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New bites

rgposhiya2919

🙏🙏🙏

dkb4703

“कनिका ने नमन को गले लगाया… ये अलविदा नहीं था — ये वादा था, जो वक़्त से बंधा नहीं था।”
कुछ रिश्ते छूटते नहीं, वो बस थोड़ी देर के लिए उड़ जाते हैं… और अगर वो सच्चे हों, तो लौट भी आते हैं।

“काठगोदाम की गर्मियाँ” एक ऐसी कहानी है जो आपकी यादों की गलियों से होकर गुज़रती है — दोस्ती, प्यार, और उस खामोश जुड़ाव की, जिसे कभी कहा नहीं गया, बस महसूस किया गया।

नमन और कनिका की ये कहानी आपको याद दिलाएगी कि कभी-कभी किसी को छोड़ना दरअसल उसे पूरी तरह पा लेना होता है — क्योंकि सच्चा प्यार वक़्त नहीं मांगता, वो लौट आने की वजह ढूंढ ही लेता है।

📚 अगर आपने कभी किसी को अलविदा कहा हो… लेकिन दिल में आज भी उसके लौटने की उम्मीद जिंदा हो —
तो “काठगोदाम की गर्मियाँ” सिर्फ एक किताब नहीं, आपकी अपनी कहानी है।

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अब उपलब्ध है — Amazon और Flipkart पर।
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|| જય રણછોડ, માખણ ચોર ||

અષાઢી બીજ અને ભગવાન જગન્નાથજી રથયાત્રા નિમિત્તે આપ સર્વેને હાર્દિક શુભકામનાઓ...

મનોજ નાવડીયા

manojnavadiya7402

“फोकटिया” सिर्फ एक किताब नहीं है — ये उन आवाज़ों की कहानी है जिन्हें कभी कोई सुनना नहीं चाहता था।

जिन्हें समाज ने हाशिये पर रखा, जिन्हें कभी गंभीरता से नहीं लिया गया, और जिनकी बातों को अक्सर “फोकट” कहकर टाल दिया गया — उनकी ज़िंदगी के अनुभवों में ही असल गहराई छुपी होती है।

फोकटिया उन्हीं लोगों की जुबान है।
वो लोग जो खुद को साबित नहीं करना चाहते, पर उनका हर खामोश लफ्ज़ कुछ कहता है।
वो लोग जो बड़ी डिग्रियों से नहीं, बड़ी समझ से जिए हैं।
वो लोग जिनके पास कम था, पर ज़िंदगी को देखने का नजरिया बहुत ज्यादा था।

इस किताब में आपको मिलेंगे ऐसे किरदार —
जो हंसते हैं जब टूटते हैं,
जो देते हैं जब खुद के पास कुछ नहीं होता,
और जो सवाल नहीं, जवाब बनकर सामने खड़े होते हैं।

📚 अगर आपने “फोकट में बोलने वालों” को कभी नजरअंदाज़ किया है,
तो यह किताब पढ़िए — शायद वही बातें आज आपको अंदर तक हिला दें।

✍️ लिखी है दिल से, कही गई है सच्चाई से,
“फोकटिया” पढ़िए और ज़िंदगी को नए नज़रिए से देखिए।

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💬 Comment below if you know a फोकटिया in your life — या शायद आप ही हैं एक!

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dhirendra342gmailcom

गर्भ संस्कार एक्टिविटीज पर यह बुक जरूर पढ़ें।
लिंक: 👇🏻
https://www.matrubharti.com/novels/50833/garbha-sanskar-by-praveen-kumrawat

बहुत अच्छी और प्रेरणादायक किताब... मुझे यह किताब बहुत पसंद है और अन्य सभी गर्भवती महिलाओं को सलाह देती हूँ ... जरूर पढ़े क्योंकि इससे भविष्य के महामानव के निर्माण की नींव रखी जा सकती है। इसलिए सभी को इस पुस्तक के हिसाब से अपने होने वाले बच्चे की प्रोग्रामिंग करने के लिए सलाह दी जा सकती है।

arpitaraghuvanshi253422

Happy Rathyatra

mitra1622

Happy Rathyatra

mitra1622

gn sd tc 🖤

hiralb

“सात सूरजों की पुकार”

