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nikitavinzuda6548

निन्द आये या ना आये
पर ख्वाब कभी आना बन्द नही होते .

mashaallhakhan600196

ईश्वर की प्रसन्नता और मानव की भ्रांति ✧
मनुष्य का स्वभाव है कि वह प्रसन्नता और अप्रसन्नता को हमेशा बाहरी साधनों से जोड़कर देखता है।
कभी किसी को उपहार देकर, कभी मधुर शब्दों से, कभी मन बहलाकर — वह दूसरों को प्रसन्न करता है। यही संसार के नियम हैं।

जब मनुष्य ईश्वर की ओर बढ़ता है, तो यही तरकीबें वहाँ भी आज़माता है।
वह सोचता है — जप, व्रत, हवन, त्याग या भेंट से भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है।
किन्तु यह धारणा स्वयं में एक गहरी भ्रांति है।

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देवता और मानव का अंतर

मानव-मन कल्पना में बंधा है।
वह शब्द, वस्तु और भावनाओं की अदला-बदली से तुरंत प्रभावित हो जाता है।
परंतु ईश्वर अथवा देवत्व की सत्ता इन काल्पनिक विनिमयों से परे है।

उसे न प्रसन्न किया जा सकता है और न अप्रसन्न —
क्योंकि वह मानव-स्वभाव के द्वैतों से पूर्णतया मुक्त है।
यदि कोई देवता बाहरी विधान या अर्पण से प्रसन्न होता प्रतीत होता है,
तो समझना चाहिए कि वह मनुष्य की मानसिक कल्पना का ही प्रतिरूप है।

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प्रसन्नता का असली स्रोत

सच्ची आध्यात्मिकता में ईश्वर की प्रसन्नता कहीं बाहर नहीं, बल्कि मनुष्य के भीतर है।
जब अंतःकरण निर्मल होता है, वासनाएँ शांत हो जाती हैं, और प्रेम का प्रवाह भीतर से उमड़ता है —
तब आत्मा स्वयं आनंदमय हो उठती है।

यही आंतरिक आनंद ही ईश्वर का सच्चा प्रसाद है,
और यही वास्तविक "ईश्वर की प्रसन्नता" कहलाता है।

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भक्ति और अहंकार

मनुष्य अक्सर अपनी भक्ति को भी अहंकार का साधन बना लेता है।
"मैंने इतने उपवास किए", "मैंने इतने मंत्र बोले", "मैंने इतना दान दिया" —
ये सब अहंकार के अंक हैं, भक्ति नहीं।

भक्ति का सार निष्काम भाव है —
जहाँ न प्रसन्न करने की इच्छा होती है और न फल पाने की लालसा।
जब प्रेम सहज रूप से बहता है और आनंद स्वाभाविक हो जाता है,
तभी ईश्वर का साक्षात्कार संभव है।

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दार्शनिक निष्कर्ष

ईश्वर को प्रसन्न करना किसी कर्मकांडीय विधि से संभव नहीं।
वह स्वयं में परिपूर्ण आनंद है।

साधक का प्रयास केवल इतना होना चाहिए —
कि वह अपने भीतर वही आनंद खोज ले, वही प्रेम जागृत कर ले।
तभी ईश्वर का अनुभव होता है —
प्रसन्नता के रूप में नहीं, बल्कि आत्मानुभूति के रूप में।

वस्तुतः "ईश्वर की प्रसन्नता" का सही अर्थ है —
आपकी अपनी आत्मिक अनुभूति।
और इस अनुभूति तक पहुँचने का मार्ग है —
स्वयं को अहंकार की परतों से मुक्त करना,
और प्रेम-आनंद की शुद्ध लहर में उतर जाना।

शास्त्र-प्रमाण ✧

1. भगवद्गीता (9.22)

> अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते।
तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्॥

अर्थ — जो भक्त निष्काम भाव से केवल मेरा चिन्तन करते हैं, उन्हें मैं स्वयं योग-क्षेम प्रदान करता हूँ।
👉 यहाँ प्रसन्न करने का कोई उपाय नहीं बताया, केवल निष्काम शरणागति का महत्व है।

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2. कठोपनिषद् (II.23)

> नायमात्मा प्रवचनेन लभ्यो न मेधया न बहुना श्रुतेन।
यमेवैष वृणुते तेन लभ्यः तस्यैष आत्मा विवृणुते तनूँ स्वाम्॥

अर्थ — आत्मा न तो प्रवचन, न बुद्धि, न शास्त्र-पाठ से मिलता है; वह केवल उसी को प्राप्त होता है जिसे आत्मा स्वयं प्रकट होना चाहता है।
👉 यहाँ कोई रिझाने की तरकीब नहीं, केवल भीतर की योग्यता और शुद्धता।

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3. श्वेताश्वतर उपनिषद् (III.20)

> यः सर्वज्ञः सर्वविद्यस्य ज्ञानमयं तपः।
तस्मात् एतानि भूतानि जातानि जीवन्ति यानि च॥

अर्थ — वही परमेश्वर सर्वज्ञ, सर्वविद् है; उसी से सब कुछ उत्पन्न होता और चलता है।
👉 ऐसा ईश्वर प्रसन्न-अप्रसन्न से परे है, क्योंकि वही मूल आधार है।

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4. भक्तिमार्ग का संकेत (भागवत पुराण, 11.14.20)

> नाहं वसामि वैकुण्ठे योगिनां हृदयेषु वा।
यत्र गायन्ति मद्भक्ता तत्र तिष्ठामि नारद॥

अर्थ — मैं न तो वैकुण्ठ में रहता हूँ, न योगियों के हृदय में; पर जहाँ मेरे भक्त प्रेम से गाते हैं, वहीं उपस्थित होता हूँ।
👉 यहाँ भी प्रेम और आनंद की स्थिति को ही ईश्वर की "प्रसन्नता" बताया गया।

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निष्कर्ष

शास्त्रों का स्वर एक ही है:

ईश्वर को प्रसन्न करने का कोई बाहरी उपाय नहीं।

प्रेम, निष्काम भाव और आंतरिक आनंद ही उसके सान्निध्य का द्वार हैं।

— अज्ञात अज्ञानी

bhutaji

🙏🙏ક્યારેક અમુક વસ્તુઓની નજીક રહેવાથી.
આપોઆપ મળી જાય, માંગવાથી નહીં.

