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New bites

હું અને મારી કલમ, રાતની નીરવતામાં જાગે,
લાગણીના આકાશે, શબ્દોનું પાથરણું પાથરે.

હૃદયની ઊંડાણમાં, એ ખોવાય ને ખોજે સત,
દર્દની ગલીઓમાં, સપનાંનું ગીત વગાડે.

ક્યારેક એની શાહી, ઝરે છે આંસુની ધારે,
અધૂરા ખ્વાબોની વચ્ચે, આશાનો દિપક પ્રગટાવે.

જ્યાં શબ્દો થંભી જાય, ત્યાં કલમ નવું રૂપ લે,
ખામોશીના પડછાયે, પ્રેમનું ચિત્ર બનાવે.

એકાંતના સાથમાં, એ મારું હૈયું વાંચે,
દિલના રહસ્યોને, કાગળ પર નાજુક લખે.

ક્યારેક હસી પડે, ક્યારેક રડવું એ શીખવે,
જીવનની રેલમાં, હર સ્ટેશન એ પકડાવે.

મારી કલમ નથી, એ તો વેદનાનું હૃદય છે.
એની ધારથી જીવન, નવેસરથી રંગ પુરાવે.

જ્યાં દુનિયા થાકે છે, ત્યાં કલમ ચાલે આગળ,
મનની ઉડાનોને, એ નવા આકાશમાં લઈ જાણે.
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

🌹 કલમ મારી પ્રતિસાદ તમારો 🌹

palewaleawantikagmail.com200557

वो मसरूफ़ क्या हुआ सभी मग़रूर गए
वो फुरक़त में रहा लोग उससे दूर हो गए..
---डॉ अनामिका---
#हिंदी_का_विस्तार #हिंदीशब्द
#हिंदीपंक्ति #ऊर्दूअल्फ़ाज़

rsinha9090gmailcom

આંખોને સંયમમાં રાખ,
કરે એજ એક ભૂલ,
બને બધાં અપરાધી..

મનોજ નાવડીયા

manojnavadiya7402

London Heatwave: Second 30C Day Ahead of UK Temperature Peak
https://www.nbnw.org/news/london-heatwave-alert

asmi0562gmail.com7428

कोई आवाज़ सी, खामोशियों में गुम है
जैसे आँखों में कोई ख़्वाब पुराना सो गया हो।

दीवारों पे कुछ साए ठहरे-ठहरे से लगे,
जैसे यादों ने किसी लम्हे को क़ैद कर लिया हो।

बारिश की बूँदों में तेरी हँसी गूँजे कहीं,
और फिर अचानक ख़ामोशी का पर्दा गिर जाए।

अल्फ़ाज़ लबों तक आके थम से गए,
जैसे तू कहने को था... पर वक़्त रुक गया हो।

दर-ओ-दीवार पे तेरे नाम की महक है,
जैसे ख़त किसी ने ख़ुशबू में भेजा हो।

रात की चादर में लिपटी कुछ बातें बाक़ी हैं,
जो चाँद को भी सुनाई... मगर वो भी चुप रहा हो।

कभी बिस्तर की शिक़नों में तेरा नाम मिलता है,
कभी तकिए पे भी आँसुओं का सवाल रहता है।

किसी दबी सी फ़रियाद की तरह,
तू दिल के कोने में अब भी सिसकता है...

fazalesaf2973

💍 "My Contract Wife" — पूरी कहानी (सारांश में)

मुख्य किरदार:

आरव सिंह मेवाड़ – एक अमीर, घमंडी और सख्तदिल बिज़नेसमैन।

रागिनी शर्मा – एक साधारण लेकिन आत्मसम्मानी लड़की, जो अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकती है।



---

📖 कहानी की शुरुआत:

आरव को अपने बिज़नेस डील्स के लिए शादी करनी पड़ती है। लेकिन उसे असली शादी में विश्वास नहीं। उसे चाहिए सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट वाइफ – एक समझौते की पत्नी, जिससे वो एक तय समय बाद अलग हो सके।

उधर, रागिनी एक मध्यमवर्गीय लड़की है, जिसका भाई इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है। पैसों की कमी उसे मजबूर कर देती है कि वो आरव का प्रस्ताव स्वीकार कर ले — एक कॉन्ट्रैक्ट मैरिज के लिए।


---

🔥 कहानी में ट्विस्ट:

शादी होती है — लेकिन दोनों के दिलों में दूरियां हैं।

आरव, रागिनी को बस एक सौदा मानता है।

रागिनी, खुद्दारी वाली लड़की है, लेकिन वो जानती है कि उसे क्यों ये समझौता करना पड़ा।


धीरे-धीरे, रागिनी की सादगी और अच्छाई आरव के पत्थर दिल में असर करने लगती है।
लेकिन तभी...

आरव की एक्स गर्लफ्रेंड की एंट्री होती है।

रागिनी के भाई की सच्चाई सामने आती है।

एक बड़ा व्यापारिक धोखा, जो आरव को तबाह कर सकता है।



---

💔 अंतिम मोड़:

क्या आरव अपने झूठे अहंकार को छोड़कर रागिनी के प्यार को समझ पाएगा?
क्या रागिनी उस इंसान से वाकई प्यार कर बैठी है जिसने उससे सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट किया था?