मैं खड़ा था एक अनजानी ज़मीं पर,
जहाँ न कोई नाम था, न कोई दिशा।
सात-आठ ग्रह थे मेरी नज़रों में,
हर एक का अपना सूरज, अपनी परिभाषा।

हर सूरज चमक रहा था अलग रंगों में,
कोई लाल, कोई नीला, कोई सुनहरा।
मानो हर जीवन, हर राह की कहानी,
अपनी धूप में छिपाए कोई गहरा ज़हरा।

पर चमक के पीछे कुछ धुंधला था,
जैसे कोई संकट, कोई छाया घिरी हो।
साफ़ नहीं था, पर अहसास था,
जैसे रौशनी खुद डर में डूबी हो।

मैं चुप था, पर मन बोल उठा,
“क्या ये मेरा सपना है या इशारा?”
क्या ये चेतावनी है समय से पहले,
या कोई भूली हुई पुरानी दुहाई प्यारा?

हर सूरज कह रहा था मुझे देखो,
मुझसे सीखो, पर आँख बचा लो।
क्योंकि जहाँ रौशनी होती है सबसे तेज़,
वहीं साया भी सबसे काला होता है, जान लो।

शब्दों के पीछे का भाव:
शायद ये सपना आपको ये बता रहा है कि ज़िंदगी के हर रास्ते में रौशनी तो है, लेकिन उसके पीछे छिपे खतरों को समझना जरूरी है। ये जागरूकता की पुकार है, डराने की नहीं।

_बी.डी.ठाकोर

baldevthakor536914

તું હું ને વરસતો વરસાદ...

ન છૂટે આ પળ એક તું હું ને વરસતો વરસાદ,
એક છત્રીમાં બે જણ તું હું ને વરસતો વરસાદ..

મહેંકી ઊઠી ધરા ને ભીની ભીની ખુશ્બુ
સપનાના આભલે એક તું હું ને વરસતો વરસાદ..

બોલકી આંખો ને મૌન અહેસાસ વીજળી કહુ,
કે સ્પંદનો! બન્નેનો એક રાગ તું હું ને વરસતો વરસાદ...

ધીમી ધારે અનરાધાર રોમ રોમ ભીંજાય,
મંજિલ બને ભૂલભૂલૈયા એક છત્રી તું હું ને વરસાદ...

ને ઓચિંતી વીજળી ચમકે આલિંગન થઈ જાય,
પછી રહી જઈએ આપણે બે ને આ વરસતો વરસાદ...

Dmeeti

jari

तुमसे बात न हो तो दिन अधूरा लगता है,
जैसे दिल कुछ खो गया हो…
तुम क्या जानो मोहब्बत किसे कहते हैं,
बस एक तुम्हारी मुस्कान पर ये दिल सौ बार रोया है…
😢❤️

Good night friends

inkimagination

sorry ek gater nu dhaknu 6e
tene kholi ne padi nathi javatu

heena.:-),😂
sorry(બસ આવડી ગયું છે બોલતા સોરી)

heenagopiyani.493689

Event Ambassador

piyushgoel6666

मैं और तुम ❤️❤️

मैं समुंदर, तुम किनारा बन जाओ,
मैं रहूँ बेचैन, तुम सहारा बन जाओ।

मैं हूँ खामोशियों की गहराइयों में,
तुम मेरी बातों का इशारा बन जाओ।

मैं जो बिखर जाऊँ कभी राहों में,
तुम मेरी तक़दीर का सितारा बन जाओ।

मैं और तुम यूँ मिलें एक दुआ की तरह,
मैं कहानी बनूँ, तुम इशारा बन जाओ।

मैं जागू रात भर, तुम चांदनी बन जाओ,
मैं तुम्हारी तकदीर बनू, तुम मेरा साया बन जाओ।

akshaytiwari128491

ટમટમ તારલીયા....
ટમ ટમતા તારલા આજ ખોજમાં નિકળા છે,
અજવાસ પોતાનો પોતીકો કરવા નીકળા છે,

