Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

World's trending and most popular quotes by the most inspiring quote writers is here on BitesApp, you can become part of this millions of author community by writing your quotes here and reaching to the millions of the users across the world.

New bites

मौन का पुरुषार्थ

दिन भर की दौड़ से थका हुआ,
मैं जब अपने आप से मिलता हूँ,
तो पाता हूँ—
सबसे बड़ा आराम
भीतर के सन्नाटे में है।

सोफ़े पर टिके सिर के साथ,
मैं पुरानी स्मृतियों की किताब खोलता हूँ।
कुछ पृष्ठ पीले पड़ चुके हैं,
कुछ अब भी ताज़ा हैं।
पर हर पन्ना मुझे यही सिखाता है—
अकेलापन कोई खालीपन नहीं,
बल्कि आत्मा का आँगन है।

क्षितिज को निहारते हुए
मैं खुद से पूछता हूँ—
“क्या सच में मुझे कुछ चाहिए?
या यह शून्य ही पूर्णता है?”

कॉफ़ी की गर्माहट हथेलियों में,
और धीमा संगीत कानों में—
जैसे भीतर का पुरुषत्व
अपनी कठोरता छोड़कर
कोमलता से मिल रहा हो
अपने ही हृदय से।

पेड़ों का नृत्य,
हवा का स्पर्श,
मानो प्रकृति मुझे पुकार रही हो—
“रुक जा, बस इस पल को जी ले।”

और मैं ठहर जाता हूँ।
सोचता हूँ—
कहीं कोई जन्म ले रहा है,
कहीं कोई प्रस्थान कर रहा है।
जीवन का यह चक्र
मुझे बताता है—
कि मेरा होना ही पर्याप्त है।

इस एकांत में मैं जानता हूँ—
पुरुष होना केवल संघर्ष नहीं,
बल्कि शांति को गले लगाना भी है।
यहीं मैं अपने भीतर की शक्ति पाता हूँ,
यहीं मैं अपने भीतर की शांति गढ़ता हूँ।
डीबी-आर्यमौलिक

deepakbundela7179

लोग ढूंढ़ते हैं मुझे

मैं सामने ही हूं फिर भी लोग ढूंढ़ते हैं मुझे,
अपने सवालों के बीच कहीं भूलते हैं मुझे।

राहों में चलता हूं, पर परछाई-सा दिखता हूं,
हर दिल की धड़कन में हूं, फिर भी अनसुना दिखता हूं।

चेहरों के मेले में सच छिप सा जाता है,
आईना बनकर भी कोई पहचान न पाता है।

ढूंढ़ोगे जहां जहां, वहीं मिल जाऊंगा मैं,
सांसों की लय में, गीत बन गाऊंगा मैं।

फिर भी लोग ढूंढ़ते हैं मुझे

deepakbundela7179

જો આપણે પારદર્શક,
તો પ્રભુ માર્ગદર્શક....

dipika9474

happy moments

sasikrishnasamy

Good morning friends. have a great day

kattupayas.101947

Sasi Krishnasamy- Founder of Ayngaran Foundation

sasikrishnasamy

jab sanvi ne Raghu se kaha
I hate you forever,
tumse milne meri sabse badi galti thi

Toh raghu ke dil ne
Kaha
Teri yaad mein
Ye dil tarsa hai
Saath ho kar bhi
Jo na ho saka
Tera

Inn akhon mein
Ked hai
Pal tere saath ke
Tere pyar ke

Chaht to thi do tarfa
Fir kab aayi lakeerein
Uss pyar ki duniya
Mein

Binn tere jiya
Hai , adhuri
Hu par ab
Uss adhure pan
Ki mano aadat si pad
Gayi hai