क्या कॉन्ट्रैक्ट प्यार में बदल सकता है?
या ये रिश्ता सिर्फ एक दस्तावेज़ बनकर रह जाएगा?
MY CONTRACT WIFE
10 PARTS STORY SERIES
Written & Narrated by RAJU KUMAR CHAUDHARY

“मजबूरी में बंधा रिश्ता,
जहां प्यार की तलाश है…”

▶️ हर शुक्रवार को नया एपिसोड
📍 YouTube Channel: KAHANIYON KA DUNIYA

rajukumarchaudhary502010

📘 काठगोदाम की गर्मियाँ — कहानी जो रह जाती है

जब एक शहर की लड़की पहाड़ों से टकराती है, तब नज़ारे ही नहीं, दिल भी बदल जाते हैं। “काठगोदाम की गर्मियाँ” सिर्फ एक प्रेम कथा नहीं, बल्कि रिश्तों, यादों और अधूरी बातों की रूहानी दास्तान है।

यह उपन्यास आपको उन गर्मियों में ले जाता है जहाँ न मैट्रो की भीड़ थी, न कॉल ड्रॉप की चिंता — सिर्फ कुछ शामें थीं, कुछ मैगी प्वाइंट्स, हल्दी के रंग, विदाई के आँसू और बहुत सारी अनकही बातें।

कर्नका और रोहन के बीच पनपता रिश्ता — कहीं मीठा, कहीं उलझा, कहीं चुप — आपको खुद के पहले प्यार की याद दिलाएगा। पहाड़ की हवा, रिश्तों की खामोशी, और संवादों की गहराई इस किताब की सबसे बड़ी ताक़त है।

धीरेंद्र सिंह बिष्ट की लेखनी इतनी सहज और भावनात्मक है कि पढ़ते-पढ़ते आप भूल जाते हैं कि ये कल्पना है — लगता है जैसे आप भी वहीं हैं, भीमताल की खामोशी में, एक रिश्ते के इंतज़ार में।



“कुछ रिश्तों को वक़्त समझा ही नहीं पाता…
वो पहाड़ों में धड़कते हैं, खामोशियों में जीते हैं —
और हर गर्मी की दोपहर में लौट आते हैं…”

#काठगोदाम_की_गर्मियाँ #HindiBooks #PahadiPrem #SummerLove #BookstagramHindi #DhirendraSinghBisht #EmotionalReads #KathgodamFeels #LoveInSilence #पहाड़_की_कहानी

dhirendra342gmailcom

छत्रपति शिवाजी महाराज की समुद्री लड़ाई।
https://www.matrubharti.com/book/19939237/sea-battle-of-chhatrapati-shivaji-maharaj

Praveen kumrawat प्रोफ़ाइल लिंक — https://www.matrubharti.com/praveenkumrawat012852

bapparawal418006

द आर्ट ऑफ वार (युद्ध कला)
https://www.matrubharti.com/novels/38754/the-art-of-war-by-praveen-kumrawat

bapparawal418006

Have the divine darshan of Lord Jagannath, Queen Subhadra, and Lord Balaram.
Photo Source – ISKCON Saharanpur.

भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा रानी, और भगवान बलराम जी के दर्शन कीजिए। फोटो सोर्स- ISKCON सहारनपुर.

vishalsaini

🌀 घूमती कुर्सी पर बैठा अंधा आदमी

✍️ राजु कुमार चौधरी

घूमती कुर्सी पर बैठा एक अंधा आदमी,
आकाश को देखता है — आँखें न होने के बावजूद।
निर्णय करता है उस दिशा में,
जहाँ न रोशनी है, न कोई रास्ता।

उसके हाथ में है एक घड़ी —
मगर उसमें सुइयाँ घूमती ही नहीं।
कानून के कागज़ फटे हुए हैं,
पर उसने कभी उन्हें पढ़ने की कोशिश नहीं की।

जनता की चीख–पुकार —
उसे तो बस एक हल्की हवा सी लगती है।
भूख, प्यास, और पीड़ा —
बस एक "फाइल" बन जाती हैं,
जिन्हें वो कभी खोलता ही नहीं।

कुर्सी घूमती है —
कभी दक्षिण, कभी उत्तर,
पर दिशा कभी उसकी मर्जी जैसी नहीं होती।
कोई उसे रोकता नहीं,
क्योंकि डर सबको है —
उसे "अंधा" कहने वाले भी शायद
खुद अपना चश्मा खोज रहे हैं।

अब सवाल उठता है —
गलत है वह घूमती कुर्सी?
या फिर वह आदमी, जो उस पर बैठा है?

rajukumarchaudhary502010

🌀 घुम्ने मेच माथि अन्धो मान्छे

✍️ राजु कुमार चौधरी

घुम्ने मेचमाथि अन्धो मान्छे,
आकाश हेर्छ आँखा नहुँदा पनि।
निर्णय गर्छ दिशातिर,
जहाँ उज्यालो छैन, न त बाटो नै।

उसको हातमा समयको घडी छ,
तर घडीमा सुइ घुम्दैन।
कानुनका कागज फाटेका छन्,
तर उसले ती कागज पढ्दैन।