ટચુકડો અંધકાર એ હડસેલવા નીકળા છે,
આખુંય આકાશ એ દપોમય કરવા નીકળી છે,

ચાંદની નો સથવારો લઈ ખોજવા નીકળા છે,
ચકોર જેવી કરે કોઈ પ્રિત ની રાહમાં નીકળા છે,

આ નાના તારલીયાઓ એ આંખમાં ખિલ્યા છે,
જેણે ઈશ્ દ્રષ્ટિકોણ આ ટમટમ તારલા ખોલ્યા છે
-- હિના રામકબીર હરીયાણી

heenahariyani19gmail.com163609

धरती का महान् योद्धा पृथ्वीराज चौहान।
https://www.matrubharti.com/book/19946362/prithviraj-chauhan-the-great-warrior-of-the-earth

Praveen kumrawat प्रोफ़ाइल लिंक — https://www.matrubharti.com/praveenkumrawat012852

bapparawal418006

બધો નજરનો ફરક છે,રાવણની નજર હોય તો રામ પણ ખોટા લાગે છે..

દરેકના મનમાં પસંદગીનો એક આંક હોય છે..
ગમે કે ન પણ ગમે.. તેમાં નજરનો ક્યાં કોઈ વાંક હોય છે ?

dipika9474

चाय और तुम... रोज़ की तरह आज भी याद आए।
पानी जैसे उबलता है, वैसे ही दिल धड़क उठा।
एक चुप सी होती है चाय में, बिल्कुल तुम्हारी तरह।


तुम पास नहीं होते, फिर भी कप दो बनते हैं।
एक मैं पीता हूँ...
और एक में तुम्हारी मुस्कान घोल देता हूँ।


बारिश की बूँदें गिरती हैं,
और तुम्हारी आवाज़ की गूँज सुनाई देती है।


चाय की वाफ़ में अक्सर एक चेहरा उभरता है—
वही जो अब सिर्फ ख़्वाबों में आता है।

fazalesaf2973

An article : Yoga - the Science and Art of Human Life : Part - IV - Dharana, Dhyana and Samadhi, by Vanita Thakkar on HubPages ….
With sincere thanks to my ever-valued readers / audience, who gave encouraging and appreciative feedback to my previous three articles on Yoga, here is the fourth and last one in the series …. 🙏🏻🙏🏻

https://discover.hubpages.com/religion-philosophy/yoga-the-science-and-art-of-human-life-part-iv-dharana-dhyana-and-samadhi

vanitathakkar

Do you know that this world runs naturally, and it is run by an energy called vyavasthit?

Read more on: https://dbf.adalaj.org/qHg2VuFc

#doyouknow #Facts #World #DadaBhagwanFoundation #spirituality

dadabhagwan1150

“फोकटिया” कोई नाम नहीं, एक दर्द की पहचान है।
जिसे दुनिया ने कभी समझा ही नहीं, उसी ने पूरी दुनिया को समझने की ठान ली।

वो न भाग्य से लड़ा, न भगवान से—पर हालात से कभी हार नहीं मानी।
हर तमाचा, एक सीख बन गया, और हर ठोकर, एक नई राह।

जिसे सबने फालतू कहा, वही अपने जज़्बातों की कीमत खुद चुकाता गया।
कभी मां के आँचल में सुकून ढूंढा, तो कभी भूखे पेट सपने बोए।

“फोकटिया” की यही तो पहचान है—जो किसी के लिए कुछ नहीं, वो खुद के लिए सब कुछ बन जाए।

वो हर वो चीज़ जानता है जो किताबों में नहीं मिलती—
जैसे भूख का स्वाद, अकेलेपन की चीख, और भीड़ में गुम हो जाने का एहसास।

जब रिश्तों ने साथ छोड़ा, तो उसने खुद से रिश्ता बना लिया।
टूटकर भी मुस्कराना सीखा, और गिरकर भी खड़ा होना नहीं छोड़ा।

दुनिया ने उसके होने को मज़ाक समझा, पर उसने अपनी खामोशी को आग बना दिया।

ना उसे दिखावे की ज़रूरत थी, ना सहानुभूति की भूख—
वो तो बस चाहता था एक मौका, खुद को साबित करने का।

फोकट में जन्मा था, पर जिंदगी भर हर चीज़ की कीमत चुकाई है।
कभी सपनों से, कभी अपनों से, और कभी अपनी ही सच्चाई से।

हर insult ने उसे और मजबूत बनाया, हर rejection ने उसे खुद के और करीब किया।

वो आज भी मुस्कराता है, क्योंकि उसे रोना नहीं आता—
और शायद इसीलिए, लोग उसे “फोकटिया” कहते हैं।

