मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है

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दो दुनियाओं का पहला टकराव मुंबई… यह शहर कभी नहीं सोता। अनगिनत सपनों को अपनी पनाह में लिए, और लाखों जिंदगियों की भाग-दौड़ का गवाह। इसी शहर की हलचल से दूर, एक शांत और पुरानी गली में, मेहरा परिवार का आशियाना था। घर भले ही बहुत बड़ा न हो, लेकिन हर ईंट में अपनत्व और हर कोने में मोहब्बत की गर्माहट महसूस होती थी। मेहरा परिवार का आशियाना प्रमोद मेहरा, अपनी चालीस से कुछ ज़्यादा उम्र के साथ, एक जिम्मेदार और मेहनती इंसान थे। वे 'राजवंश कॉर्पोरेशन' में एक मिड-लेवल मैनेजर थे। उनकी नौकरी स्थिर थी, लेकिन काम का दबाव और परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उन्हें अक्सर थका देता था। फिर भी, वे अपने चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखते थे।

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मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 1

मेरे इश्क में शामिल रूहानियतएपिसोड 1: दो दुनियाओं का पहला टकरावमुंबई… यह शहर कभी नहीं सोता। अनगिनत सपनों को पनाह में लिए, और लाखों जिंदगियों की भाग-दौड़ का गवाह। इसी शहर की हलचल से दूर, एक शांत और पुरानी गली में, मेहरा परिवार का आशियाना था। घर भले ही बहुत बड़ा न हो, लेकिन हर ईंट में अपनत्व और हर कोने में मोहब्बत की गर्माहट महसूस होती थी।मेहरा परिवार का आशियानाप्रमोद मेहरा, अपनी चालीस से कुछ ज़्यादा उम्र के साथ, एक जिम्मेदार और मेहनती इंसान थे। वे 'राजवंश कॉर्पोरेशन' में एक मिड-लेवल मैनेजर थे। उनकी नौकरी स्थिर थी, ...Read More

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मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 2

मेरे इश्क़ में शामिल रूहानियत हैएपिसोड 2 : "दिल की अनकही दस्तक"मुंबई की सुबह हमेशा भागदौड़ भरी होती है।ट्रैफिक शोर, लोकल ट्रेनों की सीटी और भागते लोग… लेकिन आज सुबह कुछ लोगों की ज़िंदगी में यह शोर पीछे छूट गया था, क्योंकि उनके दिलों में कुछ और ही गूँज रहा था।---अनाया की बेचैनीपिछले दिन की घटना बार-बार अनाया के दिमाग़ में घूम रही थी।वह जब भी आँखें बंद करती, उसे आर्यन की ठंडी लेकिन गहरी नज़रें याद आ जातीं।“क्यों मुझे ऐसा लग रहा है कि उनकी नज़रें मुझे पढ़ रही थीं…? मैंने ऐसा क्यों महसूस किया कि जैसे ये ...Read More

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मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 3

मेरे इश्क़ में शामिल रूहानियतएपिसोड 3 : "रूहों का रिश्ता या इत्तफ़ाक़?"ऑफिस का कमरा अभी भी सन्नाटे से भरा के सामने बैठी अनाया ने धीरे-धीरे अपनी साँसें संभालीं। उसके हाथ काँप रहे थे, पर उसने खुद को मज़बूत दिखाने की कोशिश की।“अनाया मेहरा…”आर्यन ने नाम दोहराया। उसकी आवाज़ धीमी थी, लेकिन उस धीमेपन में कुछ ऐसा था जिसने अनाया के दिल की धड़कन और तेज़ कर दी।कॉलेज में रूहानी और विवान की मुलाक़ात फिर हुई।रूहानी अपनी फ्रेंड्स के साथ हँसते हुए बातें कर रही थी, जब विवान वहाँ आया और सीधा उसके पास बैठ गया।“क्या कर रहे हो यहाँ?”रूहानी ...Read More

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मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 4

एपिसोड 4 : "अतीत की परछाईयाँ"️ रहस्यमयी सुबहअगली सुबह की हल्की रोशनी धीरे-धीरे अनाया के कमरे में फैल रही खिड़की से बाहर देख रही थी। उसकी आँखें दूर तक बिखरी मुंबई की चमकती रोशनी में खोई थीं।लेकिन दिल के अंदर एक हल्की बेचैनी का अहसास था, जो उसे चैन से बैठने नहीं दे रहा था।उसके हाथ में वह पुरानी डायरी थी, जिसे उसने पिछले रात से खोल रखा था।पृष्ठ पलटते हुए उसके हाथ रुक गए। एक नया पन्ना खुला — खाली…पर उसके नीचे एक धुंधली लिखावट उभरने लगी — जैसे कोई अदृश्य शक्ति उसे लिखने को कह रही ...Read More

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मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 5

️ एपिसोड 4 : "सदियों पुरानी परछाइयाँ"⏳ सुबह की हल्की धुंधमुंबई की सुबह की हल्की धुंध ने शहर को मायावी चादर में लपेट रखा था।ऑफिस का माहौल पहले से भी ज्यादा गहरा और रहस्यमयी महसूस हो रहा था।अनाया मेहरा ऑफिस की शीशे वाली दीवार के सामने खड़ी थी।आर्यन की वो बात उसके दिमाग़ में गूँज रही थी —"क्या तुम्हें कभी ऐसा लगता है कि तुम्हारा और मेरा रिश्ता सिर्फ़ इस जन्म का नहीं है?"उसके होंठ बेमन से हिले —"ये खिंचाव… ये बेचैनी… कुछ तो गहरा है।"विवान कॉलेज के हाल से निकलते हुए रूहानी की ओर निगाहें लगाए खड़ा था।रूहानी ...Read More

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मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 6

--- ️ एपिसोड 6 : "रहस्य की परतें खुलती हैं" ⏳ भोर का पहला उजास मुंबई सुबह का पहला सूरज धीरे-धीरे आसमान को सुनहरा बना रहा था। लेकिन अनाया मेहरा के दिल में अंधेरा गहराता जा रहा था। उसका दिमाग़ लगातार आर्यन की उन अनकही बातों में उलझा था। "सच कहीं आस-पास है…" आर्यन की आवाज़ उसकी आँखों के सामने गूँजती रही। अनाया ने खुद से कहा, "मुझे आज उस दस्तावेज़ को खोजना होगा। कोई सुराग तो मिलेगा।" वो चुपचाप ऑफिस से निकल गई। उसका कदम किसी गहरे रहस्य की ओर बढ़ रहा ...Read More