અગ્નિ નજીક રહેવાથી ગરમાહટ.
પાણીની નજીક રહેવાથી શીતળતા.
ગુલાબની નજીક રહેવાથી ખુશ્બુ.

બસ ઈશ્વરનું પણ કંઈક એવું જ છે.

નિકટતા વધારો માંગવાની જરૂર જ નહીં પડવા દે.🦚🦚

parmarmayur6557

યાદોનું મીઠું ગીત

​મન મૂકીને માણેલા, એ દિવસો વ્હાલા,
વર્ષો વીત્યા પણ, સ્મરણો છે તાજા.
ખિલખિલાટ હાસ્ય, ને દોસ્તોનો સંગાથ,
પળભરના સુખની, એ અમૂલ્ય વાત.
​જીવનની ડાળીએ, ફરતાં પતંગિયાં,
કોઈક ફરિયાદ, ને મીઠી મજાકિયા.
દિલના ખૂણે સચવાયેલી, અણમોલ મૂડી,
આ મીઠી યાદો છે, અંતરની પૂડી.
એને યાદ કરીને, મન હરખાય,
બસ આ જ છે આપણું, સૌથી મોટું ધન.
DHAMAk

heenagopiyani.493689

અજવાળું ફેલાવી જાણે સુંદર મજાનું ફાનસ...
બીજા માટે જીવી જાણે તેનું જ નામ માણસ...
💛🧡❤️

dipika9474

*अज्ञान गीता*
ईश्वर और आत्मा से मानव कैसे दूर हुआ

सूत्र 1 — मार्ग थोपे जाते हैं

> “अपनाओ, तपस्या करो, कर्मयोग करो” — यह सब थोपी हुई दिशा है।
बुद्ध, मीरा, ओशो, कृष्णमूर्ति — सब अपने-अपने स्वभाव से चले।

सूत्र 2 — स्वभाव ही मार्ग है

मार्ग कोई “चयन” नहीं है, वह स्वभाव की अभिव्यक्ति है।
भक्ति वाला तप नहीं कर सकता, तपस्वी भक्ति नहीं कर सकता।

सूत्र 3 — गीता का सत्य

> “स्वधर्मे निधनं श्रेयः, परधर्मो भयावहः।”
स्वभाव ही धर्म है।
दूसरे का मार्ग अपनाना बंधन है।

सूत्र 4 — अनुकरण सबसे बड़ी रुकावट

धर्म, शास्त्र, गुरु सब मार्ग देने पर अड़े रहते हैं।
लोग अंधे होकर अनुकरण करने लगते हैं।
यही सबसे बड़ा धोखा है।

सूत्र 5 — स्वभाव को सराय कहना

हर कोई अपने स्वभाव की सराय में ठहरा है।
दूसरे की धर्मशाला में घसीटने की कोशिश उलझन है।

सूत्र 6 — उपायों की थकान

कर्म, ध्यान, पूजा, तपस्या, प्रवचन, यात्रा — सब आज़माने पर भी खालीपन बचता है।
यह साफ़ करता है कि मार्ग बाहर नहीं, भीतर के स्वभाव से निकलेगा।

सूत्र 7 — कठिनतम मोड़

जब सब उपाय फेल हो जाएँ, तब दो रास्ते बचते हैं:
या फिर से वही चक्कर,
या पहली बार रुककर देखना कि “मेरे भीतर जो है, वही मेरा मार्ग है।”

सूत्र 8 — सहजता ही धर्म है

भक्ति, त्याग, तपस्या, कर्मकांड जब असहज हों तो बोझ हैं।
धर्म वही है जो स्वभाव से सहज बहे।

सूत्र 9 — जीवन विरोधी मार्ग

त्याग, तपस्या, भक्ति, कर्मकांड जीवन विरोधी हैं।
ये आदमी को उसके स्वभाव और सहज कर्तव्य से भटकाते हैं।

सूत्र 10 — प्यास मार्ग से बड़ी है

महावीर–बुद्ध मार्ग से नहीं पहुँचे, उनकी प्यास उन्हें ले गई।
आज लोग मार्ग पकड़ते हैं, इसलिए असफल;
उन्होंने प्यास पकड़ी, इसलिए सफल।

सूत्र 11 — समय की धारा

हर युग का अपना स्वभाव होता है।
आज विज्ञान का समय है — तर्क और प्रमाण का।
भक्ति–त्याग–तपस्या का समय निकल चुका है।
आज की माँग है स्वभाव को पहचानना और प्यास को सच्चा करना।

सूत्र 12 — मार्ग केवल इत्तफ़ाक़ हैं

लाखों में कभी कोई पहुँच जाता है,
तो लोग समझते हैं कि मार्ग कारण था।
असल में सफलता सिर्फ़ स्वभाव और प्यास की थी।