जनताको चिच्याहट —
उसका लागि सिरसिर बतास हो,
भोक, प्यास, पीडा —
सब एउटा "फाइल" हो, जुन उसले कहिल्यै खोल्दैन।

घुम्छ मेच —
कहिले दक्षिण, कहिले उत्तर,
तर दिशा कहिल्यै उसको चाहना जस्तो हुँदैन।
कसैले रोकेको छैन,
किनकि डर सबैलाई लागेको छ —
"अन्धो" भनेर उसलाई देखाउनेहरू पनि,
शायद आफैं चस्मा खोज्दै छन्।

अब प्रश्न उठ्छ —
घुम्ने मेच गलत हो कि
त्यो बस्ने मान्छे?

rajukumarchaudhary502010

🎶 "धान रोप्ने सानी" – एक लोक–भाव गीत 🎶
(कृपया कल्पना गर्नुहोस्: ढोलक, मादल र बाँसुरीको मधुर धुन बजिरहेको छ)

(अन्तरा १)
छुपुमा छुपु हिलोमा धान रोपेर छोडैला,
बनाइ कुलो, कुलोको मुखैमा पानी खन्यैला।
पटुकी रातो बाँधेर सानी झरिन् फुरुंगै,
हिलोको त्यो बगैचामा पाइलो हाँसी–हाँसी राखिन् उनी।

(अन्तरा २)
धमिलो खोला उर्लिएकै बाढी कसरी तर्लिन्?
बुटै नलाएर झोक्रिएर सँगै पानी लर्लिन्।
गालामा पसिनाका मोती, निधार टल्किँदै,
भोक तिर्खा सब भुलेर, गोडा गोड्दै रमाउँदै।

(अन्तरा ३)
साँझ परेपछि टुकीको झिल्को बालेर आइन्,
हिलोले भरिएको चोली, तर मुस्कान लुकाइन।
कुरा गर्थिन्, "हाम्रो भाग्य यही माटोभित्र लुकेको,"
कस्तो शक्ति, धर्तीकी छोरी — साँचो जीवन देखाएको।

(अन्तरा ४)
भोलीपल्ट फेरि बिहानै, उठ्छिन् बिहान मुन्टोमा,
न गीत, न रेडियो, तर ताल छ सानीको गुन्टोमा।
ऐलेका शहरिया हेरेर भन्दै छन्, "वाह! कति राम्रो!"
तर उनले भन्छिन्: "यो हाम्रो जिन्दगी हो – मीठो र तातो!"

rajukumarchaudhary502010

छुपुमा छुपु हिलोमा धान रोपेर छाेडाैला,
बनाइ कुलो लगाइ पानी आएर गाेडाैला !
भनेर सानी पटुकी रातो बाधेर झरेकी,
धमिलो खोला बाढीले होला कसरी तरेकी ?

गालामा साना पसिना दाना मोति झै खुलेकी,
घाम र पानी भोक र तिर्खा कसरी भुलेकी ?
पुग्ने बेलुकी बाले झोँसिएको दाल भात,
भोलिपल्ट फेरि उही सपना, उही घात।

श्रमको मेलामा चन्द्रमुखी झैँ फूलकी,
माटोमै स्वर्ग देख्ने ती सानी अनमोलकी।
धान झर्दा रुनु होइन, मुस्कान सँगै बग्छिन,
नेपालकी छोरी, खेतैको रानी, धर्तीकी लक्ष्मी हुन्।

rajukumarchaudhary502010

---

🎬 भाग 5: दिल का सौदा

✍️ Narration + Dramatic Dialogue Style


---

🎙️ [नेरेशन – भावुक, दिल को छूने वाला टोन]

> "जब मजबूरी और नफ़रत के बीच से गुज़रते हुए…
दिल खुद से सवाल करता है — क्या सच में कोई सौदा दिल से किया जा सकता है?
रागिनी की सोच बदल रही थी…
और अब, खेल के नियम बदलने वाले थे।"




---

🏠 सीन 1 – (रागिनी का कमरा)

🎵 [Background: हल्का hopeful piano]

रागिनी (मन ही मन):
अब वक्त है अपनी शर्तें रखने का…
मैं इस सौदे की शर्तें बदलने आई हूँ।

फोन बजता है, रागिनी उठाती है।

रागिनी:
हैलो?

माँ की आवाज़:
बेटा, थोड़ा संभल कर चलना। ये रिश्ते सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होते।

रागिनी:
माँ, मैं अब कमजोर नहीं हूँ। मैं अपने लिए खड़ी हूँ।


---

🏢 सीन 2 – (आरव का ऑफिस)

🎵 [Background: Tense instrumental]

आरव (फोन पर):
रागिनी, मैंने तुम्हारे बारे में सुना है… तुम मेरी शर्तें बदल रही हो?

