम दो कवल।
हर राह में हमसफ़र, हर दुख में साथी,
फिर क्यों बदल गई, ये तेरी रंगीन बाती?

कभी सोचा न था, यूँ मोड़ आएगा,
तेरी दोस्ती का साया, यूँ छिन जाएगा।
मेरे हर राज़ से वाकिफ, मेरा हर दर्द तूने जाना,
फिर कैसे कर गया, ये अनजाना बहाना?

वो लम्बी बातें, देर रात तक जगना,
एक दूजे के सपनों को सच होता देखना।
तेरी आँखों में अपना अक्स दिखता था,
अब उन आँखों में, क्यों फरेब ही बिकता था?

ये दिल है कि मानता नहीं, धड़कता है तेरा नाम ले कर,
आँसू हैं कि थमते नहीं, बहते हैं तेरी याद में खो कर।
कैसे भुलाऊँ वो दिन, वो साथ, वो कस्में,
जब तूने कहा था, कभी न बदलेंगे ये रस्में।

शायद मेरी ही गलती थी, ज़्यादा भरोसा किया,
तेरी झूठी बातों को सच मान लिया।
तू तो निकला रेत की दीवार, जो पल में ढह गई,
मेरी सच्ची दोस्ती की कदर भी न रह गई।

अब अकेला हूँ मैं, इस वीरान राह पर,
ढूँढता हूँ उस दोस्त को, जो खो गया कहीं सफर पर।
ये आँखें तरस गईं हैं, एक झलक पाने को,
ये दिल बेचैन है, फिर से साथ मुस्कुराने को

कभी सोचा न था, दोस्ती भी रुलाती है इतना,
जैसे कोई अपना, अचानक छोड़ जाता है तन्हा।
ये आंसू गवाह हैं, मेरी सच्ची मोहब्बत के,
जो हार गई तेरी फरेबी सियासत के।

अब बस यही दुआ है, तू जहाँ भी रहे खुश रहे,
मेरी यादें कभी तुझे न दुख दें, न कुछ कहें।
मैं तो जी लूँगा अकेला, इस टूटे हुए दिल के साथ,
शायद यही मेरी किस्मत थी, यही दोस्ती का था हाथ।

फिर भी कभी जो याद आये मेरी, तो लौट आना,
शायद तब तक भर जाए, इस दिल का वीराना।
पर अब वो पहली सी बात कहाँ, वो पहला सा प्यार कहाँ,
जब दोस्ती में ही मिला धोखा, तो अब ऐतबार कहाँ?

बस अब ख़ामोशी है, और बहते हुए आँसू,
इस टूटी हुई दोस्ती का यही है पहलू।
कभी हँसते थे साथ, आज रोते हैं अकेले,
ये कैसा रंग लाई, दोस्ती के मेले?

ये मेरी कविता, शायद कम है कहने को,
मेरे दिल के दर्द को, पूरी तरह से बहने को।
पर फिर भी, ये कोशिश है एक, अपनी बात रखने की,
एक टूटे हुए दोस्त की, फरियाद सुनने की।

अलविदा दोस्त, शायद फिर कभी मुलाक़ात न हो,
अब इस दिल में तेरे लिए, वो पहली सी बात न हो।
तू खुश रहे अपनी राहों में, यही मेरी कामना है,
मेरी टूटी दोस्ती की, बस यही कहानी है।

zryqvwso1944.mb

मनातल्या विचाराच्या गुंत्याला कधीकधी सोडवण्यापेक्षा त्याकडे दुर्लक्ष करून बघायचं.. कारणं कसंय जितका गुंता सोडवायला जाऊ तितका तो वाढत जातो.
आपल्याला जे हवयं ते जर आपलं असेल तर तसंही कालांतराने ते आपल्याजवळ येणार आहे मग ते कितीही दिवस महिने अथवा वर्ष जाऊदेत.. त्यामुळे त्या गोष्टीच्या विचाराने आपल्या डोक्याचा कां भुगा करावा ना? ❤️

swatisabale534435

हम सबके भीतर कुछ अनकहा, कुछ अधूरा, और कुछ बेहद जरूरी कहने को होता है।

पर हर कोई सुन नहीं पाता…
और कभी-कभी, हम खुद ही अपनी मौजूदगी की आवाज़ सुनना छोड़ देते हैं।

“लोगों की राय बदलती रहती है,
पर फर्क तब पड़ता है जब हम अपनी मौजूदगी को पहचानना छोड़ देते हैं।”
– धीरेन्द्र सिंह बिष्ट, लेखक: मन की हार ज़िंदगी की जीत

यही से शुरू होती है हमारी असली लड़ाई — खुद को समझने की, खुद से जुड़ने की।
इसलिए “आज को लिखता हूँ, ताकि कल में खुद को पढ़ सकूँ।”
मेरे लफ़्ज़, मेरी कहानी नहीं — मेरी पहचान हैं।