सूत्र 13 — अनुभव सार्वभौमिक नहीं है

प्रेमानंद महाराज “राधे-राधे” से सम्मोहन में गए — वह उनका स्वभाव था।
लेकिन अब दुनिया कहती है “राधे-राधे करो, सबको मिलेगा” — यही मूर्खता है।

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अंतिम सूत्र

> मार्ग जीवन का विरोध है।
सत्य प्यास का परिणाम है।
मार्ग इत्तफ़ाक़ हैं, स्वभाव सत्य है।
दूसरे का मार्ग अपनाना सबसे बड़ी मूर्खता है।
अपने स्वभाव को जीना ही धर्म है।

मार्ग जीवन का विरोध है।
प्रमाण: कठोपनिषद (1.2.18) — “अविद्यायामन्तरे वर्तमानाः स्वयं धीराः पण्डितं मन्यमानाः” — अज्ञान में फँसे लोग मार्ग बनाते हैं और उसी को जीवन मान लेते हैं।

2. सत्य प्यास का परिणाम है।
प्रमाण: बुद्ध — “तृष्णा पज्झायति दुःखं, तृष्णा निवृत्ते सुखं।” — प्यास ही खोज का प्रारंभ है, और सत्य उसी का शमन।

3. मार्ग इत्तफ़ाक़ हैं, स्वभाव सत्य है।
प्रमाण: छान्दोग्य उपनिषद (6.8.7) — “तत्त्वमसि श्वेतकेतो।” — मार्ग संयोग से बदलते हैं, पर आत्मस्वभाव ही सत्य है।

4. दूसरे का मार्ग अपनाना सबसे बड़ी मूर्खता है।
प्रमाण: गीता (3.35) — “श्रेयान् स्वधर्मो विगुणः, परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।” — अपना धर्म दोषयुक्त भी श्रेष्ठ है, पराया धर्म मृत्यु का कारण है।

5. असहज मार्ग धर्म नहीं, बोझ हैं।
प्रमाण: गीता (18.47) — “स्वधर्मे निधनं श्रेयः, परधर्मो भयावहः।” — अस्वभाविक मार्ग डर और बोझ ही है।

6. धर्म वही है जो स्वभाव से बहे।
प्रमाण: महाभारत, शांति पर्व — “स्वभावो धर्म इत्याहुः” — जो स्वभाव से बहे वही धर्म है।

7. जो किसी को मिला, वही उसका था; उसे सबका धर्म मानना सबसे बड़ी मूर्खता है।
प्रमाण: बुद्ध — “एको एकस्स पथं गच्छति।” — प्रत्येक व्यक्ति का मार्ग अद्वितीय है।

8. अपने स्वभाव को जीना ही धर्म है।
प्रमाण: गीता (18.45) — “स्वकर्मणा तमभ्यर्च्य सिद्धिं विन्दति मानवः।” — अपने कर्म/स्वभाव से ही सिद्धि मिलती है।

9. मार्ग बाहर से थोपे जाते हैं, स्वभाव भीतर से खिलता है।
प्रमाण: मुण्डकोपनिषद (1.2.12) — “परिक्ष्य लोकान् कर्मचितान् ब्राह्मणो निर्वेदमायात्।” — बाहर के मार्ग छोड़कर भीतर का स्वभाव ही खिलता है।

10. मार्ग बदलते रहते हैं, स्वभाव शाश्वत है।
प्रमाण: गीता (2.16) — “नासतो विद्यते भावो, नाभावो विद्यते सतः।” — असत्य (मार्ग) बदलता है, सत्य (स्वभाव) शाश्वत है।

11. मार्ग से चलकर तुम दूर घूमते हो, स्वभाव से जीकर तुम सीधे घर पहुँचते हो।
प्रमाण: बृहदारण्यक उपनिषद (4.4.6) — “आत्मानं चेत्त्वां विदितं, अमृतत्वं विध्यते।” — आत्मस्वभाव जानो, वही घर वापसी है।

12. जब तक मार्ग पूछते रहोगे, भटकते रहोगे; जब स्वभाव देखोगे, तभी ठहरोगे।
प्रमाण: बुद्ध — “अप्प दीपो भव।” — बाहर मार्ग पूछोगे तो भटकते रहोगे, दीपक अपने भीतर है।

अज्ञात अज्ञानी

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bhutaji

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं

mamtatrivedi444291

After seeing Indian Streets in rainy season my friend says we are paying taxes for nothing
I said you are short sighted bro
Government is working so hard to make our cities like venice(Italy)
So from next time when someone say government is not working then remember they are anti-national

rohanbeniwal113677

मां, मेरे पास कुछ नहीं, बस एक मन है,
वही तो तुम्हें अर्पित करने के लिए बना है।

लोग फूल, इत्र, धूप‑दीप और सोना‑चांदी चढ़ाते हैं,
मेरे पास कुछ नहीं, बस मन की सच्चाई बाकी है।