“फोकटिया” वो है जो ज़माने से कुछ नहीं चाहता, सिवाय इस बात के कि कोई उसे समझे।
और जब कोई नहीं समझा, तो उसने अपनी कहानी खुद लिख दी।

***

यह किताब सिर्फ शब्दों का संग्रह नहीं है, ये एक जिद की दास्तान है।
हर पन्ना, हर लाइन, एक अनकही चीख है—जो कहती है:
“मैं फोकटिया नहीं हूँ… मैं बस थोड़ा अलग हूँ।”

dhirendra342gmailcom

"अगर सब कुछ पहले से लिखा हुआ है, और वही होगा जो समय चाहेगा –
तो फिर सोचने और मेहनत करने का क्या फ़ायदा?"

✔️ सही बात है।
लेकिन ज़रा एक बार इस तरह से सोचिए:

🔥 1. मेहनत आपको बदलती है, दुनिया को नहीं तो भी खुद को ज़रूर।

नतीजा चाहे जो भी हो,
आपका सफर, आपकी सीख, आपकी हिम्मत — सब कुछ आपको नया बनाता है।

जैसे:

अगर एक बीज ज़मीन में बोया जाए, और वो पेड़ न भी बन पाए,
तब भी वो ज़मीन को कुछ न कुछ दे ही जाता है — जैसे मिट्टी की नमी, गुणवत्ता, और एक कहानी।

🌱 2. आप नतीजे के लिए नहीं, अपने अस्तित्व के लिए मेहनत करते हो।

कर्म योग कहता है:

"कर्म करो, फल की चिंता मत करो।"
यानी मेहनत करो क्योंकि वही तुम्हारा धर्म है,
फल मिलेगा या नहीं — वो भाग्य का खेल है।

🔁 3. नतीजा वही हो सकता है, लेकिन उस तक पहुँचने का रास्ता आपके हाथ में होता है।

अगर आप बिना मेहनत के वही नतीजा पा भी लो,
तो वो आपको अंदर से मज़बूत नहीं बनाता।

लेकिन जब आप मेहनत से उस नतीजे तक पहुँचते हो,
तो आपके पास आत्मविश्वास होता है, अनुभव होता है और अपनी एक कहानी होती है।

📚 एक छोटी सी कहानी:

एक बार एक छात्र ने गुरुजी से पूछा:

"गुरुजी, अगर सब कुछ भाग्य में लिखा है, तो पढ़ाई क्यों करें?"

गुरुजी मुस्कराए और बोले:

"बेटा, ये भी लिखा है कि अगर पढ़ोगे, तभी पास हो पाओगे "

🧭 अंत में:

"सोचना और मेहनत करना कभी मत छोड़ो,
क्योंकि अगर तुम रुक गए —
तो शायद समय भी तुम्हारे लिए रुक जाएगा।"

baldevthakor536914

"वो सपने… जो हमने कभी सोचे ही नहीं"

कुछ सपने... अजीब होते हैं।
ना उनका चेहरा जाना-पहचाना होता है,
ना वो कहानी जो हमने कभी जानी हो।"

"हमने न कभी वैसा सोचा,
न कभी महसूस किया —
फिर भी वो आते हैं...
चुपचाप… अचानक… बिना दस्तक दिए।"

"तो सवाल उठता है —
ये सपने आते कहाँ से हैं?"

"शायद ये हमारे दिमाग की कोई छुपी हुई गली से आते हैं,
जहाँ बचपन की कोई भूली तस्वीर पड़ी हो।
या फिर किसी और जीवन की कहानी…
जो हमने कभी जिया ही नहीं।"

"शायद... ये कल्पना और यादों का मिलाजुला रंग है।
या फिर कुदरत का कोई गुप्त संदेश,
जो बस हमारे सो जाने पर सुनाई देता है।"

"हर सपना कुछ कहता है —
चाहे वो जाना-पहचाना हो…
या बिलकुल अनजान।
उसमें कोई न कोई हिस्सा तुम्हारा ही होता है,
जिसे तुम अब तक पहचान नहीं पाए।"


"तो जब अगली बार कोई अजीब सपना आए —
डरना मत...
शायद वो तुम्हारा नहीं,
पर तुम्हारे अंदर का ही एक हिस्सा हो!"

_बी.डी.ठाकोर.

baldevthakor536914