Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

World's trending and most popular quotes by the most inspiring quote writers is here on BitesApp, you can become part of this millions of author community by writing your quotes here and reaching to the millions of the users across the world.

New bites

Good morning friends..

kattupayas.101947

कभी कभी हम जिंदगी के ऐसे मोड़ पर होते है,
जहां हमे जरूर होती है,
किसी दोस्त की, या फिर अपने प्यार की, या फिर एक साथी की,
या फिर अपनी मां की, या भाई, या बहन, या पत्नी, या पति वो एक इंसान...
वो कोई भी इंसान की जो हमे हमारे जीवन का रास्ता दिखा सके,
टूटे हुए हम को संभाल सके..
हमारी हिम्मत बने, जरूरी नही की वो कोई अपना प्यार ही हो या दोस्त हो वो कोई भी हो सकता है जिनके सामने हम बिल्कुल खाली बैठ सके...
वो एक इंसान...

muskan1810

Happy Navratri to Everyone 🙏🙏🙏🙏

gunjangayatri949036

“WhatsApp वाला इश्क़” ❤️

तेरे नाम का एक notification
आते ही जैसे साँसें ठहर जाती हैं।

हज़ारों messages के बीच
सिर्फ़ तेरी chat दिल को छू जाती है।

तेरा online दिखना
मेरे दिल की धड़कनें तेज़ कर देता है।

तेरे typing… dots
मेरे इंतज़ार को मीठा बना देते हैं।

तेरा छोटा-सा “कैसी हो?”
सवाल नहीं, मेरा सुकून बन जाता है।

कभी दिल करता है ये वक्त यहीं थम जाए,
और मैं तेरे शब्दों में ही उम्र गुज़ार दूँ। ❤️

saraswagi

Zero to Billionaire ✦

एक छोटे से गाँव में जन्मा आरव नाम का लड़का गरीबी में पला-बढ़ा। घर में इतना पैसा भी नहीं था कि वह अच्छे कपड़े या किताबें खरीद सके। लेकिन उसकी आँखों में हमेशा बड़े सपने थे।

बचपन में वह अक्सर कहता—
“एक दिन मैं इतना बड़ा इंसान बनूँगा कि मेरी मेहनत और लगन पर लोग विश्वास करना सीखेंगे।”

🌱 शुरुआती संघर्ष

स्कूल की फीस भरने के लिए आरव ने अख़बार बाँटे।

रात को वह एक चाय की दुकान पर काम करता और वहीं रोशनी के नीचे पढ़ाई करता।

लोग उसका मज़ाक उड़ाते:
“बड़े सपने देखने से कोई अरबपति नहीं बनता, मेहनत करनी पड़ती है।”
लेकिन आरव मुस्कुराकर कहता—
“देखना, एक दिन मैं साबित करूँगा।”


🚀 पहला कदम

कॉलेज जाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे, तो उसने एक पुराना लैपटॉप उधार लिया और इंटरनेट से खुद ही बिज़नेस सीखना शुरू किया।

उसने छोटे-छोटे फ्रीलांस काम करने शुरू किए।

कुछ महीनों में उसने अपनी पहली छोटी कंपनी बनाई, जो डिजिटल मार्केटिंग करती थी।


🔥 असफलताएँ और सीख

पहले दो साल कंपनी बार-बार घाटे में गई।

दोस्त और रिश्तेदार तक बोले— “ये लड़का सिर्फ़ समय बर्बाद कर रहा है।”
लेकिन आरव हर हार से सीखकर और मज़बूत होता गया।


💡 बड़ा आइडिया

एक रात, उसने देखा कि छोटे व्यापारियों को ऑनलाइन अपने प्रोडक्ट बेचने का आसान तरीका नहीं मिलता।
उसने एक ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म बनाया, जहाँ छोटे दुकानदार भी बिना ज़्यादा खर्च के अपना स्टोर खोल सकते थे।

धीरे-धीरे यह प्लेटफ़ॉर्म पूरे देश में फैल गया।
लाखों लोग उस पर जुड़े और उसके स्टार्टअप की वैल्यू अरबों तक पहुँच गई।

👑 अरबपति बनने का सफ़र

सिर्फ़ दस साल में, वही लड़का जो कभी चाय की दुकान पर काम करता था, अब दुनिया के सबसे तेज़ी से उभरते अरबपतियों में गिना जाने लगा।
लेकिन उसने कभी अपनी जड़ें नहीं भूलीं।
उसने अपने गाँव में स्कूल और अस्पताल बनाए, ताकि और कोई बच्चा सिर्फ़ गरीबी की वजह से अपने सपनों से वंचित न रहे।


---

✦ सीख ✦

सपना बड़ा देखो – चाहे हालात कितने भी छोटे क्यों न हों।

हार से डरो मत – हर असफलता तुम्हें और मज़बूत बनाती है।

मेहनत + सही आइडिया = सफलता।
Zero to Billionaire – भाग 2: सपनों की उड़ान और पहला स्टार्टअप ✦

आरव का बचपन कठिन था, लेकिन अब वह अपने सपनों को सच करने के लिए शहर की ओर बढ़ने वाला था। गाँव में उसके पास ज्यादा अवसर नहीं थे। उसे पता था—सपने सिर्फ़ सोचने से नहीं, कोशिश करने से सच होते हैं।

🏙️ शहर में पहला कदम

आरव ने गाँव छोड़कर बड़े शहर में दाख़िला लिया।

हॉस्टल की फीस भरने के लिए उसने पार्ट-टाइम काम शुरू किया।

कभी किताबें बाँटी, कभी कंप्यूटर क्लासेस में सहायक बना।


शहर की रफ्तार तेज थी और लोग व्यस्त। यहाँ कोई गरीब लड़के के सपनों में नहीं रुचि लेता। लेकिन आरव ने हार नहीं मानी।
रात को अपने छोटे कमरे में वह पुरानी किताबों और इंटरनेट से बिज़नेस की बारीकियाँ सीखता।