जैसा भी है, वह मन तुम्हारे चरणों में रखती हूँ,
मेरी भक्ति, मेरा प्यार, यही तो तुम्हारे लिए अर्पण है।

archanalekhikha

जय श्री राधे राधे ❤️❤️

rashmidwivedi205340

देखा एक ख़्वाब मैनें,
सपनों सा हसीन है।

मेरे संग मैं वो
और  समा भी हसीन है।

हाथों में है हाथ
और रास्ता भी हसीन है।


रात भी है मस्त
और चांद भी हसीन है।

संग मैं है वो
और समा भी हसीन है‌।

प्रेम में है‌ हम
और यह जीवन भी हसीन है।

vrinda1030gmail.com621948

😔

rv1967

प्रेमिका कहती:
पत्नी ब्लॉक लिस्ट में नहीं
में उसकी दिल और फॉलो लिस्ट में हूँ

तो बहनों, इतना मत सोचो
ब्लॉक लिस्ट में तुम्हें भी किसी और को दिखा रहा होगा 😂

कुछ दिन पहले एक पोस्ट देखी जिसमे एक प्रेमिका कहती नजर आ रही है कि मैं प्रेमी की फॉलो लिस्ट में हूं और दिल में भी लेकिन पत्नी तो ब्लॉक लिस्ट में भी नहीं है और उनके साथ कहीं प्रेमिका ही उनका सपोर्ट कर रही है, हंस रही है मजाक बना रही


मुझे यह समझ नहीं में आता, आखिर एक औरत ही औरत की दुश्मन क्यों बन जा रही ह।ै वह जो आदमी एक इस दो महिलाओं को दुश्मनी के मोड पर लाकर खड़ा कर दिया है उसे आदमी को नहीं गलत कह रही हो प्रेमिका उसे पत्नी को नीचा रही है,पत्नी को कितना गलत कह रही हैं।
ै क्या कभी सोचा है ,जब वह पत्नी का नहीं हो सका , कल को तुम्हें भी धोखा दे सकता है