Fir bhi iss dil ki
Hai yahi pukaar
Ki chaht hai
Teri

jo kabhi khatam
na ho vo
pyar tu

jiske liye dhadkan
hai vo dil tu
nafraten toh kayi
baar hoti hai
par pyar sirf ek
baar
jo ho tum

tumhare dil mein
nafraten ho ya pyar
par mera ye dil sirf tera
hai

tumse milna meri
zindagi ka sabse
kimati palo (precious moments)
mein se ek hai
jisse mein apna
good luck manta
hu

gunjangayatri949036

Life is like a busy highway—people come and go at full speed, and we can’t take U-turns. The love, care, and attention we give others are like tolls automatically collected by a FASTag, quietly shaping their journey while leaving a mark on ours.

nensivithalani.210365

मातृभारती पर मुझे फॉलो करें,

https://www.matrubharti.com

भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!

salmankhatik.487155

🌸 Dear Beautiful Writers,

Austa Publication warmly requests you to follow our Official Instagram Account 📸✨
Your love for writing and creativity inspires us every day, and together we can reach new heights.
Please follow us, share your support, and help us grow this beautiful community of writers.
💬 Let’s unite our voices, share our stories, and make Austa Publication shine brighter! 🌟

👉 https://www.instagram.com/austa_publication?igsh=dzZzemZqMmtyOHJm

Together, we grow! 🌱❤️

Warm Regards,
Austa Publication🌼

akshaytiwari128491

🎬 फिल्म समीक्षा – भउजी हमार देवी, भैया भगवान

⭐ कहानी

फिल्म की कहानी एक साधारण गाँव के परिवेश में रची-बसी है जहाँ रिश्तों, त्याग और आस्था का गहरा संदेश मिलता है।
केंद्रीय किरदार भउजी का है, जिन्हें परिवार में “देवी” जैसा स्थान दिया गया है। उनकी सादगी, संघर्ष और बलिदान ही पूरी कहानी को आगे बढ़ाते हैं। वहीं भैया का किरदार परिवार के स्तंभ की तरह दिखाया गया है, जिनके लिए बहन और पत्नी ही पूरा संसार हैं।

कहानी में पारिवारिक ड्रामा, धार्मिक आस्था और भावनात्मक टकराव को जोड़ते हुए दिखाया गया है कि किस तरह परिवार में स्त्रियों का महत्व “देवी” और पुरुष का त्याग “भगवान” के समान माना जाता है।


---

🎭 अभिनय

संजना पांडेय (भउजी) – इन्होंने अपनी मासूम अदाओं और भावुक अभिनय से दिल जीत लिया है।

प्रशांत सिंह (भैया) – उनका रोल गम्भीर और ज़िम्मेदार भाई के रूप में प्रभावशाली है।

ज्योति मिश्रा (अन्य महिला किरदार) – पारिवारिक नारी के रूप में अच्छा योगदान।


सभी कलाकारों ने अपने-अपने रोल को बड़े सहज ढंग से निभाया है।


---

🎶 संगीत और संवाद

फिल्म में भोजपुरी रंग-ढंग के पारंपरिक गाने हैं, जो गाँव की मिट्टी और संस्कृति की महक देते हैं। संवादों में आस्था, रिश्तों की मर्यादा और संवेदनशीलता स्पष्ट झलकती है।


---

🎥 निर्देशन और प्रस्तुति

निर्देशक ने इस फिल्म को परिवारिक और धार्मिक आस्था से जोड़कर पेश किया है। कहीं-कहीं फिल्म थोड़ी लंबी लग सकती है, लेकिन भावनात्मक दृश्य दर्शकों को बाँधे रखते हैं।


---

✅ सकारात्मक पक्ष

पारिवारिक मूल्यों पर ज़ोर

महिला किरदारों की गरिमा और आस्था का चित्रण

भोजपुरी संस्कृति और धार्मिक पृष्ठभूमि का अच्छा मेल


❌ कमजोर पक्ष

कुछ जगहों पर कहानी अनुमानित लगती है

तकनीकी पक्ष (सिनेमैटोग्राफी व एडिटिंग) सामान्य स्तर का है



---

⭐ अंतिम निर्णय (Rating)