कई बार “उतना कुछ होता है कहने को,
कि वक़्त कम पड़ जाता है सुनने के लिए…”
हर खामोशी अपने भीतर एक तूफ़ान दबाए बैठी होती है।

और जब कोई सुने न सुने —
“शब्द ज़ुबान से नहीं, कलम से बाहर आ ही जाते हैं।”

अगर आप भी कभी इस ख़ामोशी से गुज़रे हैं —
तो जान लें, आप अकेले नहीं हैं।
हर पन्ना किसी दिल की आवाज़ है। ✍️❤️

— धीरेंद्र सिंह बिष्ट
बेस्टसेलर लेखक | अग्निपथ | फोकटिया | मन की हार ज़िंदगी की जीत



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dhirendra342gmailcom

Goodnight friends

kattupayas.101947

hmm..

kattupayas.101947

✨ "उड़ान अभी बाकी है" ✨

ठोकरें खा के ना रुक, ये तो शुरुआत है,
हर गिरावट के बाद, छिपी जीत की बात है।
जो आज थम गया, वो कल को क्या करेगा?
हौसलों की आग से ही, मुकद्दर सजा करेगा।

रास्ते कठिन हैं, मंज़िल भी दूर है,
पर तेरे इरादों में अब भी नूर है।
मत देख कि लोग क्या कहेंगे तुझसे,
तू बस खुद से लड़, जीत आएगी तुझसे।

थक कर बैठना मंज़ूर नहीं तुझे,
अभी तो औरों को दिखाना है कि क्या है तू।
अंधेरे में चमकता है जो, वो ही सितारा कहलाता है,
हार को गले न लगाना, तू खुद की क़ीमत जानता है।

जो रुक गया वो खो गया,
जो चल पड़ा वही खोद गया —
हर मुश्किल के सीने पर,
अपना नाम जो मोड़ गया।

🔥 हौसला रख, तू तूफ़ानों से भी लड़ जाएगा,
ये तेरा वक्त है, तू अब खुद को गढ़ जाएगा। 🔥

ankit26

The Indian cricket team is progressing, but the team is not building up.

kattupayas.101947

What a character #benstokes courage and determination

kattupayas.101947

#Rishab pant is the real fighter.

kattupayas.101947

Goodbye messages bring you tears, but that's the reality. You have to face the new world.

kattupayas.101947

Think twice before you say goodbye to anyone. You will not be the same person afterwards.

kattupayas.101947

લોક વાણી ભાગ ૫

યાદોની અમીરાતે ઉર ઉભરાય.
પ્રેમના પાલેવડે લહેર લહેરાય્

વરસી ઘડી વાદળીખળજળ ખળી.
વહી રહે ઝરણાં ક્યાંથી જાય કળી.

લચતી લતા વેલી નીતરતી ન્હાય..

જળ ઝરતા વૃક્ષોએ વાત કરી.
શીતળતા શબનમ ની ભાત ભરી.

કૂંપળ ફળ મંજરી મન મળાય...

મોરલા કરે ગ્હેકાટ મન મૂકી.
વન વગડાની હરીયાળી ઝૂકી.

સ્નેહના સંભારણા ચિત ચરાય...

મનરવ આમ વહે મલકનો મેળો.
ભાતિગળ ની ભાત એ પણ ભેળો.

મૂલ સહુ સહુ ના સ્વમાં સમાય...

લે,,ક,
મનજીભાઈ કાળુભાઇ મનરવ મુ બોરલા

manjibhaibavaliya.230977

जल्द ही पढ़े

kumar00

Good evening friends

kattupayas.101947

काश किस्मत का कागज कोरा होता,
और...
उसमें तकदीर लिखने का हक मां का होता।।

bita

अपने दोनो कंधो पर  मैं,
अपने घरवालों की इज्जत का बोझ उठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं  बेटी कहलाती हूं।


अपने पैरों में मैं
इनके सम्मान की बेड़ियां पाती हूं।
अपने दोनो कंधो पर  मैं,
अपने घरवालों की इज्जत का बोझ उठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं  बेटी कहलाती हूं।



अपनी उमर के साथ साथ
मैं उनके‌ लिए और भी
कीमती हो जाती हूं
अगर हूं मैं सुंदर
तो उनके मन में
अनजाना डर बैठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।


अपने दोनो कंधो पर  मैं,
अपने घरवालों की इज्जत का बोझ उठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं  बेटी कहलाती हूं।


ना हो जो रंग रुप मेरा
तो भी उनकी चिंता बन जाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
सारे अरमान पूरे कर उनके
विदा हो कर मैं उन्हें छोड़ जाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।


अपने दोनो कंधो पर  मैं,
अपने घरवालों की इज्जत का बोझ उठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं  बेटी कहलाती हूं।