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archanalekhikha

करवटे बदल कर देख ली तुमने,
ले कमबख्त फिर से आ गया चूमने।

neerajsharma.603011

ನಿರ್ದೇಶಕರ ಮನಸ್ಸಿನಲ್ಲಿ ತೆರೆಮರೆಯ ಆಲೋಚನೆಗಳು
ಚಿತ್ರ ನಿರ್ದೇಶನ ಕೇವಲ ಆಕ್ಷನ್ ಮತ್ತು ಕಟ್ ಹೇಳುವುದಲ್ಲ. ಇದು ಒಂದು ಸಂಕೀರ್ಣವಾದ ಮಾನಸಿಕ ಪ್ರಕ್ರಿಯೆ. ಕ್ಯಾಮೆರಾ ಹಿಂದೆ ನಿಂತಿರುವ ಒಬ್ಬ ನಿರ್ದೇಶಕನ ಮನಸ್ಸು ಹೇಗೆ ಕೆಲಸ ಮಾಡುತ್ತದೆ? ಒಂದು ದೃಶ್ಯವನ್ನು ತೆರೆಗೆ ತರುವ ಮೊದಲು ಅವರು ಯಾವೆಲ್ಲಾ ಅಂಶಗಳನ್ನು ಆಳವಾಗಿ ಯೋಚಿಸುತ್ತಾರೆ ಎಂಬುದನ್ನು ಇಲ್ಲಿ ನೋಡೋಣ.
1. ಕಥಾವಸ್ತುವಿನ ದೃಷ್ಟಿ (The Vision of the Story)
ಒಬ್ಬ ನಿರ್ದೇಶಕ ಯಾವಾಗಲೂ ಚಿತ್ರದ ಅಂತಿಮ ದೃಷ್ಟಿಯನ್ನು ಮನಸ್ಸಿನಲ್ಲಿ ಹೊಂದಿರುತ್ತಾರೆ.
ಭಾವನೆ ಮತ್ತು ಉದ್ದೇಶ: ಈ ದೃಶ್ಯದಿಂದ ವೀಕ್ಷಕರಿಗೆ ಯಾವ ಭಾವನೆ ತಲುಪಬೇಕು? ಭಯವೇ? ನಗುವೇ? ಆಶ್ಚರ್ಯವೇ? ದೃಶ್ಯದ ಉದ್ದೇಶ (Goal) ಏನು?
ಟೋನ್ ಮತ್ತು ಶೈಲಿ: ಚಿತ್ರದ ಒಟ್ಟಾರೆ ಶೈಲಿ (Tone) ಹೇಗಿರಬೇಕು? ಇದು ಡಾರ್ಕ್ ಆಗಿ, ಪ್ರಕಾಶಮಾನವಾಗಿ, ಅಥವಾ ವೇಗವಾಗಿ ಸಾಗಬೇಕೇ? ಈ ನಿರ್ಧಾರವು ಲೈಟಿಂಗ್, ಕ್ಯಾಮೆರಾ ಚಲನೆ ಮತ್ತು ಬಣ್ಣದ ಆಯ್ಕೆಯನ್ನು ಪ್ರಭಾವಿಸುತ್ತದೆ.
ಸತ್ಯತೆ (Authenticity): ಚಿತ್ರವು ಸನ್ನಿವೇಶಕ್ಕೆ ಅಥವಾ ಕಥೆಗೆ ಪ್ರಾಮಾಣಿಕವಾಗಿದೆಯೇ? ಪಾತ್ರಗಳು ನಿಜ ಜೀವನದಂತೆ ವರ್ತಿಸುತ್ತಿವೆಯೇ? ಕಥೆಗೆ ಧಕ್ಕೆಯಾಗದಂತೆ ವಾಣಿಜ್ಯ ಅಂಶಗಳನ್ನು ಹೇಗೆ ಸಮತೋಲನ ಮಾಡುವುದು ಎಂಬ ಚಿಂತನೆ ಇರುತ್ತದೆ.
2. ತಾಂತ್ರಿಕ ನಿರ್ಧಾರಗಳು (Technical Decisions)
ದೃಶ್ಯವನ್ನು ಪರಿಣಾಮಕಾರಿಯಾಗಿ ಸೆರೆಹಿಡಿಯಲು ತಾಂತ್ರಿಕ ವಿಭಾಗದ ಬಗ್ಗೆ ನಿರ್ದೇಶಕರು ನಿರಂತರವಾಗಿ ಯೋಚಿಸುತ್ತಾರೆ.
ಕ್ಯಾಮೆರಾ ಕೋನ (Camera Angle): ಪಾತ್ರದ ಭಾವನೆಯನ್ನು ಹೆಚ್ಚಿಸಲು ಕ್ಯಾಮೆರಾವನ್ನು ಕೆಳಗಿನಿಂದ (Low Angle) ಅಥವಾ ಮೇಲಿನಿಂದ (High Angle) ಇಡಬೇಕೇ? ಯಾವ ಶಾಟ್‌ ಗಾತ್ರ (Close-up, Mid-shot) ಹೆಚ್ಚು ಸೂಕ್ತ?
ಚಲನೆ (Movement): ಕ್ಯಾಮೆರಾವನ್ನು ಚಲಿಸಬೇಕೇ (Dolly, Crane, Handheld)? ಅಥವಾ ಸ್ಥಿರವಾಗಿ (Static) ಇಡಬೇಕೇ? ಕ್ಯಾಮೆರಾ ಚಲನೆಯು ಕಥೆಯಲ್ಲಿ ಒತ್ತಡವನ್ನು ಅಥವಾ ಪ್ರಶಾಂತತೆಯನ್ನು ಸೃಷ್ಟಿಸುತ್ತದೆ.
ಲೈಟಿಂಗ್: ಬೆಳಕು ಕೇವಲ ಎಲ್ಲವನ್ನೂ ತೋರಿಸಲು ಮಾತ್ರವಲ್ಲ, ಅದು ಕಥೆಯನ್ನು ಹೇಳಲು ಸಹಾಯಕ. ಪಾತ್ರದ ಮನಸ್ಸಿನ ಗೊಂದಲ ತೋರಿಸಲು ಡಾರ್ಕ್ ಲೈಟಿಂಗ್ ಬಳಸಬೇಕೇ? ಅಥವಾ ಸಂತೋಷ ತೋರಿಸಲು ಪ್ರಕಾಶಮಾನವಾದ ಬೆಳಕು ಬೇಕೇ? ಈ ಯೋಚನೆಗಳು ಪ್ರತಿಕ್ಷಣ ನಡೆಯುತ್ತವೆ.
​3. ನಟರೊಂದಿಗೆ ಕೆಲಸ ​ನಟರಿಂದ ಅತ್ಯುತ್ತಮ ಪ್ರದರ್ಶನವನ್ನು ಹೊರತರಲು ನಿರ್ದೇಶಕರು ಮನೋವೈಜ್ಞಾನಿಕವಾಗಿ ಯೋಚಿಸುತ್ತಾರೆ.
ಪಾತ್ರದ ಮನಸ್ಥಿತಿ: ನಟನು ಆ ದೃಶ್ಯದಲ್ಲಿ ಪಾತ್ರದ ನಿಖರವಾದ ಮನಸ್ಥಿತಿಯಲ್ಲಿ ಇದ್ದಾನೆಯೇ? ಪಾತ್ರದ ಹಿಂದಿನ ಕಥೆ ಮತ್ತು ಪ್ರೇರಣೆಯನ್ನು ನಟನಿಗೆ ಸರಿಯಾಗಿ ತಲುಪಿಸಿದ್ದೇನೆಯೇ?
ಸಂಭಾಷಣೆಯ ವಿತರಣೆ: ಸಂಭಾಷಣೆಗಳನ್ನು ಕೇವಲ ಓದುವ ಬದಲು, ನಟನು ಅದನ್ನು ಅನುಭವಿಸಿ ಹೇಳುತ್ತಿದ್ದಾನೆಯೇ? ನಟನು ಏನಾದರೂ ಹೊಸದನ್ನು ತರುತ್ತಿದ್ದರೆ, ಅದನ್ನು ದೃಶ್ಯಕ್ಕೆ ಬಳಸಬಹುದೇ?
ದೃಶ್ಯದ ಬ್ಲಾಕಿಂಗ್ (Blocking): ನಟರು ದೃಶ್ಯದಲ್ಲಿ ಎಲ್ಲಿ ನಿಲ್ಲಬೇಕು, ಎಲ್ಲಿ ಚಲಿಸಬೇಕು ಮತ್ತು ಎಲ್ಲಿ ಕುಳಿತುಕೊಳ್ಳಬೇಕು ಎಂಬುದನ್ನು ನಿಖರವಾಗಿ ನಿರ್ಧರಿಸುವುದು. ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಚಲನೆಯೂ ಕಥೆಗೆ ಅರ್ಥ ನೀಡಬೇಕು.
​4. ಸಮಯ ಮತ್ತು ಸಂಪನ್ಮೂಲಗಳ ನಿರ್ವಹಣೆ ​ಪ್ರತಿ ನಿಮಿಷವೂ ಬಜೆಟ್ ಮತ್ತು ವೇಳಾಪಟ್ಟಿಗೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿರುತ್ತದೆ.
ಸಮಯ ಉಳಿತಾಯ: ಈ ದೃಶ್ಯವನ್ನು ವೇಗವಾಗಿ, ಆದರೆ ಗುಣಮಟ್ಟದಲ್ಲಿ ಯಾವುದೇ ರಾಜಿ ಇಲ್ಲದೆ, ಹೇಗೆ ಶೂಟ್ ಮಾಡುವುದು? ಶೂಟಿಂಗ್ ನಿಗದಿತ ವೇಳಾಪಟ್ಟಿಯನ್ನು ಮೀರದಂತೆ ನೋಡಿಕೊಳ್ಳುವುದು.
ಸಮಸ್ಯೆಗಳಿಗೆ ಪರಿಹಾರ: ಲೈಟಿಂಗ್ ಸೆಟ್ ಆಗುತ್ತಿಲ್ಲವೇ? ನಟ ಅನಾರೋಗ್ಯದಿಂದ ಬಳಲುತ್ತಿದ್ದಾನೆಯೇ? ನಿರ್ದೇಶಕರು ಪ್ರತಿ ಸಣ್ಣ ಮತ್ತು ದೊಡ್ಡ ಸಮಸ್ಯೆಗಳಿಗೆ ಸ್ಥಳದಲ್ಲೇ ಸೂಕ್ತ ಪರ್ಯಾಯ ಪರಿಹಾರಗಳನ್ನು ಕಂಡುಕೊಳ್ಳಲು ಸಿದ್ಧರಿರಬೇಕು.