3.5/5 🌟
यह फिल्म उन दर्शकों को पसंद आएगी जो पारिवारिक रिश्तों, देव-भावना और भोजपुरी संस्कृति से जुड़ी कहानियों में रुचि रखते हैं।

rajukumarchaudhary502010

🎬 फिल्म समीक्षा – भउजी हमार देवी, भैया भगवान

⭐ कहानी

फिल्म की कहानी एक साधारण गाँव के परिवेश में रची-बसी है जहाँ रिश्तों, त्याग और आस्था का गहरा संदेश मिलता है।
केंद्रीय किरदार भउजी का है, जिन्हें परिवार में “देवी” जैसा स्थान दिया गया है। उनकी सादगी, संघर्ष और बलिदान ही पूरी कहानी को आगे बढ़ाते हैं। वहीं भैया का किरदार परिवार के स्तंभ की तरह दिखाया गया है, जिनके लिए बहन और पत्नी ही पूरा संसार हैं।

कहानी में पारिवारिक ड्रामा, धार्मिक आस्था और भावनात्मक टकराव को जोड़ते हुए दिखाया गया है कि किस तरह परिवार में स्त्रियों का महत्व “देवी” और पुरुष का त्याग “भगवान” के समान माना जाता है।


---

🎭 अभिनय

संजना पांडेय (भउजी) – इन्होंने अपनी मासूम अदाओं और भावुक अभिनय से दिल जीत लिया है।

प्रशांत सिंह (भैया) – उनका रोल गम्भीर और ज़िम्मेदार भाई के रूप में प्रभावशाली है।

ज्योति मिश्रा (अन्य महिला किरदार) – पारिवारिक नारी के रूप में अच्छा योगदान।


सभी कलाकारों ने अपने-अपने रोल को बड़े सहज ढंग से निभाया है।


---

🎶 संगीत और संवाद

फिल्म में भोजपुरी रंग-ढंग के पारंपरिक गाने हैं, जो गाँव की मिट्टी और संस्कृति की महक देते हैं। संवादों में आस्था, रिश्तों की मर्यादा और संवेदनशीलता स्पष्ट झलकती है।


---

🎥 निर्देशन और प्रस्तुति

निर्देशक ने इस फिल्म को परिवारिक और धार्मिक आस्था से जोड़कर पेश किया है। कहीं-कहीं फिल्म थोड़ी लंबी लग सकती है, लेकिन भावनात्मक दृश्य दर्शकों को बाँधे रखते हैं।


---

✅ सकारात्मक पक्ष

पारिवारिक मूल्यों पर ज़ोर

महिला किरदारों की गरिमा और आस्था का चित्रण

भोजपुरी संस्कृति और धार्मिक पृष्ठभूमि का अच्छा मेल


❌ कमजोर पक्ष

कुछ जगहों पर कहानी अनुमानित लगती है

तकनीकी पक्ष (सिनेमैटोग्राफी व एडिटिंग) सामान्य स्तर का है



---

⭐ अंतिम निर्णय (Rating)

3.5/5 🌟
यह फिल्म उन दर्शकों को पसंद आएगी जो पारिवारिक रिश्तों, देव-भावना और भोजपुरी संस्कृति से जुड़ी कहानियों में रुचि रखते हैं।

rajukumarchaudhary502010

🎬 फिल्म समीक्षा – भउजी हमार देवी, भैया भगवान

⭐ कहानी

फिल्म की कहानी एक साधारण गाँव के परिवेश में रची-बसी है जहाँ रिश्तों, त्याग और आस्था का गहरा संदेश मिलता है।
केंद्रीय किरदार भउजी का है, जिन्हें परिवार में “देवी” जैसा स्थान दिया गया है। उनकी सादगी, संघर्ष और बलिदान ही पूरी कहानी को आगे बढ़ाते हैं। वहीं भैया का किरदार परिवार के स्तंभ की तरह दिखाया गया है, जिनके लिए बहन और पत्नी ही पूरा संसार हैं।

कहानी में पारिवारिक ड्रामा, धार्मिक आस्था और भावनात्मक टकराव को जोड़ते हुए दिखाया गया है कि किस तरह परिवार में स्त्रियों का महत्व “देवी” और पुरुष का त्याग “भगवान” के समान माना जाता है।