💡 पहला आइडिया

एक दिन उसने देखा कि शहर में छोटे व्यवसायों को अपने प्रोडक्ट्स ऑनलाइन बेचने में बहुत मुश्किल होती है।
आरव ने ठान लिया—
“अगर मैं ऐसा तरीका ढूँढ लूँ, जिससे छोटे दुकानदार भी अपने प्रोडक्ट ऑनलाइन बेच सकें, तो मैं सफलता पा सकता हूँ।”

उसने अपने छोटे-से लैपटॉप पर वेबसाइट बनाना शुरू किया।

कुछ फ्रीलांसिंग काम करके पैसे जुटाए और अपनी पहली कंपनी की नींव रखी।


🔥 पहली असफलताएँ

आरव की पहली कंपनी सफल नहीं हुई।

वेबसाइट तकनीकी कारणों से बार-बार डाउन हो जाती।

निवेशक पैसे देने से डरते।

कुछ कर्मचारियों ने काम छोड़ दिया।


लोग कहते—
“तुम्हारा आइडिया कभी काम नहीं करेगा। शहर में तुम्हारा नाम नहीं बनेगा।”

लेकिन आरव ने इन शब्दों को चुनौती मान लिया। वह रोज़ाना 14-16 घंटे काम करता। हर गलती से सीखता, हर असफलता से मजबूत बनता।

🌱 सीख और दृढ़ संकल्प

आरव ने समझा कि सिर्फ़ आइडिया काफी नहीं, उसे लगन और सही execution भी चाहिए।

उसने छोटे बदलाव किए और प्लेटफ़ॉर्म को धीरे-धीरे स्थिर बनाया।

धीरे-धीरे उसके पहले ग्राहक जुड़े, और धीरे-धीरे पहचान बढ़ी।


आरव की मेहनत और धैर्य ने दिखा दिया कि सपनों की उड़ान तभी पूरी होती है जब हौसला कभी नहीं टूटता

rajukumarchaudhary502010

Zero to Billionaire ✦

एक छोटे से गाँव में जन्मा आरव नाम का लड़का गरीबी में पला-बढ़ा। घर में इतना पैसा भी नहीं था कि वह अच्छे कपड़े या किताबें खरीद सके। लेकिन उसकी आँखों में हमेशा बड़े सपने थे।

बचपन में वह अक्सर कहता—
“एक दिन मैं इतना बड़ा इंसान बनूँगा कि मेरी मेहनत और लगन पर लोग विश्वास करना सीखेंगे।”

🌱 शुरुआती संघर्ष

स्कूल की फीस भरने के लिए आरव ने अख़बार बाँटे।

रात को वह एक चाय की दुकान पर काम करता और वहीं रोशनी के नीचे पढ़ाई करता।

लोग उसका मज़ाक उड़ाते:
“बड़े सपने देखने से कोई अरबपति नहीं बनता, मेहनत करनी पड़ती है।”
लेकिन आरव मुस्कुराकर कहता—
“देखना, एक दिन मैं साबित करूँगा।”


🚀 पहला कदम

कॉलेज जाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे, तो उसने एक पुराना लैपटॉप उधार लिया और इंटरनेट से खुद ही बिज़नेस सीखना शुरू किया।

उसने छोटे-छोटे फ्रीलांस काम करने शुरू किए।

कुछ महीनों में उसने अपनी पहली छोटी कंपनी बनाई, जो डिजिटल मार्केटिंग करती थी।


🔥 असफलताएँ और सीख

पहले दो साल कंपनी बार-बार घाटे में गई।

दोस्त और रिश्तेदार तक बोले— “ये लड़का सिर्फ़ समय बर्बाद कर रहा है।”
लेकिन आरव हर हार से सीखकर और मज़बूत होता गया।


💡 बड़ा आइडिया

एक रात, उसने देखा कि छोटे व्यापारियों को ऑनलाइन अपने प्रोडक्ट बेचने का आसान तरीका नहीं मिलता।
उसने एक ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म बनाया, जहाँ छोटे दुकानदार भी बिना ज़्यादा खर्च के अपना स्टोर खोल सकते थे।

धीरे-धीरे यह प्लेटफ़ॉर्म पूरे देश में फैल गया।
लाखों लोग उस पर जुड़े और उसके स्टार्टअप की वैल्यू अरबों तक पहुँच गई।

👑 अरबपति बनने का सफ़र

सिर्फ़ दस साल में, वही लड़का जो कभी चाय की दुकान पर काम करता था, अब दुनिया के सबसे तेज़ी से उभरते अरबपतियों में गिना जाने लगा।
लेकिन उसने कभी अपनी जड़ें नहीं भूलीं।
उसने अपने गाँव में स्कूल और अस्पताल बनाए, ताकि और कोई बच्चा सिर्फ़ गरीबी की वजह से अपने सपनों से वंचित न रहे।


---

✦ सीख ✦

सपना बड़ा देखो – चाहे हालात कितने भी छोटे क्यों न हों।

हार से डरो मत – हर असफलता तुम्हें और मज़बूत बनाती है।

मेहनत + सही आइडिया = सफलता।

rajukumarchaudhary502010

✦ My Contract Marriage ✦


शहर की रौशनी में चमकती ऊँची-ऊँची इमारतों के बीच, इंसानों की कहानियाँ भी अक्सर अनकही रह जाती हैं। कुछ रिश्ते किस्मत से मिलते हैं, कुछ समझौते से। और कुछ… एक ऐसे कॉन्ट्रैक्ट से शुरू होते हैं, जो बाद में ज़िंदगी की सबसे सच्ची दास्तां बन जाते हैं।