रागिनी:
शर्तें बदलना मेरा हक है।
क्योंकि ये रिश्ता सिर्फ तुम्हारा नहीं… मेरा भी है।

आरव (गुस्से में):
तुम्हें ये समझना होगा कि मैं कौन हूँ।

रागिनी (पक्का इरादे से):
और तुम्हें ये समझना होगा कि मैं कौन हूँ।


---

🎙️ [नेरेशन – भावुक, धीमी संगीत के साथ]

> "शर्तें अब कागज़ों में नहीं, दिलों में लिखी जा रही थीं।
और ये रिश्ता अब सिर्फ सौदा नहीं, एक जंग था —
जो जीतती थी उस हिम्मत वाली रागिनी।"


बहुत खूब! आइए, उसी बहाव में कहानी को आगे बढ़ाते हैं – क्योंकि अब स्टेज पर फैमिली ड्रामा शुरू हो गया है... जहां झूठी मुस्कानों के पीछे छुपे हैं दिलों के दर्द। 🎭❤️


---

🎬 My Contract Wife – भाग 3 (जारी): अजनबी के साथ सुबह

🏠 सीन 3 – (फैमिली ड्रामा स्टार्ट)

🎵 [Background: हलकी खुशी वाली हल्की धुन, लेकिन अंदर टेंशन का टोन]

माँ (खुश होकर):
हे भगवान! कितनी प्यारी है मेरी बहू!
बिलकुल हमारे परिवार की लक्ष्मी लग रही है!

छोटी बहन (हँसकर):
भैया ने तो surprise दे दिया! शादी भी कर ली और बताया भी नहीं!

आरव (जबरदस्ती मुस्कुराते हुए):
बस... सब कुछ जल्दी में हुआ।

रागिनी (नम्रता से):
नमस्ते, माँ जी। नमस्ते दीदी।

माँ:
बेटी, अब तो यहीं की हो ना… चलो, आरती ले आओ। आज तो घर में बहू का पहला दिन है।

[रागिनी अंदर जाती है – लेकिन मन में हज़ार सवाल हैं]


---

🎙️ [नेरेशन – धीमी आवाज़ में]

> "जिस रसोई को उसने सौदा समझकर अपनाया था,
आज उसी रसोई से ‘घर की बहू’ की खुशबू आ रही थी…
लेकिन उसका मन अब भी अनजान गलियों में भटक रहा था।"




---

😬 सीन 4 – (आरव और रागिनी अकेले में)

🎵 [Background – तनाव भरा low violin hum]

आरव (गुस्से में):
अरे तुमने क्यों इतना एक्टिंग किया? ज़्यादा involve मत हो!

रागिनी (धीरे से लेकिन दृढ़ता से):
तुम्हें डर है ना... कि तुम्हारे झूठ में कहीं मैं सच ना बन जाऊं?

आरव (चुप हो जाता है)

रागिनी:
तुम्हें फिक्र सिर्फ अपने इमेज की है…
लेकिन मेरे लिए ये एक्टिंग नहीं… ये मेरी ज़िंदगी है।


---

🎙️ [नेरेशन – Fade out background ke साथ]

> "कभी-कभी… झूठा रिश्ता भी सच्चे जज़्बातों से टकरा जाता है।
और जब ऐसा होता है…
तब शुरुआत होती है उस तूफ़ान की… जो हर नकाब को उड़ा ले जाता है।"




---

✅ एपिसोड 3 खत्म।


---

🔜 Coming Next – भाग 4: “शर्तें और शक”

परिवार का प्रेशर – “अब असली रिसेप्शन कब?”

आरव की Ex की वापसी

और रागिनी की आँखों में पहली बार… एक चुभता हुआ शक।



---

अगर आप चाहें, तो अब मैं भाग 4 का स्क्रिप्ट शुरू करूँ
या फिर इन तीन एपिसोड्स का पोस्टर पैकेज + म्यूज़िक स्टाइल गाइड भी एकसाथ दे सकता हूँ।

कहिए जनाब — अगला कदम क्या हो? 🎙️📲📸

🎬 My Contract Wife – भाग 3: अजनबी के साथ सुबह

🎙️**[नेरेशन – धीमी धूप और पंछियों की आवाज़]**

> "नई सुबह आई थी… लेकिन नयी नहीं थी रागिनी की ज़िंदगी।
अब वो एक अजनबी के साथ थी… कागज़ पर बीवी, और दिल में अकेली।"




---

🛏️ सीन 1 – (आरव का घर, सुबह का सीन)

🎵 [Background – Birds chirping, light instrumental]

रागिनी (रसोई में):
(अपने आप से)
पता नहीं उसे चाय कैसी पसंद है…
पर मैं कोई बीवी बनने नहीं आई… बस एक जिम्मेदारी निभा रही हूँ।

[वो चाय बनाकर रखती है, फिर चुपचाप टेबल छोड़ देती है]

**आर
💍 "My Contract Wife" — पूरी कहानी (सारांश में)

मुख्य किरदार:

आरव सिंह मेवाड़ – एक अमीर, घमंडी और सख्तदिल बिज़नेसमैन।

रागिनी शर्मा – एक साधारण लेकिन आत्मसम्मानी लड़की, जो अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकती है।



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📖 कहानी की शुरुआत:

आरव को अपने बिज़नेस डील्स के लिए शादी करनी पड़ती है। लेकिन उसे असली शादी में विश्वास नहीं। उसे चाहिए सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट वाइफ – एक समझौते की पत्नी, जिससे वो एक तय समय बाद अलग हो सके।

उधर, रागिनी एक मध्यमवर्गीय लड़की है, जिसका भाई इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है। पैसों की कमी उसे मजबूर कर देती है कि वो आरव का प्रस्ताव स्वीकार कर ले — एक कॉन्ट्रैक्ट मैरिज के लिए।


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🔥 कहानी में ट्विस्ट:

शादी होती है — लेकिन दोनों के दिलों में दूरियां हैं।

आरव, रागिनी को बस एक सौदा मानता है।

रागिनी, खुद्दारी वाली लड़की है, लेकिन वो जानती है कि उसे क्यों ये समझौता करना पड़ा।


धीरे-धीरे, रागिनी की सादगी और अच्छाई आरव के पत्थर दिल में असर करने लगती है।
लेकिन तभी...