---

🎭 अभिनय

संजना पांडेय (भउजी) – इन्होंने अपनी मासूम अदाओं और भावुक अभिनय से दिल जीत लिया है।

प्रशांत सिंह (भैया) – उनका रोल गम्भीर और ज़िम्मेदार भाई के रूप में प्रभावशाली है।

ज्योति मिश्रा (अन्य महिला किरदार) – पारिवारिक नारी के रूप में अच्छा योगदान।


सभी कलाकारों ने अपने-अपने रोल को बड़े सहज ढंग से निभाया है।


---

🎶 संगीत और संवाद

फिल्म में भोजपुरी रंग-ढंग के पारंपरिक गाने हैं, जो गाँव की मिट्टी और संस्कृति की महक देते हैं। संवादों में आस्था, रिश्तों की मर्यादा और संवेदनशीलता स्पष्ट झलकती है।


---

🎥 निर्देशन और प्रस्तुति

निर्देशक ने इस फिल्म को परिवारिक और धार्मिक आस्था से जोड़कर पेश किया है। कहीं-कहीं फिल्म थोड़ी लंबी लग सकती है, लेकिन भावनात्मक दृश्य दर्शकों को बाँधे रखते हैं।


---

✅ सकारात्मक पक्ष

पारिवारिक मूल्यों पर ज़ोर

महिला किरदारों की गरिमा और आस्था का चित्रण

भोजपुरी संस्कृति और धार्मिक पृष्ठभूमि का अच्छा मेल


❌ कमजोर पक्ष

कुछ जगहों पर कहानी अनुमानित लगती है

तकनीकी पक्ष (सिनेमैटोग्राफी व एडिटिंग) सामान्य स्तर का है



---

⭐ अंतिम निर्णय (Rating)

3.5/5 🌟
यह फिल्म उन दर्शकों को पसंद आएगी जो पारिवारिक रिश्तों, देव-भावना और भोजपुरी संस्कृति से जुड़ी कहानियों में रुचि रखते हैं।

rajukumarchaudhary502010

🎬 फिल्म समीक्षा – भउजी हमार देवी, भैया भगवान

⭐ कहानी

फिल्म की कहानी एक साधारण गाँव के परिवेश में रची-बसी है जहाँ रिश्तों, त्याग और आस्था का गहरा संदेश मिलता है।
केंद्रीय किरदार भउजी का है, जिन्हें परिवार में “देवी” जैसा स्थान दिया गया है। उनकी सादगी, संघर्ष और बलिदान ही पूरी कहानी को आगे बढ़ाते हैं। वहीं भैया का किरदार परिवार के स्तंभ की तरह दिखाया गया है, जिनके लिए बहन और पत्नी ही पूरा संसार हैं।

कहानी में पारिवारिक ड्रामा, धार्मिक आस्था और भावनात्मक टकराव को जोड़ते हुए दिखाया गया है कि किस तरह परिवार में स्त्रियों का महत्व “देवी” और पुरुष का त्याग “भगवान” के समान माना जाता है।


---

🎭 अभिनय

संजना पांडेय (भउजी) – इन्होंने अपनी मासूम अदाओं और भावुक अभिनय से दिल जीत लिया है।

प्रशांत सिंह (भैया) – उनका रोल गम्भीर और ज़िम्मेदार भाई के रूप में प्रभावशाली है।

ज्योति मिश्रा (अन्य महिला किरदार) – पारिवारिक नारी के रूप में अच्छा योगदान।


सभी कलाकारों ने अपने-अपने रोल को बड़े सहज ढंग से निभाया है।


---

🎶 संगीत और संवाद

फिल्म में भोजपुरी रंग-ढंग के पारंपरिक गाने हैं, जो गाँव की मिट्टी और संस्कृति की महक देते हैं। संवादों में आस्था, रिश्तों की मर्यादा और संवेदनशीलता स्पष्ट झलकती है।