अध्याय 1 – सौदा

आरव मेहरा, 28 वर्षीय नामचीन बिज़नेसमैन, शहर के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक था। हर चीज़ उसके पास थी – पैसा, शान-ओ-शौकत, पहचान – बस कमी थी तो एक रिश्ते की। रिश्तों पर उसका भरोसा टूटा हुआ था। उसके माता-पिता का तलाक, दोस्तों के धोखे और एक पुरानी अधूरी मोहब्बत ने उसे अंदर से कड़वा बना दिया था।

उसकी दादी, समायरा मेहरा, अब बीमार थीं। उनका सपना बस इतना था कि वे अपने पोते की शादी देख लें।

एक शाम दादी ने साफ़ शब्दों में कहा –
“आरव, मेरी आखिरी ख्वाहिश है… मैं तुम्हें दुल्हे के रूप में देखना चाहती हूँ। उसके बाद चाहे मैं रहूँ या न रहूँ।”

आरव के पास कोई विकल्प नहीं था। लेकिन वह शादी में भरोसा नहीं करता था। तभी उसकी ज़िंदगी में आई… कियारा शर्मा।

कियारा, 24 साल की, महत्वाकांक्षी लेकिन मुश्किलों से जूझती लड़की थी। उसके पिता नहीं थे, माँ की मौत पहले ही हो चुकी थी, और अब वह अपने छोटे भाई विवेक की पढ़ाई और भविष्य के लिए संघर्ष कर रही थी।

आरव ने उसे एक प्रस्ताव दिया –
“मुझसे शादी करो। एक साल के लिए। कॉन्ट्रैक्ट पर। तुम्हें और तुम्हारे भाई को हर तरह की सुरक्षा और आर्थिक मदद मिलेगी। और दादी खुश हो जाएँगी।”

कियारा के पास हज़ार सवाल थे। लेकिन विवेक की फीस और घर का बोझ देखकर उसने हामी भर दी।



अध्याय 2 – समझौते की शुरुआत

शादी धूमधाम से हुई। मीडिया ने इसे “लव मैरिज” कहा, लेकिन हक़ीक़त सिर्फ दोनों जानते थे – यह बस एक सौदा था।

दादी बेहद खुश थीं।
“मेरे पोते और बहू को साथ देखकर जीने की वजह मिल गई,” उन्होंने कहा।

शादी के बाद दोनों का रिश्ता अजनबी जैसा था।

आरव काम में व्यस्त रहता।

कियारा अपने भाई और घर की ज़िम्मेदारियों में।

दोनों एक ही छत के नीचे रहते लेकिन बीच में अदृश्य दीवार थी।


अक्सर छोटी-छोटी बातों पर झगड़े हो जाते।
“तुम्हें हमेशा टाइम पर घर क्यों चाहिए?” कियारा गुस्से से पूछती।
“क्योंकि ये मेरा घर है, और यहाँ मेरी मरज़ी चलेगी,” आरव ठंडे स्वर में जवाब देता।

लेकिन इन बहसों के बीच कहीं न कहीं दोनों एक-दूसरे को समझने भी लगे।



अध्याय 3 – बदलते रिश्ते

धीरे-धीरे कियारा ने आरव की दुनिया को करीब से देखना शुरू किया।
वो जानती थी कि उसके अंदर का गुस्सा सिर्फ बाहरी मुखौटा है। असल में वह अकेला है।

एक रात जब आरव काम से लौटकर थका हुआ सोफ़े पर बैठा, तो कियारा ने अनायास कहा –
“तुम इतनी बड़ी कंपनी चलाते हो, लेकिन अपनी ज़िंदगी नहीं। कभी खुद को वक्त दिया है?”

आरव चौंक गया। पहली बार किसी ने उसकी कमजोरी पर हाथ रखा था।

इधर, आरव भी कियारा की मेहनत और त्याग देखकर प्रभावित होने लगा।
वो जान गया कि कियारा ने शादी पैसे के लिए नहीं, बल्कि अपने भाई के भविष्य के लिए की है।



अध्याय 4 – दिल की धड़कनें

समय बीतता गया। दोनों के बीच छोटे-छोटे लम्हे जुड़ने लगे।

एक दिन कियारा बीमार पड़ी, तो आरव पूरी रात उसके पास बैठा रहा।

दूसरी बार आरव बिज़नेस प्रेज़ेंटेशन में असफल हुआ, तो कियारा ने उसे हिम्मत दी।


अब उनकी नज़रों में एक-दूसरे के लिए नफ़रत नहीं, बल्कि एक अजीब सा खिंचाव था।

दादी भी सब भाँप गई थीं।
“ये कॉन्ट्रैक्ट-वॉन्ट्रैक्ट सब बेकार है,” उन्होंने मुस्कुराकर कहा। “प्यार जब दिल से होता है, तो किसी काग़ज़ की ज़रूरत नहीं होती।”



अध्याय 5 – तूफ़ान

लेकिन हर कहानी में एक मोड़ आता है।

आरव का पुराना बिज़नेस राइवल, विक्रम मल्होत्रा, कियारा की ज़िंदगी में ज़हर घोल देता है।
वह आरव को समझाता है कि कियारा ने उससे शादी सिर्फ पैसों के लिए की है और गुपचुप विक्रम से मिल रही है।

दूसरी तरफ़, कियारा को पता चलता है कि कॉन्ट्रैक्ट की अवधि लगभग खत्म होने वाली है।
वह सोचती है – क्या आरव उसे रोक पाएगा? या यह रिश्ता यहीं खत्म हो जाएगा?

गलतफहमियों ने दोनों के बीच दीवार खड़ी कर दी।
“तुम्हारे लिए मैं बस एक सौदा थी, है न?” कियारा ने आँसुओं से भरी आँखों से कहा।
आरव ने गुस्से में जवाब दिया – “हाँ, और तुमने भी ये सौदा अपने फायदे के लिए ही किया!”

