Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

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New bites

पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट का इतिहास।
https://www.matrubharti.com/book/19953369/peshwa-bajirao-ballal-bhatt

Mohan Dhama प्रोफ़ाइल लिंक— https://www.matrubharti.com/mohandhama175046

bapparawal418006

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद।
https://www.matrubharti.com/book/19943203/hockey-wizard-major-dhyanchand

Abhishek Kashyap प्रोफ़ाइल लिंक— https://www.matrubharti.com/abhishekkashyap233241

bapparawal418006

પરણેલાઓ.....
સાવધાન.....

jighnasasolanki210025

❝ कुछ लोग लौटते नहीं… लेकिन वो जाते भी नहीं।
वो दिल में रह जाते हैं — जैसे कोई अधूरा वादा, जो आज भी साँस लेता है। ❞

“काठगोदाम की गर्मियाँ” — एक एहसास, एक अनकही प्रेम कहानी।
अब उपलब्ध है Amazon, Flipkart और Notion Press पर।
📖 लेखक: धीरेंद्र सिंह बिष्ट
🔍 सर्च करें और अपनी अगली दिल को छूने वाली कहानी पढ़ें।

#KaatgodamKiGarmiyaan #HindiBooks #LoveStory #BookLaunch #IndianAuthor

dhirendra342gmailcom

एक नई कहानी - " चहर - इश्क की वो परछाई "
लेखक - अंकु
उम्मीद है आप सबको जरूर पसंद आएंगी ।
#love #प्यार

ac.king

દિલની ઈચ્છાઓ અધૂરી, સપનાં રહ્યાં ઝાંખાં,
આંખોમાં રહે ઝળુંબે, ને હૈયે રહ્યાં ખાંખાં.

ક્યારેક ઝરણાં બનીને ઝરતી હતી આશાઓ,
છેલ્લે તો રણમાં રેતી, બની ગઈ નકામી.

હાથોમાં નથી રહ્યું હવે, એક પણ પરવાળું,
જીવનની લડાઈમાં બસ, વેદનાં રહી ગયાં ઝાંઝવાં.

દરિયો હતો ઈચ્છાઓનો, લહેરો હતી અનંત,
ડૂબી ગયું એ બધું, ને રહી ગયું ફક્ત ખાંખું.‘

મીરને શું દોષ દઈએ, નસીબે લખ્યું એવું,
અધૂરું રહે છે હંમેશ, જે હૈયે ઝળુંબે ખાંખું.

palewaleawantikagmail.com200557

હારીને પછી જીતેલાને આશીર્વાદ આપે તે મોક્ષે જાય, 'કમ્પલીટ' થાય! - દાદા ભગવાન

વધુ માહિતી માટે અહીં ક્લિક કરો: https://dbf.adalaj.org/Gg3jj0nJ

#quoteoftheday #quotes #spiritualquotes #spirituality #DadaBhagwanQuotes #dadabhagwanfoundation

dadabhagwan1150

ज़िन्दगी के कुछ अहसास..
सालों लम्बी उम्र से भी...
कहीं ज़्यादा अनमोल हो जाते हैं..
कितने पल हमने जीये ..
ये मायने नहीं रखता..
बल्कि ...उन पलों में
हम कितना जी पाये..बस....
वही ज़िन्दगी बन जाता है....

dipika9474

માત્ર ત્રણ અઠવાડિયામાં એક હજાર ડાઉનલોડ પૂર્ણ😊

આભાર વાચકો.😊

s13jyahoo.co.uk3258

સૂરજ થઈ ગયો આજ
તડીપાર
વરસ્યાં વાદળો આજ
સાંબેલાધાર…
-કામિની

kamini6601

વરસાદ ની છાટ અને તમારી વાત...
અડકે છે ને જગાડે છે આશ...
ભીંજવે છે ભલે થોડું,
પણ ઠેઠ સુધી.
આછેરો છે આનંદ,
પણ હૃદય સુધી.
વરસાદ ની છાટ અને તમારી વાત...
તરબતર નથી હું ને કોરી પણ નથી...

truptirami4589

कविता शीर्षक: "मिलन की वो पहली रात"


छू गया आज तेरा एहसास फिर से,
बिन कहे तू आ गया, मेरे पास फिर से।
हवा में घुली तेरी बातें हैं जैसे,
फिज़ाओं ने गा दिया कोई राग मधुर ऐसे।

तेरी आँखों की नमी, मेरा सुकून बन गई,
तेरी मुस्कान मेरे दिल की जुनून बन गई।
हम मिले थे जैसे पहली बार उस रोज़,
जैसे वक़्त भी ठहर गया हो, थम गए हों साज़।

तेरे हाथों की गर्माहट में छुपी कोई दुआ थी,
जो मिलकर आज, अधूरी हर तमन्ना पूरी हुई थी।
ना कोई वादा था, ना कोई कस्में भारी,
फिर भी दिल ने मान ली, बस तेरी ही ये सवारी।

