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HAPPY MOTHER’S DAY
❤️❤️❤️

adril

बाबू साहब की हाथ में एक घड़ी थी । दिखने में बड़ी ही कीमती लग रही थी । वो किसी भद्र महिला के साथ बैठे रेस्ट्रोंट में चाय को चुस्कियां ले रहे थे । मिनी उन्हें उत्सुकता से टुकुर टुकुर देख रही थी ।वैसे तो मिनी बाबू साहब को हमेशा देखा करती थी। वो एक बड़ी सी कार में आया करते , कार किस कंपनी की है , यह तो नहीं मालूम होता मगर सफेद रंग की लंबी गाड़ी थी। हमेशा चमचमाती थी जैसे आज ही खरीदी हो । मिनी हमेसा उनके आने का इंतजार करती थी । क्योंकि बाबू साहब पैसे से अमीर तो लगते थे ही , दिल के भी अमीर नजर आते थे । कभी कभी दो पैसे दे देते मिनी को , तो कभी कुछ खाने को । मिनी मुस्कुराकर सर झुकाकर धन्यवाद कह देती और बाबू साहब बदले में मुस्कुराकर सिर पर हाथ फेर देते । बाबू साहब जिस कंपनी में काम करते थे मिनी उसी कंपनी के बाहर ही भीख मांगा करती थी । और रात को सड़क के किनारे तो कभी किसी मंदिर की सीढ़ी पर जहां सोने के लिए भिखारियों का जमाबड़ा लगता वहां सो जाया करती । मिनी अकेली नही थी मिनी जैसी और भी कई थी कुछ उससे बहुत बड़े तो कुछ उससे भी छोटे मगर सबका अपना कहने के लिए कोई न कोई था । मगर मिनी का कोई नहीं । एक रोज़ मिनी के बाबू साहब नहीं आए । मिनी उनका इंतजार करती रही और इसी तरह एक दिन दो दिन और ऐसे ही सप्ताह गुजर गए ।मगर मिनी को उसके बाबू साहब नजर नहीं आए । मिनी को लगा बाबू साहब कही चले गए है कुछ दिन बाद आ जाएंगे । शायद , आज पहली बार मिनी के दिल में आया बाबू साहब से उसका रिश्ता सिर्फ पैसों का लगाव नहीं था बल्कि दिल से भी लगाव था । क्योंकि बाबू साहब के पैसे में भीख की खुशबू नहीं बल्कि प्रेम और इज्जत की आती थी । धीरे धीरे दिन बीतते गया मिनी की आंखों में बाबू साहब के लिए अब भी इंतजार था मगर दिन सप्ताह और महीना बीत गया । मिनी को लगा उसके बाबू साहब अब यह जगह हमेशा के लिए छोड़कर चले गए । अब उसके बाबू साहब कभी नहीं आयेंगे । शायद उनका तबादला कही ओर हो गया हो । अब शायद मिनी भी इंतजार करना छोड़ चुकी थी । मिनी अब रोज की भांति गाड़ियों के पीछे भागती कई बाबू साहबों के कुर्ते खींचती तो दो चार पैसे आ ही जाते ।और मिनी के पेट भरने लायक हो ही जाता । एक बार मिनी ऐसे ही किसी एक गाड़ी वाले के पीछे भाग रही थी परंतु शायद गाड़ी वाले में दया नहीं थी । वह मिनी को कुछ दे न पाया और गाड़ी रफ्तार से आगे बढ़ गई । मिनी फिर भी दौड़ी शायद इस आश में कि अभी भी कही दया बची हो , मगर पैरों ने जवाब दे दिया वह गाड़ी की भांति तेज - दौड़ न सकी। जैसे ही वह रुकी पीछे से आ रहे बहुत तेज बाइक चालक से टकरा गई शायद बाइक वाले ने अपना कंट्रोल खोल दिया था । मिनी वही सड़क की कुछ दूरी पर जा गिरी । मिनी को लगा जैसे वो हवा में थी और अब उसके पास चंद सांसे ही बची हो । मिनी के मन में एक आखिरी बार बाबू साहब से मिलने की इक्षा जाग उठी । उसके बाद मिनी को आखिरी बार सिर्फ हल्का धुंधला सा दिखा फिर न जाने क्यों अंधेरा छा गया उसके बाद मिनी को कुछ याद नहीं । शायद मिनी को लगा उसकी जिंदगी यही तक थी । ऐसा नहीं था मिनी के अपने सपने नहीं थे । मिनी अपने सपने में कई बार स्कूल गई थी । मिनी यथार्थ में भी स्कूल जाना चाहती थी मगर मिनी का स्कूल में नाम कौन लिखवाता मिनी जैसे बच्चों को देख कर लोग दूर से ही भगा दिया करते है । कही कुछ मांग न ले । फिर उनकी मजबूरियों को कौन समझे ? कई घंटे बीत गए मिनी की पलके फड़फड़ाने लगी , उसने धीरे धीरे आंखे खोली उसे समझ नहीं आया। क्या वह मर चुकी है और यदि मर चुकी है तो क्या अभी वह स्वर्ग में है । तभी उसे अपने शरीर में कुछ दर्द का एहसास हुआ और कुछ लोगों की फुसफुसाहट धीरे धीरे उसके कानो तक पहुंची जिससे वह इतना तो समझ गई कि अभी वह जिंदा है । उसने धीरे - धीरे अपनी आंखे इधर उधर घुमाई। चारों तरफ सफेद दीवार थी जिस पर कोई दाग नहीं था । कुछ हरे रंग की चादर लोहे से बने स्टैंडो पर लटकी थी । उसे समझते देर न लगा वह अस्पताल में है ।अचानक एक हाथ उसके सिर पर बड़े प्यार से किसी ने सहलाया मिनी ने हल्का सा अपनी आंखे की पुतलियों को ऊपर की ओर उठाया जिससे उसकी गर्दन भी ऊपर की ओर उठ गई उसे दर्द का अहसास हुआ उसने हल्की- सी आह भरी । किसी ने मीठी सी मनमोहक आवाज में बहुत प्यार से पूछा " मिनी तुम ठीक हो ज्यादा दर्द तो नहीं " । अरे हां यह तो बाबू साहब है वो अचंभे में मगर उत्साहित हो चुकी थी ।क्या उसके बाबू साहब ने उसे बचाया ? क्या उसके बाबू साहब उसके लिए आए है ? हजारों सवाल मन में उमड़ रहे थे । वह उठना चाहती थी परंतु उसके बाबू साहब ने उसे मना किया । मगर मिनी अपने बाबू साहब को देख अपने सारे दर्द भुला बैठी वह जल्दी से उठ कर बैठ गई । उसके मुख से बस एक ही वाक्य निकला बाबू साहब आप इतने दिन क्यों नहीं आए ? पता है मैं रोज आपको ढूंढती थी । बाबू साहब के आंखों में अथाह प्रेम छलक उठा उनके हृदय में एक टीस उठी और एक अफसोस भाव नजर आया बाबू साहब ने सोचा ! क्या वो आता तो मिनी के साथ ऐसा नहीं होता? और मिनी उसके मन में उसके लिए इतनी इज्जत। , इतना प्रेम क्यों ? विजय (मिनी के बाबू साहब ) को घटना स्थल के लोगो ने बता मिनी जब बेहोश थी उसके आखिरी शब्द बाबू साहब थे । विजय के हृदय में उस बच्ची के लिए अंतहीन प्रेम उबर उठा यही तो बुलाती थी उसकी मिनी बाबू साहब । विजय ने प्यार से मिनी के सिर पर हाथ फेरा और बोले मिनी आज से तुम हमारे साथ हमारे घर रहना । वहां तुम्हारी जैसी एक और छोटी मिनी है । जो तुम्हारी ही तरह प्यारी है । बाबू साहब के आंखों में आंसू थे और मिनी के भी ।