दोनों अलग हो गए।


अध्याय 6 – सच्चाई

कुछ दिन बाद सच सामने आया। विक्रम की चाल बेनक़ाब हुई।
आरव को एहसास हुआ कि कियारा ने कभी उसका साथ नहीं छोड़ा।

वह दौड़ता हुआ उसके पास गया।
“कियारा, मुझे माफ़ कर दो। मैं तुमसे प्यार करता हूँ… कॉन्ट्रैक्ट से नहीं, दिल से।”

कियारा ने भी रोते हुए कहा –
“मैंने भी तुम्हें कभी सौदे की नज़र से नहीं देखा। लेकिन डर था कि तुम मुझे कभी अपना नहीं मानोगे।”




अध्याय 7 – नया सफ़र

दादी ने दोनों को आशीर्वाद दिया।
“अब मेरा सपना पूरा हुआ,” उन्होंने कहा।

आरव और कियारा ने कॉन्ट्रैक्ट को फाड़ दिया।
अब उनका रिश्ता किसी काग़ज़ पर नहीं, बल्कि विश्वास और प्यार पर टिका था।

विवेक ने पढ़ाई पूरी की, दादी की तबियत भी सुधरी, और आरव ने पहली बार अपने दिल के दरवाज़े खोले।


उपसंहार

कभी-कभी रिश्ते मजबूरी में शुरू होते हैं, लेकिन किस्मत उन्हें मोहब्बत में बदल देती है।
आरव और कियारा की “कॉन्ट्रैक्ट मैरिज” अब एक “फ़ॉरएवर लव स्टोरी” बन चुकी थी

rajukumarchaudhary502010

✦ My Contract Marriage ✦


शहर की रौशनी में चमकती ऊँची-ऊँची इमारतों के बीच, इंसानों की कहानियाँ भी अक्सर अनकही रह जाती हैं। कुछ रिश्ते किस्मत से मिलते हैं, कुछ समझौते से। और कुछ… एक ऐसे कॉन्ट्रैक्ट से शुरू होते हैं, जो बाद में ज़िंदगी की सबसे सच्ची दास्तां बन जाते हैं।



अध्याय 1 – सौदा

आरव मेहरा, 28 वर्षीय नामचीन बिज़नेसमैन, शहर के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक था। हर चीज़ उसके पास थी – पैसा, शान-ओ-शौकत, पहचान – बस कमी थी तो एक रिश्ते की। रिश्तों पर उसका भरोसा टूटा हुआ था। उसके माता-पिता का तलाक, दोस्तों के धोखे और एक पुरानी अधूरी मोहब्बत ने उसे अंदर से कड़वा बना दिया था।

उसकी दादी, समायरा मेहरा, अब बीमार थीं। उनका सपना बस इतना था कि वे अपने पोते की शादी देख लें।

एक शाम दादी ने साफ़ शब्दों में कहा –
“आरव, मेरी आखिरी ख्वाहिश है… मैं तुम्हें दुल्हे के रूप में देखना चाहती हूँ। उसके बाद चाहे मैं रहूँ या न रहूँ।”

आरव के पास कोई विकल्प नहीं था। लेकिन वह शादी में भरोसा नहीं करता था। तभी उसकी ज़िंदगी में आई… कियारा शर्मा।

कियारा, 24 साल की, महत्वाकांक्षी लेकिन मुश्किलों से जूझती लड़की थी। उसके पिता नहीं थे, माँ की मौत पहले ही हो चुकी थी, और अब वह अपने छोटे भाई विवेक की पढ़ाई और भविष्य के लिए संघर्ष कर रही थी।

आरव ने उसे एक प्रस्ताव दिया –
“मुझसे शादी करो। एक साल के लिए। कॉन्ट्रैक्ट पर। तुम्हें और तुम्हारे भाई को हर तरह की सुरक्षा और आर्थिक मदद मिलेगी। और दादी खुश हो जाएँगी।”

कियारा के पास हज़ार सवाल थे। लेकिन विवेक की फीस और घर का बोझ देखकर उसने हामी भर दी।



अध्याय 2 – समझौते की शुरुआत

शादी धूमधाम से हुई। मीडिया ने इसे “लव मैरिज” कहा, लेकिन हक़ीक़त सिर्फ दोनों जानते थे – यह बस एक सौदा था।

दादी बेहद खुश थीं।
“मेरे पोते और बहू को साथ देखकर जीने की वजह मिल गई,” उन्होंने कहा।

शादी के बाद दोनों का रिश्ता अजनबी जैसा था।

आरव काम में व्यस्त रहता।

कियारा अपने भाई और घर की ज़िम्मेदारियों में।

दोनों एक ही छत के नीचे रहते लेकिन बीच में अदृश्य दीवार थी।


अक्सर छोटी-छोटी बातों पर झगड़े हो जाते।
“तुम्हें हमेशा टाइम पर घर क्यों चाहिए?” कियारा गुस्से से पूछती।
“क्योंकि ये मेरा घर है, और यहाँ मेरी मरज़ी चलेगी,” आरव ठंडे स्वर में जवाब देता।

लेकिन इन बहसों के बीच कहीं न कहीं दोनों एक-दूसरे को समझने भी लगे।



अध्याय 3 – बदलते रिश्ते

धीरे-धीरे कियारा ने आरव की दुनिया को करीब से देखना शुरू किया।
वो जानती थी कि उसके अंदर का गुस्सा सिर्फ बाहरी मुखौटा है। असल में वह अकेला है।

एक रात जब आरव काम से लौटकर थका हुआ सोफ़े पर बैठा, तो कियारा ने अनायास कहा –
“तुम इतनी बड़ी कंपनी चलाते हो, लेकिन अपनी ज़िंदगी नहीं। कभी खुद को वक्त दिया है?”