आरव की एक्स गर्लफ्रेंड की एंट्री होती है।

रागिनी के भाई की सच्चाई सामने आती है।

एक बड़ा व्यापारिक धोखा, जो आरव को तबाह कर सकता है।



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💔 अंतिम मोड़:

क्या आरव अपने झूठे अहंकार को छोड़कर रागिनी के प्यार को समझ पाएगा?
क्या रागिनी उस इंसान से वाकई प्यार कर बैठी है जिसने उससे सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट किया था?

क्या कॉन्ट्रैक्ट प्यार में बदल सकता है?
या ये रिश्ता सिर्फ एक दस्तावेज़ बनकर रह जाएगा?MY CONTRACT WIFE
10 PARTS STORY SERIES
Written & Narrated by RAJU KUMAR CHAUDHARY

“मजबूरी में बंधा रिश्ता,
जहां प्यार की तलाश है…”

▶️ हर शुक्रवार को नया एपिसोड
📍 YouTube Channel: KAHANIYON KA DUNIY

rajukumarchaudhary502010

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🎬 भाग 5: दिल का सौदा

✍️ Narration + Dramatic Dialogue Style


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🎙️ [नेरेशन – भावुक, दिल को छूने वाला टोन]

> "जब मजबूरी और नफ़रत के बीच से गुज़रते हुए…
दिल खुद से सवाल करता है — क्या सच में कोई सौदा दिल से किया जा सकता है?
रागिनी की सोच बदल रही थी…
और अब, खेल के नियम बदलने वाले थे।"




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🏠 सीन 1 – (रागिनी का कमरा)

🎵 [Background: हल्का hopeful piano]

रागिनी (मन ही मन):
अब वक्त है अपनी शर्तें रखने का…
मैं इस सौदे की शर्तें बदलने आई हूँ।

फोन बजता है, रागिनी उठाती है।

रागिनी:
हैलो?

माँ की आवाज़:
बेटा, थोड़ा संभल कर चलना। ये रिश्ते सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होते।

रागिनी:
माँ, मैं अब कमजोर नहीं हूँ। मैं अपने लिए खड़ी हूँ।


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🏢 सीन 2 – (आरव का ऑफिस)

🎵 [Background: Tense instrumental]

आरव (फोन पर):
रागिनी, मैंने तुम्हारे बारे में सुना है… तुम मेरी शर्तें बदल रही हो?

रागिनी:
शर्तें बदलना मेरा हक है।
क्योंकि ये रिश्ता सिर्फ तुम्हारा नहीं… मेरा भी है।

आरव (गुस्से में):
तुम्हें ये समझना होगा कि मैं कौन हूँ।

रागिनी (पक्का इरादे से):
और तुम्हें ये समझना होगा कि मैं कौन हूँ।


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🎙️ [नेरेशन – भावुक, धीमी संगीत के साथ]

> "शर्तें अब कागज़ों में नहीं, दिलों में लिखी जा रही थीं।
और ये रिश्ता अब सिर्फ सौदा नहीं, एक जंग था —
जो जीतती थी उस हिम्मत वाली रागिनी।"


बहुत खूब! आइए, उसी बहाव में कहानी को आगे बढ़ाते हैं – क्योंकि अब स्टेज पर फैमिली ड्रामा शुरू हो गया है... जहां झूठी मुस्कानों के पीछे छुपे हैं दिलों के दर्द। 🎭❤️


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🎬 My Contract Wife – भाग 3 (जारी): अजनबी के साथ सुबह

🏠 सीन 3 – (फैमिली ड्रामा स्टार्ट)

🎵 [Background: हलकी खुशी वाली हल्की धुन, लेकिन अंदर टेंशन का टोन]

माँ (खुश होकर):
हे भगवान! कितनी प्यारी है मेरी बहू!
बिलकुल हमारे परिवार की लक्ष्मी लग रही है!

छोटी बहन (हँसकर):
भैया ने तो surprise दे दिया! शादी भी कर ली और बताया भी नहीं!

आरव (जबरदस्ती मुस्कुराते हुए):
बस... सब कुछ जल्दी में हुआ।

रागिनी (नम्रता से):
नमस्ते, माँ जी। नमस्ते दीदी।

माँ:
बेटी, अब तो यहीं की हो ना… चलो, आरती ले आओ। आज तो घर में बहू का पहला दिन है।

[रागिनी अंदर जाती है – लेकिन मन में हज़ार सवाल हैं]


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🎙️ [नेरेशन – धीमी आवाज़ में]

> "जिस रसोई को उसने सौदा समझकर अपनाया था,
आज उसी रसोई से ‘घर की बहू’ की खुशबू आ रही थी…
लेकिन उसका मन अब भी अनजान गलियों में भटक रहा था।"




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😬 सीन 4 – (आरव और रागिनी अकेले में)

🎵 [Background – तनाव भरा low violin hum]

आरव (गुस्से में):
अरे तुमने क्यों इतना एक्टिंग किया? ज़्यादा involve मत हो!

