Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

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New bites

कभी-कभी मन चीखकर कहना चाहता है,
उन सबसे जो मुझे इस हालत तक ले आए,
जिन्होंने मुझे समझना ज़रूरी न समझा,
मेरी भावनाओं को कभी क़ीमत न दी।
क्या मेरा दर्द किसी को नहीं दिखा?
क्या मेरा दिल पत्थर है?
क्या मुझे फ़र्क महसूस नहीं होना चाहिए?
आख़िर मैं भी इंसान ही तो हूँ।
कब तक मैं रोती रहूँ,
कब तक खुद को जलाती रहूँ,
और दबे मन से ये सोचती रहूँ —
क्यों भगवान ने मुझे ये सज़ा दी?
कौन सी गलती थी मेरी?
मैंने सबकी परवाह की,
पर किसी ने मेरी नहीं की,
अपनो ने भी नहीं…
अब दिल तक सा गया है,
लोगों से बात करने का मन नहीं होता,
बस खामोशी में बैठी सोचती हूँ।
कभी-कभी लगता है,
अगर मैं सबके सामने फूट पड़ूँ,
तो शायद मेरे सालों का ग़ुस्सा,
मेरी सालों की ख़ामोशी,
एक तूफ़ान बनकर निकल पड़े। #shayari #myquotes #thoughts ##DeepThoughts

muskanbohra.650058

मौहब्बत का मौहब्बत से इजहार करने दो
थोड़ा प्यार तुम्हे हमसे थोड़ा हमे करने दो
बहुत पलट लिये हमने किताबो के पन्ने
चलो अब अपनी मौहब्बत का अखबार पढ़ने दो .

mashaallhakhan600196

Do You Know that wealth is obstructed by the practice of deceit?

Read more on: https://dbf.adalaj.org/8QCSIrxV

#wealth #doyouknow #facts #Spirituality #DadaBhagwanFoundation

dadabhagwan1150

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है! ज्ञान

mamtatrivedi444291

यदि किसी लड़के या लड़की ने विवाह से पूर्व किसी अन्य व्यक्ति के साथ प्रेम संबंध निभाया है, तो अक्सर उनके भावनात्मक अनुभव और मानसिक लगाव उस पुराने रिश्ते की छाया लिए रहते हैं। ऐसे व्यक्ति पूरी तरह से अपने होने वाले पति या पत्नी के प्रति समर्पित होने में असमर्थ हो सकते हैं, क्योंकि दिल का एक हिस्सा अभी भी पिछले प्रेम में बँधा होता है।

हालांकि, विवाह एक नई जिम्मेदारी और नया जीवन है, लेकिन पुराने प्रेम के अनुभव और आदतें अक्सर नए रिश्ते में भी प्रभावित करती हैं। यही कारण है कि विवाह से पूर्व प्रेम में रहे लोग अक्सर भावनात्मक रूप से पूरी तरह समर्पित नहीं हो पाते।

साथ ही, यह सोच आजकल समाज में भी देखने को मिलती है

archanalekhikha

🙏सुप्रभात 🙏

sonishakya18273gmail.com308865

I'll rise again

shekharsardar459344

आजकल कॉलेज में क्लास से ज़्यादा क्लासमेट्स के रिश्ते चलते हैं।
पहले एग्ज़ाम की टेंशन होती थी,
अब लड़के-लड़कियाँ पेपर से ज़्यादा एक-दूसरे की शकलें निहारते हैं!


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एक दिन का किस्सा सुनो...
एग्ज़ाम हॉल में एक लड़का बैठा था,
बगल वाली लड़की तीन दिन से उस पर “प्रेम की नकल” उतरवा रही थी।
लड़के को लग रहा था –
“यार, अब तो पक्की मेरी लाइफ सेट है…
पेपर भी पास, प्यार भी पास।” 😎


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लेकिन फाइनल पेपर वाले दिन,
लड़की गायब!
कुर्सी खाली...
लड़का बोला –
“हे भगवान, ये तो सीधा हार्ट अटैक वाला पेपर है।”

तभी दोस्त आया और बोला –
“अरे भाई, तेरी वाली तो नहीं आई...
मतलब एग्ज़ाम छोड़कर, तुझे भी छोड़ गई!” 😂


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लड़के ने रोनी सूरत बनाई –
“अब कभी नहीं मिलेगी क्या?”