आरव चौंक गया। पहली बार किसी ने उसकी कमजोरी पर हाथ रखा था।

इधर, आरव भी कियारा की मेहनत और त्याग देखकर प्रभावित होने लगा।
वो जान गया कि कियारा ने शादी पैसे के लिए नहीं, बल्कि अपने भाई के भविष्य के लिए की है।



अध्याय 4 – दिल की धड़कनें

समय बीतता गया। दोनों के बीच छोटे-छोटे लम्हे जुड़ने लगे।

एक दिन कियारा बीमार पड़ी, तो आरव पूरी रात उसके पास बैठा रहा।

दूसरी बार आरव बिज़नेस प्रेज़ेंटेशन में असफल हुआ, तो कियारा ने उसे हिम्मत दी।


अब उनकी नज़रों में एक-दूसरे के लिए नफ़रत नहीं, बल्कि एक अजीब सा खिंचाव था।

दादी भी सब भाँप गई थीं।
“ये कॉन्ट्रैक्ट-वॉन्ट्रैक्ट सब बेकार है,” उन्होंने मुस्कुराकर कहा। “प्यार जब दिल से होता है, तो किसी काग़ज़ की ज़रूरत नहीं होती।”



अध्याय 5 – तूफ़ान

लेकिन हर कहानी में एक मोड़ आता है।

आरव का पुराना बिज़नेस राइवल, विक्रम मल्होत्रा, कियारा की ज़िंदगी में ज़हर घोल देता है।
वह आरव को समझाता है कि कियारा ने उससे शादी सिर्फ पैसों के लिए की है और गुपचुप विक्रम से मिल रही है।

दूसरी तरफ़, कियारा को पता चलता है कि कॉन्ट्रैक्ट की अवधि लगभग खत्म होने वाली है।
वह सोचती है – क्या आरव उसे रोक पाएगा? या यह रिश्ता यहीं खत्म हो जाएगा?

गलतफहमियों ने दोनों के बीच दीवार खड़ी कर दी।
“तुम्हारे लिए मैं बस एक सौदा थी, है न?” कियारा ने आँसुओं से भरी आँखों से कहा।
आरव ने गुस्से में जवाब दिया – “हाँ, और तुमने भी ये सौदा अपने फायदे के लिए ही किया!”

दोनों अलग हो गए।


अध्याय 6 – सच्चाई

कुछ दिन बाद सच सामने आया। विक्रम की चाल बेनक़ाब हुई।
आरव को एहसास हुआ कि कियारा ने कभी उसका साथ नहीं छोड़ा।

वह दौड़ता हुआ उसके पास गया।
“कियारा, मुझे माफ़ कर दो। मैं तुमसे प्यार करता हूँ… कॉन्ट्रैक्ट से नहीं, दिल से।”

कियारा ने भी रोते हुए कहा –
“मैंने भी तुम्हें कभी सौदे की नज़र से नहीं देखा। लेकिन डर था कि तुम मुझे कभी अपना नहीं मानोगे।”




अध्याय 7 – नया सफ़र

दादी ने दोनों को आशीर्वाद दिया।
“अब मेरा सपना पूरा हुआ,” उन्होंने कहा।

आरव और कियारा ने कॉन्ट्रैक्ट को फाड़ दिया।
अब उनका रिश्ता किसी काग़ज़ पर नहीं, बल्कि विश्वास और प्यार पर टिका था।

विवेक ने पढ़ाई पूरी की, दादी की तबियत भी सुधरी, और आरव ने पहली बार अपने दिल के दरवाज़े खोले।


उपसंहार

कभी-कभी रिश्ते मजबूरी में शुरू होते हैं, लेकिन किस्मत उन्हें मोहब्बत में बदल देती है।
आरव और कियारा की “कॉन्ट्रैक्ट मैरिज” अब एक “फ़ॉरएवर लव स्टोरी” बन चुकी थी

rajukumarchaudhary502010

Black and gold royal theme, golden open book + glowing light bulb,
bold text "TOP 10 LIFE-CHANGING LESSONS".

rajukumarchaudhary502010

Notebook with checklist icons, blue and yellow theme,
bold text "WEEK 4 RECAP".Black and gold royal theme, golden open book + glowing light bulb,
bold text "TOP 10 LIFE-CHANGING LESSONS".

rajukumarchaudhary502010

🌟 Exciting News! 🌟
My dream has finally come true… 📰✨
My article is published in Akila Daily newspaper!
Feeling so grateful and motivated to keep writing. 💙✍️

nensivithalani.210365

सीधे-साधे थे हम, वो समझते रहे चालाक,
हर बार उनकी बातों से, मन होता रहा परेशान।
हमारी सादगी का भी, उन्होंने फायदा उठाया,
और खुद की गलती पर, हमें ही बताया नादान।

archanalekhikha

मेरी यादे मेरी यादे रही
मेरे ख्याल मेरे ख्याल रहे
पिछे मेरे कुछ ना छुटा
बस कुछ मसले और मलाल रहे .