तेरी बातें जैसे चाँदनी रातों की शीतल छाया,
हर लफ्ज़ तेरा दिल को बहलाए, मन को भाए।
मिलन का ये पल जैसे स्वर्ग से कोई तोहफा हो,
रब ने खुद आज हमको एक-दूजे के लिए लिखा हो।

अब ना कोई दूरी, ना कोई फ़ासले बाकी,
तू मेरा है, मैं तेरी — यही है सबसे सच्ची बाती।
हर जनम में बस यही एक दुआ मांगते रहेंगे,
तेरे साथ जीएंगे, तेरे साथ मरेंगे।

vikad

💘 imran 💘

imaranagariya1797

संत नरसिंह (नरसी) मेहता का इतिहास।
https://www.matrubharti.com/book/19939714/sant-narasimha-narsi-mehta

Praveen kumrawat प्रोफ़ाइल लिंक— https://www.matrubharti.com/praveenkumrawat012852

bapparawal418006

महाराजा रणजीत सिंह का संक्षिप्त परिचय।
https://www.matrubharti.com/book/19936781/sher-e-punjab-39-maharaja-ranjit-singh-39

Praveen kumrawat प्रोफ़ाइल लिंक— https://www.matrubharti.com/praveenkumrawat012852

bapparawal418006

शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह का संपूर्ण इतिहास।
https://www.matrubharti.com/novels/51297/maharaja-ranjit-singh-by-sudhir-sisaudiya

आदिकाल से ही भारत देश में, जीवन के हर क्षेत्र में, असाधारण व्यक्तियों का प्रादुर्भाव होता रहा है। हमारा इतिहास ऐसे महान लोगों के नामों से भरा पड़ा है; जिनकी कला, साहित्य, राजनीति, विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण देन रही है। कितनों के नाम तो घर-घर लोगों की जुबान पर हैं। इनमें से बहुत-से व्यक्ति ऐसे हैं जिनका सिर्फ नाम ही लोग जानते हैं, उनके जीवनवृत्त और कार्य के बारे में लोगों की जानकारी बहुत कम है। कुछ ऐसे भी हुए हैं जिनकी उपलब्धियाँ तो असाधारण हैं, किंतु उनके संबंध में लोगों का ज्ञान न के बराबर है।
ऐसे ही एक महापुरुष इस भारत भूमि पर हुए है जिनका नाम है महाराजा रणजीत सिंह..।

Sudhir Sisaudiya प्रोफ़ाइल लिंक — https://www.matrubharti.com/sudhirsisaudiya133723

bapparawal418006

महाराजा रणजीत सिंह और कोहिनूर हीरा।
https://www.matrubharti.com/book/19947868/maharaja-ranjit-singh-and-the-kohinoor-diamond

Praveen kumrawat प्रोफ़ाइल लिंक— https://www.matrubharti.com/praveenkumrawat012852

bapparawal418006

गर्मियों का प्यार — एक ख़ामोश एहसास

कभी-कभी प्यार किसी मौसम की तरह आता है — चुपचाप, बिना दस्तक दिए।
जैसे पहाड़ों की गर्मियाँ — तेज़ नहीं, ठंडी भी नहीं, बस धीमी-धीमी सी महसूस होती हुई।
काठगोदाम की एक शाम, हल्की सी हवा, और दो अजनबी — जो पहली बार मिले, लेकिन जैसे बरसों से एक-दूसरे को जानते हों।

प्यार में हमेशा शोर नहीं होता।
कई बार, सिर्फ़ एक चाय का कप और सामने बैठा कोई इंसान ही काफी होता है, जिसे देखकर तुम्हें लगे — “बस यही तो चाहिए था ज़िंदगी में।”

गर्मियों का प्यार वैसा ही होता है —
ना बहुत लंबा, ना बहुत तेज़…
लेकिन जब चला जाता है, तो उसकी छाया पूरे साल साथ चलती है।
सर्दियों में उसका इंतज़ार होता है, और बरसातों में उसकी याद।

कभी किसी की चुप्पी में प्रेम छुपा होता है,
तो कभी किसी की बेवजह की हँसी में।
कोई जब बिना पूछे तुम्हारे मन की बात समझ ले — वही तो होता है असली रिश्ता।

और अगर वो इंसान,
जिससे तुमने कुछ कहे बिना बहुत कुछ कह दिया,
अगर वो एक दिन यूँ ही तुम्हारे सामने खड़ा हो जाए…
तो समझ लेना — कुछ रिश्ते सिर्फ़ किस्मत से नहीं, कहानी से बनते हैं।

कई बार हमें लगता है हम भूल गए,
लेकिन एक पुरानी फोटो, एक पहाड़ी गंध, एक नाम… और सब कुछ फिर से ताज़ा हो जाता है।