दोस्त बोला –
“अरे पगले… ये कॉलेज है, कोई कुम्भ का मेला थोड़ी है!
एक गई तो दूसरी आ जाएगी।
ये लड़कियाँ चाँद हैं...
और भाई तू खगोलशास्त्री!
एक चाँद डूबेगा, तो दूसरा टेलिस्कोप में दिख ही जाएगा!” 🌙🤣


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तो दोस्तों...
नतीजा ये है –
लड़कियों, इतना मत इतराओ।
ये लड़के तुम्हारे गायब होने का नहीं,
बस अगली आने का इंतज़ार करते हैं। 🤭😂


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archanalekhikha

*"मोहब्बत के जज़्बात लफ़्ज़ों से नहीं बयां होते,
ये तो वो हसीन एहसास हैं, जो बस महसूस होते हैं।
न ज़रूरत है इज़हार की, न किसी सबूत की तलाश,
जिस दिल में सच्ची चाहत हो, वहां खामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है।"**

— Naina Khan

nainakhan1201

रहे तेरी दुआ मुझ पर - चोथा हिस्सा
ये इस कहानी का चोथा हिस्सा (भाग ) है
तो प्लीज जाये कहानी पढ़े और रिवीयू दे
https://www.matrubharti.com/book/19982358/rahe-teri-dua-mujh-per-chotha-hissa

mashaallhakhan600196

दो महात्माओं के चरणों में कोटि प्रणाम। 🌹🙏🌹

drbhattdamayntih1903

विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएं ।🌹🌹🙏🌹🌹

drbhattdamayntih1903

બુદ્ધિપ્રકાશ સામયિકમાં પ્રકાશિત થયેલ મારો લેખ...

કોલોસસ ઑફ રોડ્સ: પ્રાચીન વિશ્વની અજાયબી | Colossus of Rhodes

પ્રાચીન વિશ્વની એક એવી અજાયબી જેની પ્રેરણાથી સ્ટેચ્યુ ઑફ લિબર્ટી બનાવવામાં આવેલ છે. જેના સંપૂર્ણ અસ્તિત્વ કરતા એના વિખરાયેલા અવશેષો વિશે ઘણું  લખાયેલ છે અને આજે પણ એ ઇતિહાસકારો માટે રહસ્યમય તેમજ સંશોધનનો વિષય રહ્યો છે.

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https://vishakhainfo.wordpress.com/2025/10/02/colossus-of-rhodes/


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mothiyavgmail.com3309

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💖 कै़द-ए-इश्क
💔 ये इश्क बड़ा बेदर्दी है
🔥 My Five Cruel Dangerous Hubbies
📜 Force Marriage Contract
👑 Badass Cruel’s Hubby
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horrorstorieshindi945782

हैं प्रेमिका पति की ये जानते हुए भी साथ खड़ी हैं,
मान लिया उसने की लिखने वाले ने उसकी तकदीर ऐसी ही लिखी ।
वह चली गई तो कौन संभाले गा बच्चों को...
सच्चा करके प्रेम वह अकेली लाचार मजबूर खड़ी हैं।

Bitu....

bita

मौन का कारण घमंड नहीं होता

मौन की भी एक भाषा होती है,
हर चुप्पी में हजारों आवाज़ें सोती हैं।
जो नहीं कहते, वो भी बहुत कहते हैं,
बस उनकी धड़कनों को सुनना आना चाहिए।

मौन, तूफ़ान से पहले की शांति है,
यह किसी का अहंकार नहीं,
बल्कि आत्मा की गहराई का प्रमाण है।
जहाँ शब्द छोटे पड़ जाएँ,
वहाँ मौन अपना विस्तार पाता है।

कभी यह घावों की दवा होता है,
कभी यह विचारों की तपस्या।
यह दूरी नहीं, समझ का इम्तिहान है,
यह ठुकराना नहीं, अपनाने का विधान है।

मौन का कारण घमंड नहीं होता,
यह विनम्रता का सबसे पवित्र रूप है।
जिसे समझने की दृष्टि मिल जाए,
वही मौन में छिपी अमृत ध्वनि सुन पाए।

आर्यमौलिक

deepakbundela7179

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं

mamtatrivedi444291

একটি শিরোনামহীন কবিতা....