ಇನ್ನೊಂದು ರೀತಿಯಲ್ಲಿ ಹೇಳುವುದಾದರೆ ಒಬ್ಬ ನಿರ್ದೇಶಕನ ಆಲೋಚನೆಯು ಒಂದೇ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಕಲಾವಿದನಂತೆ (ಕಥೆ ಮತ್ತು ಭಾವನೆ), ತಂತ್ರಜ್ಞನಂತೆ (ಕ್ಯಾಮೆರಾ ಮತ್ತು ಲೈಟಿಂಗ್), ಮತ್ತು ನಾಯಕನಂತೆ (ತಂಡದ ನಾಯಕತ್ವ ಮತ್ತು ಸಮಯ ನಿರ್ವಹಣೆ) ಕೆಲಸ ಮಾಡಿದರೆ ಅವರ ಮನಸ್ಸು ಒಂದು ದೃಶ್ಯದ ಸಾವಿರಾರು ಸಾಧ್ಯತೆಗಳನ್ನು ಪರಿಶೀಲಿಸಿ, ಅತ್ಯುತ್ತಮವಾದದ್ದನ್ನು ಆರಿಸಿ, ಅದನ್ನು ತೆರೆಯ ಮೇಲೆ ಜೀವಂತಗೊಳಿಸಲು ಪ್ರಯತ್ನಿಸುತ್ತದೆ.