काठगोदाम की गर्मियाँ सिर्फ़ एक किताब नहीं है,
ये एक ऐसा आईना है जिसमें हर कोई अपना कोई अधूरा रिश्ता देख सकता है।
एक शहर, एक लड़की, एक लड़का — और वो गर्मियाँ, जो लौटकर तो नहीं आतीं,
लेकिन दिल में हमेशा के लिए रह जाती हैं।



📚 अगर आपको ये पंक्तियाँ दिल के किसी कोने को छू गई हों…
तो पूरी कहानी पढ़ने के लिए खोजिए:
“काठगोदाम की गर्मियाँ”
✍️ लेखक: धीरेंद्र सिंह बिष्ट
उपलब्ध है Amazon, Flipkart और Notion Press पर।

बस नाम सर्च कीजिए — और अपनी अगली पसंदीदा प्रेम कहानी से मिलिए।

#KaatgodamKiGarmiyaan #HindiBooks #LoveInSummer #DhirendraSinghBisht #EmotionalRead #HeartTouchingLove

dhirendra342gmailcom

गर्मियों का प्यार — एक ख़ामोश एहसास

कभी-कभी प्यार किसी मौसम की तरह आता है — चुपचाप, बिना दस्तक दिए।
जैसे पहाड़ों की गर्मियाँ — तेज़ नहीं, ठंडी भी नहीं, बस धीमी-धीमी सी महसूस होती हुई।
काठगोदाम की एक शाम, हल्की सी हवा, और दो अजनबी — जो पहली बार मिले, लेकिन जैसे बरसों से एक-दूसरे को जानते हों।

प्यार में हमेशा शोर नहीं होता।
कई बार, सिर्फ़ एक चाय का कप और सामने बैठा कोई इंसान ही काफी होता है, जिसे देखकर तुम्हें लगे — “बस यही तो चाहिए था ज़िंदगी में।”

गर्मियों का प्यार वैसा ही होता है —
ना बहुत लंबा, ना बहुत तेज़…
लेकिन जब चला जाता है, तो उसकी छाया पूरे साल साथ चलती है।
सर्दियों में उसका इंतज़ार होता है, और बरसातों में उसकी याद।

कभी किसी की चुप्पी में प्रेम छुपा होता है,
तो कभी किसी की बेवजह की हँसी में।
कोई जब बिना पूछे तुम्हारे मन की बात समझ ले — वही तो होता है असली रिश्ता।

और अगर वो इंसान,
जिससे तुमने कुछ कहे बिना बहुत कुछ कह दिया,
अगर वो एक दिन यूँ ही तुम्हारे सामने खड़ा हो जाए…
तो समझ लेना — कुछ रिश्ते सिर्फ़ किस्मत से नहीं, कहानी से बनते हैं।

कई बार हमें लगता है हम भूल गए,
लेकिन एक पुरानी फोटो, एक पहाड़ी गंध, एक नाम… और सब कुछ फिर से ताज़ा हो जाता है।

काठगोदाम की गर्मियाँ सिर्फ़ एक किताब नहीं है,
ये एक ऐसा आईना है जिसमें हर कोई अपना कोई अधूरा रिश्ता देख सकता है।
एक शहर, एक लड़की, एक लड़का — और वो गर्मियाँ, जो लौटकर तो नहीं आतीं,
लेकिन दिल में हमेशा के लिए रह जाती हैं।



📚 अगर आपको ये पंक्तियाँ दिल के किसी कोने को छू गई हों…
तो पूरी कहानी पढ़ने के लिए खोजिए:
“काठगोदाम की गर्मियाँ”
✍️ लेखक: धीरेंद्र सिंह बिष्ट
उपलब्ध है Amazon, Flipkart और Notion Press पर।

बस नाम सर्च कीजिए — और अपनी अगली पसंदीदा प्रेम कहानी से मिलिए।

#KaatgodamKiGarmiyaan #HindiBooks #LoveInSummer #DhirendraSinghBisht #EmotionalRead #HeartTouchingLove

dhirendra342gmailcom

❝ कभी-कभी हम किसी और को नहीं, खुद को ढूंढ रहे होते हैं… ❞
एक खोज, एक कहानी, एक एहसास — “बर्फ़ के पीछे कोई था?”
लेखक: धीरेंद्र सिंह बिष्ट
अब उपलब्ध है 📚
🛒 Amazon | Flipkart | NotionPress

🔖 “जब कहानियाँ चुप होती हैं, तो पहाड़ बोलते हैं।”

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dhirendra342gmailcom

पावसाच्या सरींचं संगीत एकदा मन लावून ऐकून बघा,
जणू आईच्या कुशीत गुडूप झोप घालणारी शांत लोरी वाटते.
त्या टपक्यांचा एकेक ठिपका काळजाला अलगद स्पर्शून जातो,

आठवणींच्या सायासारखा, थोडासा गहिरा, थोडासा ओला.
पाऊस म्हणजे शब्दांपलीकडचं कुशीतलं अमृतवाचन असतं.

fazalesaf2973

#H_R ✍️✍️✍️

er.hr.731220