তিনি পারতেন…
হাসিমুখে মঞ্চে বক্তৃতা দিতে,
রাজনীতির খেলায় ঘুঁটি সাজিয়ে রাখতে,
গান্ধীজীর ইশারায় চলে
প্রধানমন্ত্রীর কুর্সি দখল করতে।

তাঁর হাতে ছিল সম্মান, প্রভাব,
ছিল নিজের জীবন গড়ে তোলার অবাধ সুযোগ।
কিন্তু তিনি বেছে নিলেন আগুনের পথ—
যেখানে নেই আলোকিত কোনো করিডোর,
যেখানে প্রতিটি পদক্ষেপে লুকিয়ে থাকে মৃত্যু,
যেখানে প্রতিটি নিশ্বাসে
শুধুই দেশমাতৃকার আহ্বান।

তিনি জানতেন—
এই পথ মানে নিজের অস্তিত্ব বিসর্জন,
এই পথ মানে চিরকালের আড়াল।
তবু তিনি গেলেন।
কেউ তাঁকে ঠেলে দেয়নি,
তিনি নিজেই ঝাঁপিয়ে পড়েছিলেন সেই অন্ধকারে।

আজ আমরা সেই স্বাধীন দেশের মানুষ,
তাঁর ত্যাগের ফসল খেয়ে
নিজেদের ছোট্ট স্বার্থের জন্য
পদে পদে অপমান করছি তাঁকে।
ক্ষমতার লোভে ভুলে যাচ্ছি
যে মানুষ বেঁচে থেকেও মৃত্যুকে বেছে নিয়েছিলেন
শুধুমাত্র আমাদের জন্য।

তাহলে প্রশ্ন জাগে—
নেতাজীর এত আত্মত্যাগ কি এই দেশের জন্য ?
যেখানে মাটির চেয়ে টাকা বড়,
যেখানে নীতির চেয়ে স্বার্থ বড়,
যেখানে ইতিহাসের নায়ককে
কেবল ফটো আর মূর্তির মধ্যে বন্দি করা হয় ?

নেতাজী যদি আজ ফিরে তাকান,
হয়তো তাঁর বুক ফেটে উঠবে কান্নায়।
হয়তো আবারও বলবেন—
“আমি দেশকে মুক্ত করেছিলাম
শুধু শাসকের হাত থেকেই নয়,
মানুষের ভেতরের দাসত্ব থেকেও।
কিন্তু তোমরা কি মুক্ত হয়েছ ?
তোমরা কি সত্যিই আমার আত্মত্যাগের যোগ্য" ?

"যদি তোমরা আমাকে সত্যিই ভালোবাসো,
তাহলে মূর্তিতে ফুল দিও না,
বক্তৃতায় করতালি দিও না।
আমার রক্তের ঋণ শোধ করো
দেশের প্রতি সত্যিকারের সততা দিয়ে"।

"স্বাধীনতা মানে শুধু পতাকা ওড়ানো নয়,
স্বাধীনতা মানে দুর্নীতি ভাঙ্গা,
অন্যায়ের বিরুদ্ধে দাঁড়ানো,
নিজেকে দেশের জন্য বিলিয়ে দেওয়া"।

"বল তো, আজ তোমরা কি প্রস্তুত ?
তোমরা কি আমার আত্মত্যাগের যোগ্য ?
তাহলে এগিয়ে আসো—
কারণ আমি নেই, তবুও আমি আছি,
তোমাদের বুকের ভেতর আগুন হয়ে,
তোমাদের রক্তের মধ্যে প্রতিজ্ঞা হয়ে"।

krishnadebnath709104

આ પ્રેમનું શું નામ આપું? અને આ નફરતનું શું નામ આપું?
દગાબાજી વગર શબ્દો વગર સંબંધો તૂટે ત્યારે એ સબંધનું શું નામ આપું?
- વાત્સલ્ય

savdanjimakwana3600

दुनिया कहती है कि साधन, सुविधा, पद, नाम ही जीवन हैं।
पर असल में वही चीजें भीतर की आग को और भड़काती हैं।

स्त्री को देखकर पुरुष खुश हो सकता है,
पर वही स्त्री शायद उस नज़र में बोझ महसूस करे।
यानी सुख का समीकरण कभी बराबर नहीं बैठता।