mashaallhakhan600196

ರಾಮು ಒಂದು ಸಣ್ಣ ಹಳ್ಳಿಯ ಹುಡುಗ.
ಅವನು  ದೊಡ್ಡ ಉದ್ಯಮಿಯಾಗಬೇಕೆಂಬ ಕನಸನ್ನು ಕಂಡಿದ್ದ. ಆದರೆ ಜೀವನ ಸುಲಭವಾಗಿರಲಿಲ್ಲ. ಅವನು ಮಾಡಿದ ಮೊದಲ ವ್ಯವಹಾರವೇ ನಷ್ಟದಲ್ಲಿ ಮುಗಿಯಿತು. ಗ್ರಾಮದ ಜನರು ನಕ್ಕರು, ನಿನಗೆ ಆಗೋದಿಲ್ಲ ಎಂದರು.
ಆ ರಾತ್ರಿ, ಅವನ ತಾಯಿ ಮುದ್ದಾಗಿ ಹೇಳಿದಳು:
ಮಗನೇ, ಬಿದ್ದರೆ ಎದ್ದೇಳು. ಬಿದ್ದಿಲ್ಲ ಅಂದ್ರೆ ನಡೆಯುವುದೇ ಕಲಿಯೋದಿಲ್ಲ.ಅದೇ ಮಾತು ರಾಮುಗೆ ದಾರಿ ತೋರಿಸಿತು.
ಅವನು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ಪ್ರಯತ್ನಿಸಿದ. ಸಣ್ಣ ಸಣ್ಣ ಹೆಜ್ಜೆಗಳ ಸಹಾಯದಿಂದ ನಡೆದು ತಾನು ಕಂಡ ಕನಸಿನಂತೆ ದೊಡ್ಡ ಉದ್ಯಮಿಯಾದ.

ಈ ಕಥೆಯ ಸಂದೇಶ:
ಬಿದ್ದರೂ ಎದ್ದೇಳುವವನೇ ಗೆಲ್ಲುತ್ತಾನೆ.

sandeepjoshi.840664

Goodnight friends..

kattupayas.101947

ಪ್ರೇಮಿಯ ಮೌನ, ಹೇಳಲಾಗದ ನೋವು ಮತ್ತು ಕಣ್ಣುಗಳ ಸಂಕೇತ
​ಪ್ರೀತಿ ಈ ಎರಡು ಅಕ್ಷರಗಳ ಹಿಂದೆ ಅಡಗಿರುವ ಭಾವನೆ ಅದೆಷ್ಟು ಸುಂದರ, ಅಷ್ಟೇ ಸಂಕೀರ್ಣ. ಒಬ್ಬ ಪ್ರೇಮಿಯ ಪಾಡು ಹೂವಿನ ಹಾಸಿಗೆ ಮತ್ತು ಮುಳ್ಳಿನ ಹಾದಿಯ ಸಮ್ಮಿಲನವಿದ್ದಂತೆ. ಸಂತೋಷ, ಉತ್ಸಾಹಗಳು ಒಂದು ಭಾಗವಾದರೆ, ವಿರಹ ಮತ್ತು ಹೇಳಲಾಗದ ನೋವು ಇನ್ನೊಂದು ಭಾಗ.
ಪ್ರೇಮಿಯ ಪಾಲಿಗೆ ಅತ್ಯಂತ ಕಷ್ಟಕರ ಸನ್ನಿವೇಶ ಯಾವುದೆಂದರೆ ಪ್ರೀತಿಪಾತ್ರರು ಹತ್ತಿರವಿದ್ದಾಗಲೂ ಅದನ್ನು ಹೇಳಿಕೊಳ್ಳಲಾಗದ ಪರಿಸ್ಥಿತಿ. ಆಗ ಹೃದಯವು ಜೋರಾಗಿ ಬಡಿದುಕೊಳ್ಳುತ್ತಿರುತ್ತದೆ, ಮಾತುಗಳು ಗಂಟಲಲ್ಲಿ ಸಿಲುಕುತ್ತವೆ. 'ನಿನ್ನನ್ನು ಪ್ರೀತಿಸುತ್ತೇನೆ' ಎಂಬ ಮೂರು ಮಾತುಗಳನ್ನು ಹೇಳಲು ಸಾವಿರ ಕಾರಣಗಳುಅಡ್ಡಿಬರುತ್ತವೆ. ನಿರಾಕರಣೆಯ ಭಯ, ಸ್ನೇಹ ಮುರಿದುಹೋಗುವ ಆತಂಕ, ಮತ್ತು ಅತಿಯಾದ ಭಾವನಾತ್ಮಕ ತಳಮಳ.