छोड़ जाने के बाद उनको मैं
जब अपने ढर को जाती हूं
तो खुद को उस घर में
अब मैं मेहमान पाती हूं।
अपने दोनो कंधो पर  मैं,
अपने घरवालों की इज्जत का बोझ उठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं  बेटी कहलाती हूं।

शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं

vrinda1030gmail.com621948

hello everyone 🤗
हमें उम्मीद है आप सब को हमारी कहानी__ इश्क बेपरवाह नहीं तेरा... पसंद आ रही होगी, जो पढ़ रहे उन्हें धन्यवाद 🙏🏻
आप सबसे निवेदन है जिन्हें कहानी पसंद हो और वो उसके आगे के भाग जल्दी चाहते हो तो कृपया आप सब उसपर कमेंट जरूर करें कहानी कैसी है। और हां हमें फॉलो भी जरूर करें।
हमें यहां फ्लॉवर्स की जरूरत है। आप सबका समर्थन मिलेगा ऐसी आशा है।
पढ़ते रहिए और जुड़िए हमसे...😊

santoshikatha858769

असतो मा सद्गमय ।
तमसो मा ज्योतिर्गमय ।
मृत्योर् मा अमृतं गमय ॥

Lead me from the unreal to the real,
Lead me from darkness to light,
Lead me from death to immortality.

मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो,
अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो,
मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो।

|| ॐ नमः शिवाय ||

rajnijoshi8512gmailc

લોક વાણી ભાગ ૪

હે હાલો હળવા રે હો મળવા.
એ જામી છે જોડી હેત ભરવા.

ભરાણો મેળો અઅંતરના ઓજમા.
મેરામણ ઊમ્યટ્યો છે નીજ આનંદમાં.

વરસે વાદલડી હરીયાળી રે હો હળવા...

મળશું હેત પ્રિત પ્યારની પરખમા.
નિર્મળ આહ્લાદ જ્યાં મિલન મલકમાં.

એ જોબન ઝરણાં ઉમંગને રે હો વરવા..

વહેતી પળ ને યાદો ના અંત રંગમાં.
વિખરાતા સાગરમાં ઝરતા તરંગ માં.

એ મનઘડ મનરવ તનને રે હો ઘડવા.

મનજીભાઈ કાળુભાઇ મનરવ મુ બોરલા

manjibhaibavaliya.230977

उच्च रक्तचाप से आपकी आँखों को कितना खतरा है?
(How High Blood Pressure Affects Your Vision)

उच्च रक्तचाप (High BP) केवल दिल की सेहत को ही नहीं, बल्कि आपकी आंखों को भी गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। यह एक "Silent Killer" है जो धीरे-धीरे आपकी दृष्टि को प्रभावित करता है — बिना किसी शुरुआती लक्षण के।

👁️ आँखों पर उच्च रक्तचाप का असर:
रेटिनोपैथी (Hypertensive Retinopathy):
आंखों की रेटिना में रक्त नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे धुंधली या कमज़ोर दृष्टि हो सकती है।

रेटिनल ब्लीडिंग:
अत्यधिक बीपी से आँखों में रक्तस्राव हो सकता है जो स्थायी दृष्टि हानि का कारण बनता है।

ऑप्टिक न्यूरोपैथी:
ऑप्टिक नर्व तक रक्त प्रवाह रुकने से अचानक दृष्टि खो सकती है।

मैकीुलर एडमा:
रेटिना के मध्य भाग में सूजन आने से साफ और स्पष्ट देखने में समस्या होती है।

ग्लूकोमा (कालापन):
लंबे समय तक अनियंत्रित बीपी से आँखों का दबाव बढ़ सकता है जिससे ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुँचता है।

⚠️ चिंता की बात यह है कि—शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते!
इसलिए, यदि आप हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज़ से पीड़ित हैं, तो नियमित नेत्र जांच बेहद जरूरी है।

✅ बचाव के उपाय:
बीपी नियमित रूप से जांचें और नियंत्रित रखें

हेल्दी डाइट और व्यायाम अपनाएं

साल में कम से कम एक बार नेत्र परीक्षण कराएं

नेत्रम आई फाउंडेशन में हम विशेष रूप से हाई बीपी से जुड़ी नेत्र समस्याओं की जांच व इलाज करते हैं।

📅 अपॉइंटमेंट बुक करें:
📞 011-41046655 | 9319909455
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आपकी दृष्टि... हमारी ज़िम्मेदारी!

netrameyecentre

1 आप बस इंसानियत निभाइये

रिश्ते खुद-ब-खुद निभ जाएंगे......



2 इंसान कितना भी बड़ा बन जाये, पर इंसानियत उसको उससे भी बड़ा बना देता है.....

rinky