sandeepjoshi.840664

ನೀವೂ ಆಗಬಹುದು ಶಾರ್ಟ್ ಮೂವಿ ಮೇಕರ್, ಇಲ್ಲಿವೆ ಸರಳ ಹಂತಗಳು
ಚಿಕ್ಕ ಚಲನಚಿತ್ರಗಳನ್ನು (Short Films) ಮಾಡುವುದು ಸೃಜನಶೀಲತೆಯನ್ನು ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸಲು ಮತ್ತು ಚಲನಚಿತ್ರ ತಯಾರಿಕೆಯ ಮೂಲಭೂತ ಅಂಶಗಳನ್ನು ಕಲಿಯಲು ಉತ್ತಮ ಮಾರ್ಗವಾಗಿದ್ದು ದೊಡ್ಡ ಬಜೆಟ್ ಇಲ್ಲದೆ, ನಿಮ್ಮ ಕಥೆಯನ್ನು ಹೇಳಲು ಇದು ಸುಲಭವಾದ ದಾರಿ. ನೀವೂ ಒಂದು ಶಾರ್ಟ್ ಮೂವಿ ಮಾಡಬೇಕು ಅಂದುಕೊಂಡಿದ್ದರೆ, ಈ ಸರಳ ಹಂತಗಳನ್ನು ಅನುಸರಿಸಿ.
1. ಕಥೆಯೇ ರಾಜ (The Story is King)
ಶಾರ್ಟ್ ಮೂವಿಯ ಯಶಸ್ಸು ಅದರ ಕಥೆಯಲ್ಲಿದೆ.
ಒಂದು ಸ್ಪಷ್ಟ ಕಲ್ಪನೆ: ನಿಮ್ಮ ಚಲನಚಿತ್ರದ ಕೇಂದ್ರ ಕಲ್ಪನೆ ಏನು? ಅದನ್ನು ಒಂದು ಅಥವಾ ಎರಡು ವಾಕ್ಯಗಳಲ್ಲಿ ಹೇಳಲು ಸಾಧ್ಯವಾಗುತ್ತದೆಯೇ?
ಸರಳತೆ: ಶಾರ್ಟ್ ಮೂವಿಗಳು ಸಾಮಾನ್ಯವಾಗಿ 5 ರಿಂದ 30 ನಿಮಿಷಗಳಷ್ಟು ಇರುತ್ತವೆ. ಹೆಚ್ಚು ಪಾತ್ರಗಳು, ಸ್ಥಳಗಳು ಮತ್ತು ಸಂಕೀರ್ಣ ಸನ್ನಿವೇಶಗಳನ್ನು ಸೇರಿಸಬೇಡಿ. ಸರಳ ಮತ್ತು ಪರಿಣಾಮಕಾರಿಯಾದ ಕಥೆಯನ್ನೇ ಆಯ್ದುಕೊಳ್ಳಿ.
ಸ್ಕ್ರಿಪ್ಟ್ ಬರೆಯಿರಿ: ನಿಮ್ಮ ಕಥೆಯನ್ನು ಚಿತ್ರಕಥೆ (Screenplay) ರೂಪದಲ್ಲಿ ಬರೆಯಿರಿ. ಪ್ರತಿ ದೃಶ್ಯ, ಸಂಭಾಷಣೆ ಮತ್ತು ಆಕ್ಷನ್‌ಗಳನ್ನು ಸ್ಪಷ್ಟವಾಗಿ ದಾಖಲಿಸಿ.
2. ಯೋಜನಾ ಹಂತ: ಪ್ರಿ-ಪ್ರೊಡಕ್ಷನ್ (Pre-Production)
ಒಳ್ಳೆಯ ತಯಾರಿ, ಅರ್ಧ ಕೆಲಸ ಮುಗಿದಂತೆ. ಶೂಟಿಂಗ್ ಆರಂಭಿಸುವ ಮೊದಲು ಎಲ್ಲವನ್ನೂ ಯೋಜಿಸಿಕೊಳ್ಳಿ.
ಬಜೆಟ್: ನಿಮ್ಮ ಬಜೆಟ್ ಎಷ್ಟು? ಅದಕ್ಕೆ ಅನುಗುಣವಾಗಿ ಕ್ಯಾಮರಾ, ಲೈಟಿಂಗ್ ಮತ್ತು ಇತರ ಸಲಕರಣೆಗಳನ್ನು ನಿರ್ಧರಿಸಿ.
ತಂಡವನ್ನು ಕಟ್ಟಿಕೊಳ್ಳಿ: ನಿರ್ದೇಶಕರು, ಕ್ಯಾಮೆರಾಮನ್ (DOP), ನಟರು, ಸೌಂಡ್ ರೆಕಾರ್ಡರ್ ಮುಂತಾದ ಅಗತ್ಯ ಜನರನ್ನು ಸೇರಿಸಿಕೊಳ್ಳಿ. ಆರಂಭದಲ್ಲಿ ಸ್ನೇಹಿತರ ಸಹಾಯ ಪಡೆಯುವುದು ಉತ್ತಮ.
ಸ್ಥಳಗಳ ಆಯ್ಕೆ (Location Scouting): ಶೂಟಿಂಗ್ ಮಾಡುವ ಜಾಗಗಳನ್ನು ಮೊದಲೆ ನೋಡಿ, ಅನುಮತಿ ಪಡೆದುಕೊಳ್ಳಿ.
ಶೂಟಿಂಗ್ ವೇಳಾಪಟ್ಟಿ (Schedule): ಯಾವ ದಿನ, ಯಾವ ದೃಶ್ಯವನ್ನು, ಎಲ್ಲಿ ಶೂಟ್ ಮಾಡಬೇಕು ಎಂದು ನಿರ್ಧರಿಸಿ.
3. ಚಿತ್ರೀಕರಣ (Production)
ಇದು ನಿಮ್ಮ ಕಲ್ಪನೆಗಳು ದೃಶ್ಯರೂಪ ಪಡೆಯುವ ಹಂತ.
ಪರಿಕರಗಳ ಸಿದ್ಧತೆ: ನಿಮ್ಮ ಕ್ಯಾಮೆರಾ, ಮೈಕ್, ಟ್ರೈಪಾಡ್, ಲೈಟಿಂಗ್ ಸೆಟ್ ಅಪ್‌ಗಳನ್ನು ಸಿದ್ಧಪಡಿಸಿ. ಸ್ಮಾರ್ಟ್‌ಫೋನ್ ಕೂಡ ಉತ್ತಮ ಗುಣಮಟ್ಟದ ವೀಡಿಯೊಗಳನ್ನು ನೀಡಬಲ್ಲದು.
ದೃಶ್ಯಗಳನ್ನು ಶೂಟ್ ಮಾಡಿ: ಚಿತ್ರಕಥೆಯ ಪ್ರಕಾರ ಒಂದು ದೃಶ್ಯವನ್ನು ವಿವಿಧ ಕೋನಗಳಿಂದ (Angles) ಶೂಟ್ ಮಾಡಿ (ಇದನ್ನು ಕವರೇಜ್ ಎನ್ನುತ್ತಾರೆ). ಇದು ಎಡಿಟಿಂಗ್‌ನಲ್ಲಿ ಬಹಳ ಸಹಾಯ ಮಾಡುತ್ತದೆ.
ಧ್ವನಿ ಮುಖ್ಯ: ದೃಶ್ಯದಷ್ಟೇ ಧ್ವನಿ (Sound) ಕೂಡ ಮುಖ್ಯ. ಶೂಟಿಂಗ್ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಉತ್ತಮ ಗುಣಮಟ್ಟದ ಆಡಿಯೋ ರೆಕಾರ್ಡ್ ಮಾಡಲು ಮರೆಯದಿರಿ.
4. ಎಡಿಟಿಂಗ್ ಮತ್ತು ಅಂತಿಮ ರೂಪ ಚಿತ್ರೀಕರಣ ಮುಗಿದ ಮೇಲೆ, ಎಲ್ಲ ತುಣುಕುಗಳನ್ನು ಸೇರಿಸಿ ಚಲನಚಿತ್ರಕ್ಕೆ ಒಂದು ರೂಪ ನೀಡುವ ಹಂತ ಇದು.
ಎಡಿಟಿಂಗ್ ಸಾಫ್ಟ್‌ವೇರ್: Adobe Premiere Pro, DaVinci Resolve, Final Cut Pro ಅಥವಾ ಮೊಬೈಲ್ ಅಪ್ಲಿಕೇಶನ್‌ಗಳಂತಹ ಯಾವುದೇ ಎಡಿಟಿಂಗ್ ಸಾಫ್ಟ್‌ವೇರ್‌ ಬಳಸಿ.
ಸಂಗೀತ ಮತ್ತು ಸೌಂಡ್ ಎಫೆಕ್ಟ್ಸ: ಕಥೆಗೆ ಸೂಕ್ತವಾದ ಹಿನ್ನೆಲೆ ಸಂಗೀತ ಮತ್ತು ಸೌಂಡ್ ಎಫೆಕ್ಟ್‌ಗಳನ್ನು (SFX) ಸೇರಿಸಿ. ಆದರೆ ಕಾಪಿರೈಟ್ ಇಲ್ಲದ ಸಂಗೀತವನ್ನೇ ಬಳಸಿ.
ಬಣ್ಣ ತಿದ್ದುಪಡಿ (Color Correction): ಚಿತ್ರದ ನೋಟವನ್ನು ಇನ್ನಷ್ಟು ಸುಂದರವಾಗಿಸಲು ಬಣ್ಣಗಳ ಹೊಂದಾಣಿಕೆ ಮಾಡಿ.
ಅಂತಿಮ ಪರಿಶೀಲನೆ: ಚಲನಚಿತ್ರವನ್ನು ಒಮ್ಮೆ ಪೂರ್ತಿಯಾಗಿ ನೋಡಿ, ಎಲ್ಲವೂ ಸರಿಯಾಗಿದೆಯೇ ಎಂದು ಖಚಿತಪಡಿಸಿಕೊಳ್ಳಿ.
5. ಜಗತ್ತಿಗೆ ತೋರಿಸಿ:ನಿಮ್ಮ ಶ್ರಮದ ಫಲವನ್ನು ಪ್ರದರ್ಶಿಸುವ ಸಮಯ,ನಿಮ್ಮ ಚಲನಚಿತ್ರವನ್ನು YouTube, Vimeo ಅಥವಾ ಫಿಲ್ಮ್ ಫೆಸ್ಟಿವಲ್‌ಗಳಿಗೆ (Film Festivals) ಕಳುಹಿಸಿ.ಸೋಶಿಯಲ್ ಮೀಡಿಯಾದಲ್ಲಿ (Social Media) ನಿಮ್ಮ ಚಲನಚಿತ್ರದ ಬಗ್ಗೆ ಪ್ರಚಾರ ಮಾಡಿ.
ಚಿತ್ರರಂಗಕ್ಕೆ ಕಾಲಿಡಲು ಶಾರ್ಟ್ ಮೂವಿಗಳು ಒಂದು ಉತ್ತಮ ಆರಂಭ. ಚಿಕ್ಕದಾಗಿದ್ದರೂ, ನಿಮ್ಮ ಕಲ್ಪನೆ ಮತ್ತು ಕೌಶಲ್ಯವನ್ನು ಪ್ರದರ್ಶಿಸಲು ಇದು ಒಂದು ದೊಡ್ಡ ವೇದಿಕೆ. ತಡವೇಕೆ, ನಿಮ್ಮ ಕಥೆ ಹೇಳಲು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿ.