ಮೌನ ಸಂಕೇತಗಳು ದೇಹ ಭಾಷೆಯೇ ಮಾತು
ಹಾಗಾದರೆ, ಈ ಮೌನಿಯಾದ ಪ್ರೇಮಿ ತಮ್ಮ ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ಹೇಗೆ ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸುತ್ತಾರೆ? ಮಾತುಗಳು ನಿಂತರೂ, ಅವರ ದೇಹ ಭಾಷೆ ಮತ್ತು ಸಣ್ಣ ಕ್ರಿಯೆಗಳು ಮಾತನಾಡುತ್ತವೆ. ಪ್ರೀತಿಸುತ್ತಿದ್ದಾನೆ ಎಂದು ತೋರಿಸುವ ಕೆಲವು ಪ್ರಬಲ ಸಂಕೇತಗಳು ಇಲ್ಲಿವೆ
1. ​ಕಣ್ಣುಗಳ ಮಾತು: ಅವರು ಪದೇ ಪದೇ ನಿಮ್ಮನ್ನು ನೋಡುತ್ತಾರೆ, ಆದರೆ ನೀವು ನೋಡಿದ ತಕ್ಷಣ ಕಣ್ಣು ತಿರುಗಿಸುತ್ತಾರೆ. ಅವರ ಕಣ್ರೆಪ್ಪೆಗಳು ನಿಮ್ಮ ಉಪಸ್ಥಿತಿಯಲ್ಲಿ ಸೂಕ್ಷ್ಮವಾಗಿ ಹಿಗ್ಗುತ್ತವೆ. ಅವರ ದೀರ್ಘವಾದ ಮತ್ತು ಸೂಕ್ಷ್ಮವಾದ ನೋಟವೇ ಅವರ ಮೊದಲ ಪ್ರೇಮ ಪತ್ರ.
2. ​ಶಾರೀರಿಕ ಒಲವು: ಗುಂಪಿನಲ್ಲಿದ್ದಾಗಲೂ ನಿಮ್ಮ ಹತ್ತಿರವೇ ನಿಲ್ಲಲು ಅಥವಾ ಕೂರಲು ಪ್ರಯತ್ನಿಸುತ್ತಾರೆ. ಅವರ ದೇಹದ ಮುಂಭಾಗವು (ಕಾಲುಗಳು, ಭುಜಗಳು) ಯಾವಾಗಲೂ ನಿಮ್ಮ ಕಡೆಗೆ ತಿರುಗಿರುತ್ತದೆ.
3. ​ಅತಿ ಕಾಳಜಿ:ನೀವು ಹೇಳಿದ ಸಣ್ಣ ವಿಷಯಗಳನ್ನೂ ನೆನಪಿಟ್ಟುಕೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ. ನಿಮಗೆ ತೊಂದರೆಯಾದಾಗ, ಎಲ್ಲರಿಗಿಂತ ಮೊದಲು ನಿಮಗೆ ಸಹಾಯ ಮಾಡಲು ಅಥವಾ ನಿಮ್ಮ ಸಮಸ್ಯೆಗಳನ್ನು ಕೇಳಲು ಓಡೋಡಿ ಬರುತ್ತಾರೆ.
4. ​ತಳಮಳ (Nervousness): ನಿಮ್ಮ ಹತ್ತಿರವಿದ್ದಾಗ ಸ್ವಲ್ಪ ತಳಮಳದಿಂದ ಕೈಗಳನ್ನು ಉಜ್ಜುವುದು, ಕೂದಲನ್ನು ಸರಿಪಡಿಸುವುದು ಅಥವಾ ಮಾತುಗಳಲ್ಲಿ ತಡಬಡಾಯಿಸುವುದು ಸಹ ಪ್ರೀತಿಯ ಒಂದು ಲಕ್ಷಣ.
ಇನ್ನೊಂದು ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ಹೇಳುವುದಾದರೆ ಪ್ರೇಮಿಯ ಪಾಡು ಎಂದರೆ ಕೇವಲ ಸಂತೋಷದ ಅನುಭವ ಮಾತ್ರವಲ್ಲ, ಅದು ಸವಾಲುಗಳನ್ನು ಎದುರಿಸಿ ಮೌನವಾಗಿ ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ಸಾಗಿಸುವ ಒಂದು ಜುಗಲ್ಬಂದಿ. ಮಾತುಗಳಲ್ಲಿ ಹೇಳಲಾಗದ ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ತಮ್ಮ ವರ್ತನೆ, ನೋಟ ಮತ್ತು ಮೌನ ಕಾಳಜಿಯ ಮೂಲಕ ನಿರಂತರವಾಗಿ ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸುವ ಅವರ ಪ್ರಯತ್ನ ನಿಜಕ್ಕೂ ವಿಶೇಷ.
​ನಿಮ್ಮ ಅನಿಸಿಕೆ ಏನು? ಪ್ರೀತಿ ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸಲು ನೀವು ನೋಡಿದ ವಿಚಿತ್ರ ಅಥವಾ ಸುಂದರ ಸಂಕೇತ ಯಾವುದು? ಕಮೆಂಟ್ ಮಾಡಿ ತಿಳಿಸಿ.

sandeepjoshi.840664

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है दिल दर्पण

mamtatrivedi444291

কেমন আছেন ?
জানি তো ভালোই আছেন ,,আমাকে তো আর মনে পড়ে না ।পড়বে কেনো ? আমি আপনার কে হই?
কিছু লাগলেই তো মনে পড়বে !
আজ হঠাৎ করেই মন খারাপ হয়ে গেলো । উঁহুহ আপনার কথায় মনে পড়ছে ।জানি না যখনি আপনাকে ভুলতে চাই তখনি চোখ দিয়ে পানি পড়ে।বুঝি না কেনো পড়ে ? কে হন আপনি আমার ? হঠাৎ করেই আজ বড্ড দেখতে ইচ্ছে করছে আপনাকে .
দেখতে তো রোজই ইচ্ছে করে কিন্তু আজ একটু বেশি করছে ।মনে হচ্ছে একটু যদি দেখতে পারি তবে পৃথিবীর সব চেয়ে সুখি মানুষ টি হবো আমি ।আমি এটাও জানি আপনার সেই চোখে বেশি সময় চেয়ে থাকার সাধ্য আমার নেই । তারপর ও বেহায়া মন আপনাকেই দেখতে চায় ।কেনো চায় একটু বলবেন আমাকে ?
আমি আজ ক্ষতিগ্রস্ত।হ্যা আপনার কারনে ক্ষতিগ্রস্ত,কি ওমন লস হতো আপনার যদি আপনি কখনো আমার সামনে না আসতেন তো ?

জানেন মাঝে মাঝে নিজেকে বড্ড অসহায় অনুভব করি ।
আচ্ছা এক তরফা ভালোবাসা এতো কষ্টের কেনো হয় ?
আমি জানিনা এটা ভালোবাসা নাকি অন্য কিছু?
নাকি কয়েক দিনের মোহ !
কয়েক দিনের মোহ তো কেটে যায় কিন্তু মায়া টা রয়ে যায় .!

একটু বলবেন আপনার জন্য আমার মনে এতো কিসের টান?
হঠাৎ বৃষ্টি হলেই মনে হয় আপনি হয়তো কাকভেজা হয়ে আমার দিকে ছুটে আসবেন ‌।আবার আপনাকে নিয়ে চিন্তা ও হয় আমার ।এই যে বৃষ্টি হচ্ছে এই সময় আপনি কোথায় আছেন ? কেমন আছেন ? বৃষ্টিতে ভিজে ঠান্ডা না বেঁধে বসে আবার আপনার।এই তো গরম পড়ল ! গরমে ঘেমেনেয়ে একাকার হয়ে যাওয়া আপনার মুখ টা দেখতে বড্ড ইচ্ছে করে . আপনাকে নিয়ে চিন্তা ও হয় !
গরমে আপনার অবস্থা টা কি ? বেশি গরম লাগে না তো ?