rk1996tgmailcom9244

Goodnight

kattupayas.101947

gautam0218

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gautam0218

gautam0218

वैसे तो मुझे मदर्स डे मनाना पसंद नहीं,
क्योंकि एक दिन उन्हें याद करके
बाकी 364 दिन भूल जाना,
मुझे बहुत अजीब लगता है।
माँ तो वो एहसास हैं,
जो हर सांस में होती हैं,
हर पल हमारे साथ होती हैं।

फिर भी, आज का दिन
उनके नाम कुछ शब्द कहने को मजबूर करता है,
दिल की गहराइयों से निकली ये पंक्तियाँ
सिर्फ एक कोशिश हैं... माँ को समझाने की।

माँ,
तू थक जाए तो भी मुस्कुराती है,
तेरे आंचल में सुकून की छाया है।
तेरे बिना सब अधूरा लगता है,
तू साथ हो तो हर रास्ता आसान लगता है।

तेरी डांट में भी दुआ छुपी होती है,
तेरे हाथ की रोटियों में जन्नत बसी होती है।
तू कभी 'थैंक यू' नहीं मांगती,
पर हम हर खुशी तेरे नाम कर देना चाहते हैं।

माँ,
तू हर दिन की हकदार है,
सिर्फ एक दिन की नहीं।

rohanbeniwal113677

mard marad hote hai... psandida aurat ke liye lad , kat mar jate hai ..

sywswnqs5012.mb

https://www.matrubharti.com/book/19973750/what-are-you-to-me
New story🌻❤️‍🩹🪷
तुम मेरे क्या हो.!?

heemashree3430

Gm🍀

dr.bhairavsinhraol9051

Good evening

kattupayas.101947

Jay shree krishna 🌹

dr.bhairavsinhraol9051

Jay shree krishna 🌹

dr.bhairavsinhraol9051

Jay shree krishna 🌹

dr.bhairavsinhraol9051

Happy Mother's Day 💐💐

kaushikdave4631

અનંત આકાશની કોઈ સીમા ના મળી,
કેટલાય જીવનો સમાવ્યા છે,

ધરા જેવી કોઈ જનેતા ના મળી,
એક બીજ નાખોને જીવન મળે,

સૂર્ય,ચંદ્ર અને તારાઓની જેમ કોણ ઝળહળે,
દરિયાની લહેરો અને પવનોને તો જો કેવી મોજ મસ્તી કરે,
આનંદીત વૃક્ષો કેવા ઝુમે ને ફળો આપે,

નદીઓને મળ તો ખબર પડે,
એતો કેવી દરિયાને મળવા રોજ દોડે,

પંખીઓ ઉડીને કેટ કેટલીય લાંબી સફરો ખેડે,
પ્રાણીઓ તો જંગલમાં એકલા જ મોજ મસ્ત રહે,

મનુષ્ય તું પ્રકૃતિ મન બન‌,
છે ઘણું એ જ બધું તારુ રે..

મનોજ નાવડીયા

manojnavadiya7402

मां

meerasingh3946

र्मां सिर्फ एक शब्द नहीं, एक पूरी दुनिया है.
उसकी गोद में सुकून है, उसकी दुआओं में ताकत है.
और उसके होने से ही दुनिया जन्नत लगती हैं.
र्मां के बिना कुछ अधुरा है,र्मां के साथ हर दिन पूरा है....

dipika9474