रागिनी (धीरे से लेकिन दृढ़ता से):
तुम्हें डर है ना... कि तुम्हारे झूठ में कहीं मैं सच ना बन जाऊं?

आरव (चुप हो जाता है)

रागिनी:
तुम्हें फिक्र सिर्फ अपने इमेज की है…
लेकिन मेरे लिए ये एक्टिंग नहीं… ये मेरी ज़िंदगी है।


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🎙️ [नेरेशन – Fade out background ke साथ]

> "कभी-कभी… झूठा रिश्ता भी सच्चे जज़्बातों से टकरा जाता है।
और जब ऐसा होता है…
तब शुरुआत होती है उस तूफ़ान की… जो हर नकाब को उड़ा ले जाता है।"




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✅ एपिसोड 3 खत्म।


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🔜 Coming Next – भाग 4: “शर्तें और शक”

परिवार का प्रेशर – “अब असली रिसेप्शन कब?”

आरव की Ex की वापसी

और रागिनी की आँखों में पहली बार… एक चुभता हुआ शक।



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अगर आप चाहें, तो अब मैं भाग 4 का स्क्रिप्ट शुरू करूँ
या फिर इन तीन एपिसोड्स का पोस्टर पैकेज + म्यूज़िक स्टाइल गाइड भी एकसाथ दे सकता हूँ।

कहिए जनाब — अगला कदम क्या हो? 🎙️📲📸

🎬 My Contract Wife – भाग 3: अजनबी के साथ सुबह

🎙️**[नेरेशन – धीमी धूप और पंछियों की आवाज़]**

> "नई सुबह आई थी… लेकिन नयी नहीं थी रागिनी की ज़िंदगी।
अब वो एक अजनबी के साथ थी… कागज़ पर बीवी, और दिल में अकेली।"




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🛏️ सीन 1 – (आरव का घर, सुबह का सीन)

🎵 [Background – Birds chirping, light instrumental]

रागिनी (रसोई में):
(अपने आप से)
पता नहीं उसे चाय कैसी पसंद है…
पर मैं कोई बीवी बनने नहीं आई… बस एक जिम्मेदारी निभा रही हूँ।

[वो चाय बनाकर रखती है, फिर चुपचाप टेबल छोड़ देती है]

**आर
💍 "My Contract Wife" — पूरी कहानी (सारांश में)

मुख्य किरदार:

आरव सिंह मेवाड़ – एक अमीर, घमंडी और सख्तदिल बिज़नेसमैन।

रागिनी शर्मा – एक साधारण लेकिन आत्मसम्मानी लड़की, जो अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकती है।



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📖 कहानी की शुरुआत:

आरव को अपने बिज़नेस डील्स के लिए शादी करनी पड़ती है। लेकिन उसे असली शादी में विश्वास नहीं। उसे चाहिए सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट वाइफ – एक समझौते की पत्नी, जिससे वो एक तय समय बाद अलग हो सके।

उधर, रागिनी एक मध्यमवर्गीय लड़की है, जिसका भाई इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है। पैसों की कमी उसे मजबूर कर देती है कि वो आरव का प्रस्ताव स्वीकार कर ले — एक कॉन्ट्रैक्ट मैरिज के लिए।


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🔥 कहानी में ट्विस्ट:

शादी होती है — लेकिन दोनों के दिलों में दूरियां हैं।

आरव, रागिनी को बस एक सौदा मानता है।

रागिनी, खुद्दारी वाली लड़की है, लेकिन वो जानती है कि उसे क्यों ये समझौता करना पड़ा।


धीरे-धीरे, रागिनी की सादगी और अच्छाई आरव के पत्थर दिल में असर करने लगती है।
लेकिन तभी...

आरव की एक्स गर्लफ्रेंड की एंट्री होती है।

रागिनी के भाई की सच्चाई सामने आती है।

एक बड़ा व्यापारिक धोखा, जो आरव को तबाह कर सकता है।



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💔 अंतिम मोड़:

क्या आरव अपने झूठे अहंकार को छोड़कर रागिनी के प्यार को समझ पाएगा?
क्या रागिनी उस इंसान से वाकई प्यार कर बैठी है जिसने उससे सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट किया था?