আপনাকে মাঝে মাঝে এলোমেলো অবস্থায় ও দেখতে চায় এই মন ।আপনার কুঁচকে যাওয়া পাঞ্জাবি।গায়ের সঙ্গে লেপ্টে থাকা ঘামের গন্ধ, উস্ক খুশ্ক এলোমেলো চুল । খোঁচা খোঁচা দাড়ি তেও দেখতে চায় মন ।এই মন এতো বেহায়া কেনো বলেন তো ?

এই যে আপনি এতো দিন ধরে আমার মনের মাঝে বাস করেন ? এক বার তো ভাড়া ও দিলেন না ?
এই আপনি এমন কেনো ?
এই আবেগী কিশোরীর মন চুরি করে নিজে তো আরামে ঘুমাচ্ছেন।এক বার কি মন টা খারাপ করে না ?

ভালোবাসা সে নাকি এক অসহায় অনুভূতি!
তবে আমার কাছে ভালোবাসা এক অদ্ভুত অনুভূতি। শরীরের ঠান্ডা শিহরণ সে ,যার আসার সময় আমরা টের পাই না তবে খানিক বাদে যখন উপলব্ধি করি তখনি মানুষ টি আর থাকে না । ভালোবাসা যে কারো সাথে হতে পারে ।সেই মানুষ টি হোক পৃথিবীর সব থেকে নিকৃষ্টতম ব্যক্তি কিংবা পৃথিবীর সব থেকে সুদর্শন ব্যক্তি।ঠিক সেই অনুভূতির গভীরে যখন ডুবে যাই, তখনই মনে হয়—ভালোবাসা আসলে কোনো যুক্তি মানে না। সে এসে হুট করেই হৃদয়ের দরজায় কড়া নাড়ে, ঠিক যেমন তুমি নাড়ালে আমার হৃদয়ে।

জানো, কখনো কখনো মনে হয়, তুমি যেন আমারই এক অংশ, যা আমি ছুঁতে পারি না, ছুঁয়ে দেখতে চাই, কিন্তু পারি না। তুমি আছো, তবুও নেই। তুমি দূরে, তবুও সবচেয়ে কাছের। এই অনুভূতি বোঝানোর মতো কোনো ভাষা আমার জানা নেই, শুধু জানি, তুমি আছো আমার প্রতিটা নিঃশ্বাসে, প্রতিটা ভাবনায়।
তোমাকে নিয়ে আমার চিন্তার শেষ নেই। তুমি কোথায় যাচ্ছ, কী করছ, কেমন আছো—সব কিছু জানতে ইচ্ছে করে। অথচ জানি, এসব জানার কোনো অধিকার আমার নেই। জানি, তুমি আমার নও। তবুও, আমার এই উন্মাদ মন তোমাকে নিজের ভেবে বসে।

রাতের গভীর নিস্তব্ধতায় তোমার অনুপস্থিতি আমাকে কুরে কুরে খায়। জানো, কতবার মনে হয়েছে তোমার একটা বার্তা আসবে, একটা ডাক আসবে? কিন্তু না, তুমি তো অচিনপুরের এক রাজা, যার কাছে আমার অস্তিত্ব নেই।আচ্ছা, তুমি কি একটুও টের পাও না আমার মনের এই টান? একটুও কি তোমার বুকের ভেতর শিহরণ জাগে না? নাকি তুমি নিঃস্পৃহ?আমার ভালোবাসা একতরফা, জানি। তবু, আমি ভালোবাসি।তুমি আমাকে না ভালোবাসলেও, আমি তোমার জন্যই আছি, তোমার জন্যই থাকব। কেননা ভালোবাসা তো দখল নেওয়া নয়, ভালোবাসা তো কেবলই অনুভব। আর আমি তোমাকে অনুভব করি… প্রতিটি নিঃশ্বাসে, প্রতিটি মুহূর্তে।

ভালোবাসা বুঝি না, শুধু জানি তুমি আছো আমার প্রতিটি নিঃশ্বাসে, প্রতিটি অনুভূতিতে।
তোমার খবর নিতে কোনো অধিকার নেই তবু মনে হয়, তুমি কেমন আছো? কোথায় আছো? আমাকে একবারও কি মনে পড়ে?
তুমি দূরে থেকেও এত কাছে কেন? কেন এই মন শুধু তোমাকেই খোঁজে?জানি, তুমি আমার নও। তবু, ভালোবাসা তো দখল নয়, ভালোবাসা শুধু অনুভব। আর আমি তোমাকে অনুভব করি—নিঃশব্দে, নির্ভীকভাবে, একতরফাভাবে… চিরকাল।

ridhikaislamhimigmail.com701625

तेरा मेरा सफ़र जैसे ख्वाबों का शहर,
हर कदम पर बस तेरी हँसी का असर।

हवा में तेरी खुशबू, दिल में तेरी बातें,
रातें भी सजती हैं, जब तू मेरे साथ है।

तू सामने हो और मैं बस तुझमें खो जाऊँ,
सारे जहां की फ़िक्रें, जैसे धुंध में छुप जाऊँ।

तेरी नज़रों का जादू, मेरी रूह तक उतर गया,
हर पल तेरा नाम, मेरे होंठों पर फिसल गया।

तेरी मुस्कान की गर्मी, जैसे सूरज की रोशनी,
तू मेरे पास हो, तो हर दर्द भी लगता है हल्का।

तेरा मेरा सफ़र, सिर्फ़ कहानी नहीं,
ये प्यार का अहसास है, जो हर पल बढ़ता ही चला जाए।

Payal

payaldevang08gmail.com936925