sandeepjoshi.840664

Goodnight friends

kattupayas.101947

रात जाये तो सवेरा देख लू
मेरे जनाब का चलकर बसेरा देख लू
आ जायेगा सुकु इस दिल को मेरे
उसका मुस्कुराता चेहरा देख लू .

mashaallhakhan600196

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भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!

rajukumarchaudhary502010

The Indian Superhero Universe just got bigger!

What is the crucial link between the mastermind hacker from my previous novel, "Meera: Died, But Not Love," and the core conflict of the "Barbarik: War Against Native American" saga? How did the hacker's past influence fundamentally change the events unfolding in this new war?

Unravel the mystery and witness the start of this epic series! Read "Barbarik: War Against Native American" soon, available for free on Amazon Kindle Unlimited!

Thank you,
Surya Bandaru. #indiansuperhero #superhero #SciFiAdventure #indian #america #actionadventure #romance #thriller #drama

surya1991

विश्व पर्यटन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🙏

हाइकु
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1) देश- विदेश
भ्रमण, बढ़े ज्ञान
मिटे अज्ञान।

2) सुंदर जग
पर्यटन दिखाए
मन हर्षाए।

3) विश्व कुटुंब
अलग भाषा , झुंड
प्रेम उन्मुक्त।

4)नभ विशाल
विश्व उसके हाल
फैलाए जाल।

5) भ्रमण, ख्याल
हर देश कमाल
प्यार है ढाल।

आभा दवे
27-9-2025
शनिवार

daveabha6

दोस्तों घमंड से नहीं गर्व से कह रहा हूँ,पूरी दुनिया Challenge स्वीकार करे और अगर दुनिया में किसी भी भाई और बहन ने इस तरह से पुस्तकें लिखी हों तो बतायें,या सामने आये.
दोस्तों,नमस्कार, हिंदुस्तानी होने के नाते आप बड़े ही गर्व से कह सकते हैं, कि एक हिंदुस्तानी ने वो काम किया हैं जो अभी तक पूरी दुनिया में नहीं हुआ हैं,19 पुस्तकें हाथ से लिखना और वो भी अलग-अलग तरीके से क्या आपने पहले सुना था कोई व्यक्ति सुई से,मेहंदी कोन से,कार्बन पेपर से, कील से,करेक्शन पेन से,वुडेन पेन से मैजिक शीट पर आदि से किताब लिख सकता हैं तो आप गर्व से कह सकते हैं एक भारतीय ने ये काम कर दिया हैं.

piyushgoel6666