क्या कॉन्ट्रैक्ट प्यार में बदल सकता है?
या ये रिश्ता सिर्फ एक दस्तावेज़ बनकर रह जाएगा?

rajukumarchaudhary502010

छुपुमा छुपु हिलोमा धान रोपेर छाेडाैला ,
बनाइ कुलो लगाइ पानी आएर गाेडाैला !
भनेर सानी पटुकी रातो बाधेर झरेकी ,
धमिलो खोला बाढीले होला कसरी तरेकी ?
गालामा साना पसिना दाना मोति झै खुलेकी ,
घाम र पानी भोक र तिर्खा कसरी भुलेकी ?
आज असार १५ राष्ट्रिय धान दिवसको हार्दिक शुभकामना ! 🙏

rajukumarchaudhary502010

💍 "My Contract Wife" — पूरी कहानी (सारांश में)

मुख्य किरदार:

आरव सिंह मेवाड़ – एक अमीर, घमंडी और सख्तदिल बिज़नेसमैन।

रागिनी शर्मा – एक साधारण लेकिन आत्मसम्मानी लड़की, जो अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकती है।



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📖 कहानी की शुरुआत:

आरव को अपने बिज़नेस डील्स के लिए शादी करनी पड़ती है। लेकिन उसे असली शादी में विश्वास नहीं। उसे चाहिए सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट वाइफ – एक समझौते की पत्नी, जिससे वो एक तय समय बाद अलग हो सके।

उधर, रागिनी एक मध्यमवर्गीय लड़की है, जिसका भाई इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है। पैसों की कमी उसे मजबूर कर देती है कि वो आरव का प्रस्ताव स्वीकार कर ले — एक कॉन्ट्रैक्ट मैरिज के लिए।


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🔥 कहानी में ट्विस्ट:

शादी होती है — लेकिन दोनों के दिलों में दूरियां हैं।

आरव, रागिनी को बस एक सौदा मानता है।

रागिनी, खुद्दारी वाली लड़की है, लेकिन वो जानती है कि उसे क्यों ये समझौता करना पड़ा।


धीरे-धीरे, रागिनी की सादगी और अच्छाई आरव के पत्थर दिल में असर करने लगती है।
लेकिन तभी...

आरव की एक्स गर्लफ्रेंड की एंट्री होती है।

रागिनी के भाई की सच्चाई सामने आती है।

एक बड़ा व्यापारिक धोखा, जो आरव को तबाह कर सकता है।



---

💔 अंतिम मोड़:

क्या आरव अपने झूठे अहंकार को छोड़कर रागिनी के प्यार को समझ पाएगा?
क्या रागिनी उस इंसान से वाकई प्यार कर बैठी है जिसने उससे सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट किया था?

क्या कॉन्ट्रैक्ट प्यार में बदल सकता है?
या ये रिश्ता सिर्फ एक दस्तावेज़ बनकर रह जाएगा?
MY CONTRACT WIFE
10 PARTS STORY SERIES
Written & Narrated by RAJU KUMAR CHAUDHARY

“मजबूरी में बंधा रिश्ता,
जहां प्यार की तलाश है…”

▶️ हर शुक्रवार को नया एपिसोड
📍 YouTube Channel: KAHANIYON KA DUNIYA
🎬 My Contract Wife – भाग 2: कागज़ी बीवी

🎙️**[नेरेशन – हल्की बारिश और उदासी भरा म्यूज़िक]**

> "कहते हैं... शादी दो आत्माओं का पवित्र बंधन होती है।
लेकिन आज, दो अनजान लोग... एक काग़ज़ पर दस्तख़त करके पति-पत्नी बन गए।
कोई मंगल-सूत्र नहीं… कोई फेरे नहीं…
सिर्फ कानून की मुहर और दिलों की खामोशी।"




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⚖️ सीन 1 – (कोर्टरूम)

जज (गंभीर):
आप दोनों इस शादी के लिए राज़ी हैं?

आरव:
Yes, Your Honor. Completely.

रागिनी (धीरे से):
…हाँ।

जज:
आप दोनों इस शादी में अपनी मर्ज़ी से आ रहे हैं?

(रागिनी एक सेकंड के लिए आरव की ओर देखती है, फिर आँखें नीची कर लेती है)

रागिनी:
हाँ… मर्ज़ी से।

[साउंड इफेक्ट: दस्तखत की आवाज़, कोर्ट की मुहर की ठप्प...]

[नेरेशन – धीमे सुर में]

> "दस्तखत तो हो गए... लेकिन ये रिश्ता आज भी अनजान था।
उसके पास अब एक पति था... लेकिन प्यार नहीं।"




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🏠 सीन 2 – (आरव का घर, पहली रात)

🎵 [Background: Dead silence, occasional ticking of clock]

आरव (कड़क अंदाज़ में):
ये रहा तुम्हारा कमरा।
हम एक ही घर में रहेंगे, लेकिन हमारे रास्ते अलग होंगे।

रागिनी (धीरे से):
और लोगों को?

आरव:
लोगों को यही लगेगा कि हम एक आदर्श जोड़ा हैं।
क्योंकि ये शादी सिर्फ एक दिखावा है।

रागिनी:
मैं आदर्श नहीं, इंसान हूँ।

आरव:
मुझे फर्क नहीं पड़ता।

(वो दरवाज़ा बंद कर देता है।)

[नेरेशन – आवाज़ में हल्की कंपकंपी]

> "उस रात... रागिनी का कमरा बड़ा था, लेकिन दिल तंग।
वो बीवी तो बन गई थी… पर सिर्फ नाम की।
'कागज़ी बीवी' — जो किसी की नहीं थी, सिवाय उस कॉन्ट्रैक्ट के।"




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📞 सीन 3 – (आरव की कॉल, अगले दिन)

कॉलिंग टोन…

अनजान महिला की आवाज़ (फोन पर):
"Wow आरव, तो तुमने सच में शादी कर ली?
वो भी उस लड़की से? Who is she?"