---

🎥 निर्देशन और प्रस्तुति

निर्देशक ने इस फिल्म को परिवारिक और धार्मिक आस्था से जोड़कर पेश किया है। कहीं-कहीं फिल्म थोड़ी लंबी लग सकती है, लेकिन भावनात्मक दृश्य दर्शकों को बाँधे रखते हैं।


---

✅ सकारात्मक पक्ष

पारिवारिक मूल्यों पर ज़ोर

महिला किरदारों की गरिमा और आस्था का चित्रण

भोजपुरी संस्कृति और धार्मिक पृष्ठभूमि का अच्छा मेल


❌ कमजोर पक्ष

कुछ जगहों पर कहानी अनुमानित लगती है

तकनीकी पक्ष (सिनेमैटोग्राफी व एडिटिंग) सामान्य स्तर का है



---

⭐ अंतिम निर्णय (Rating)

3.5/5 🌟
यह फिल्म उन दर्शकों को पसंद आएगी जो पारिवारिक रिश्तों, देव-भावना और भोजपुरी संस्कृति से जुड़ी कहानियों में रुचि रखते हैं।

rajukumarchaudhary502010

🎬 फिल्म समीक्षा – भउजी हमार देवी, भैया भगवान

⭐ कहानी

फिल्म की कहानी एक साधारण गाँव के परिवेश में रची-बसी है जहाँ रिश्तों, त्याग और आस्था का गहरा संदेश मिलता है।
केंद्रीय किरदार भउजी का है, जिन्हें परिवार में “देवी” जैसा स्थान दिया गया है। उनकी सादगी, संघर्ष और बलिदान ही पूरी कहानी को आगे बढ़ाते हैं। वहीं भैया का किरदार परिवार के स्तंभ की तरह दिखाया गया है, जिनके लिए बहन और पत्नी ही पूरा संसार हैं।

कहानी में पारिवारिक ड्रामा, धार्मिक आस्था और भावनात्मक टकराव को जोड़ते हुए दिखाया गया है कि किस तरह परिवार में स्त्रियों का महत्व “देवी” और पुरुष का त्याग “भगवान” के समान माना जाता है।


---

🎭 अभिनय

संजना पांडेय (भउजी) – इन्होंने अपनी मासूम अदाओं और भावुक अभिनय से दिल जीत लिया है।

प्रशांत सिंह (भैया) – उनका रोल गम्भीर और ज़िम्मेदार भाई के रूप में प्रभावशाली है।

ज्योति मिश्रा (अन्य महिला किरदार) – पारिवारिक नारी के रूप में अच्छा योगदान।


सभी कलाकारों ने अपने-अपने रोल को बड़े सहज ढंग से निभाया है।


---

🎶 संगीत और संवाद

फिल्म में भोजपुरी रंग-ढंग के पारंपरिक गाने हैं, जो गाँव की मिट्टी और संस्कृति की महक देते हैं। संवादों में आस्था, रिश्तों की मर्यादा और संवेदनशीलता स्पष्ट झलकती है।


---

🎥 निर्देशन और प्रस्तुति

निर्देशक ने इस फिल्म को परिवारिक और धार्मिक आस्था से जोड़कर पेश किया है। कहीं-कहीं फिल्म थोड़ी लंबी लग सकती है, लेकिन भावनात्मक दृश्य दर्शकों को बाँधे रखते हैं।


---

✅ सकारात्मक पक्ष

पारिवारिक मूल्यों पर ज़ोर

महिला किरदारों की गरिमा और आस्था का चित्रण

भोजपुरी संस्कृति और धार्मिक पृष्ठभूमि का अच्छा मेल


❌ कमजोर पक्ष

कुछ जगहों पर कहानी अनुमानित लगती है

तकनीकी पक्ष (सिनेमैटोग्राफी व एडिटिंग) सामान्य स्तर का है



---

⭐ अंतिम निर्णय (Rating)

3.5/5 🌟
यह फिल्म उन दर्शकों को पसंद आएगी जो पारिवारिक रिश्तों, देव-भावना और भोजपुरी संस्कृति से जुड़ी कहानियों में रुचि रखते हैं।

rajukumarchaudhary502010