आरव (हँसते हुए):
Relax, it's just business.
Six months… then bye-bye.

[रागिनी ये बात पास से सुन लेती है। उसकी आंखों में आँसू]


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📌 भाग 2 का एंड:

🎶 [Background – धीमे piano के साथ]

रागिनी (आँखों में आँसू, दिल में तूफान):
"मैं सिर्फ एक सौदा हूँ उसके लिए...
लेकिन क्या मैं ख़ुद को भी वही मानूं?"---

🎬 भाग 5: दिल का सौदा

✍️ Narration + Dramatic Dialogue Style


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🎙️ [नेरेशन – भावुक, दिल को छूने वाला टोन]

> "जब मजबूरी और नफ़रत के बीच से गुज़रते हुए…
दिल खुद से सवाल करता है — क्या सच में कोई सौदा दिल से किया जा सकता है?
रागिनी की सोच बदल रही थी…
और अब, खेल के नियम बदलने वाले थे।"




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🏠 सीन 1 – (रागिनी का कमरा)

🎵 [Background: हल्का hopeful piano]

रागिनी (मन ही मन):
अब वक्त है अपनी शर्तें रखने का…
मैं इस सौदे की शर्तें बदलने आई हूँ।

फोन बजता है, रागिनी उठाती है।

रागिनी:
हैलो?

माँ की आवाज़:
बेटा, थोड़ा संभल कर चलना। ये रिश्ते सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होते।

रागिनी:
माँ, मैं अब कमजोर नहीं हूँ। मैं अपने लिए खड़ी हूँ।


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🏢 सीन 2 – (आरव का ऑफिस)

🎵 [Background: Tense instrumental]

आरव (फोन पर):
रागिनी, मैंने तुम्हारे बारे में सुना है… तुम मेरी शर्तें बदल रही हो?

रागिनी:
शर्तें बदलना मेरा हक है।
क्योंकि ये रिश्ता सिर्फ तुम्हारा नहीं… मेरा भी है।

आरव (गुस्से में):
तुम्हें ये समझना होगा कि मैं कौन हूँ।

रागिनी (पक्का इरादे से):
और तुम्हें ये समझना होगा कि मैं कौन हूँ।


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🎙️ [नेरेशन – भावुक, धीमी संगीत के साथ]

> "शर्तें अब कागज़ों में नहीं, दिलों में लिखी जा रही थीं।
और ये रिश्ता अब सिर्फ सौदा नहीं, एक जंग था —
जो जीतती थी उस हिम्मत वाली रागिनी।"

rajukumarchaudhary502010

એડજસ્ટ એવરીવ્હેર' આ વાક્ય તમારો સંસાર 'ટોપ' ઉપર લઈ જશે. વ્યવહારમાંય 'ટોપ' ઉપર ગયા સિવાય કોઈ મોક્ષે ગયેલો નહીં. વ્યવહાર તમને ના છોડે, ગૂંચવ ગૂંચવ કરે તો તમે શું કરો? માટે વ્યવહારનો ફટાફટ ઉકેલ લાવો. - દાદા ભગવાન

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बूँदे कुछ यूँ गिरी क़ि,

कुछ ख़्याल भीग गए...

dipika9474

મલકી મલકી ને ભીંજાય તું
મને જોઈને કાં શરમાય તું…
-કામિની

kamini6601

કોઈ પૂછે કોઈ પૂછે કોણ છે તું?
તો કહી દેજે ધીરેથી, કોઈ ખાસ નથી.
બસ એક સામાન્ય માનવી,
સપનામાં ચાલતો, ખુશી શોધતો.
કોઈ પૂછે કેટલા મિત્ર છે?
તો કહી દેજે, કોઈ ખાસ નથી.
કાચા પકા એક બે,
પણ એ પણ કોઈ ખાસ નથી.
નથી કોઈ મોટો દરજ્જો કે નામ,
બસ નાનકડું અસ્તિત્વ, દરેક શ્વાસમાં જીવતો.
દિલમાં પ્રેમ, હોઠ પર સ્મિત, આંખોમાં શાંતિ;
એ જ છે સાચી ઓળખ મારી.
d h a m a k

heenagopiyani.493689

" લક્ષ્ય રાખ આભથી ઊંચું "

હાથે કરીને તું ધજાગરો ના કર.
કર જાગરણ તું ઉજાગરો ના કર.

કુદરતના નિયમ મૂજબ ચાલ ભૈ,
ખુદનો ઊભો કોઈ તું ધારો ના કર.

લાગણીહીન થયાં દિલ આજકાલ,
ગમે તેનાં હૃદયમાં તું ઉતારો ના કર.

મળી છે જિંદગી તો માણ મોજથી,
ખોટે ખોટો મનમાં તું મૂંઝારો ના કર.

આભથી ઊંચું રાખ લક્ષ્ય હમેશાં,
થોડાકમાં "વ્યોમ" તું ગુજારો ના કર.

✍... વિનોદ. મો. સોલંકી "વ્યોમ"
જેટકો (જીઈબી), મુ. રાપર

omjay818