जितनी भी ज़रूरतें बढ़ती जाती हैं,
वे दीवारें बन जाती हैं —
तुम्हें बाहर से चमकती लगती हैं,
भीतर वे तुम्हें कैद कर रही होती हैं।

जीवन की असली कला तो साधारण में असाधारण देख पाने में है।
सादगी में वह गहराई है,
जहां जड़ का सुख भी है और आत्मा का आनंद भी।
वहीं संतुलन है।

त्याग को उपाय मानो तो वह भी नया नर्क बन जाता है।
साधन-सुविधा को उपाय मानो तो वही और बड़ा नर्क है।
बाहरी सुख स्वर्ग जैसा लगता है,
पर भीतर उसका उल्टा है।

अगर वास्तव में सुख वहीं होता,
तो आत्मा, परमात्मा, ईश्वर की कोई खोज
मनुष्य के भीतर कभी न उठती।

––

bhutaji

🙏🙏સાંજે મેદાનમાં ટોળું ભેગું થયું હતું, જોરશોરથી રાવણને બાળવા માટે!

બસ મુખ્ય મહેમાન તરીકે નેતાજીની રાહ જોવાતી હતી.
જે રાવણનું દહન કરવાનાં હતાં.

નેતાજી આવ્યા સ્ટેજ પર ચડ્યા ત્યાં જ ટોળામાંથી બે મહિલાઓ પરસ્પર વાત કરવા લાગી.

અરે આની પર તો બે બે બળાત્કાર અને મારઝૂડ નાં કેસ ચાલે છે.

.નેતાજીએ હાથમાં ધનુષ્ય લઈને સળગતું તીર રાવણના પુતળા તરફ માર્યું.

બસ બધા પુતળા નો રાવણ સળગી ગયો તેની ખુશી મનાવવા લાગ્યા, પુતળાનો રાવણ હો,,,!! અલવિદા.🦚🦚

parmarmayur6557

बुराई के अंत के नाम पर,
लोगो ने सिर्फ पुतला ही जलाया,,,
हर तरफ सिर्फ जले ही जले पुतले,
कोई अपने भीतर का रावण न जला पाया,,,

ऐसा ही दशहरा,
हर साल आया,,,
पुतला जलाकर,
दो पल की खुशियां ही मनाया,,,

ना जाने कब वो दिन आएगा,,,
जब लोग समाज पुतले से पहले,
अपने आत्मा में छिपे रावण को जलाएगा,,,


🙏🚩 दशहरा की हार्दिक शुभ कामनाएं 🚩🙏
लेखक: नीलम साहू (काजू)

kajalsahu231963

On this Gandhi Jayanti, we salute Mahatma Gandhi’s vision of truth and clarity. At Netram Eye Centre, we are committed to bringing that same clarity to every eye we serve. Wishing you peace and harmony today.

netrameyecentre

आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏

आज के दिन शमी के पत्तों और नीलकंठ का बहुत महत्व है। आज के दिन नीलकंठ देखना शुभ माना जाता है। जो सुख समृद्धि का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है जब श्रीराम रावण का वध करने जा रहे थे तो उसी दौरान उन्हें नीलकंठ के दर्शन हुए थे । यही वजह है कि नीलकंठ का दिखना शुभ माना गया है। आज के दिन अस्त्र -शस्त्र, वाहन, सरस्वती जी की पूजा की जाती है । दशहरे के बाद से ही दीवाली की तैयारी शुरू हो जाती है। बुराई की हार और अच्छाई की जीत का त्योहार जीवन को एक सीख देता है। सभी का जीवन सुख समृद्धि शांति से भरा रहे यही शुभकामनाएं हैं 🙏🙏

अभिनय
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मंच पर आज रामलीला का आखरी दिन था
राम को रावण करना था वध
राम और रावण दोनों आज बहुत खुश थे
राम के मुख पर मधुर हास्य था
रावण कर रहा अट्टहास था
पर दोनों को ये ज्ञात था
आज रावण मरेगा और राम विजयी होगे
राम बना पात्र बड़ा गर्व महसूस कर रहा था
आख़िर उसने अपना अभिनय द्वारा
राम बनने का सपना पूरा कर लिया
अब वो कहलायेगा हमेशा राम
उधर रावण बना पात्र मन ही मन
मुस्कुरा कर सोच रहा था
मैं ना होता तो राम आज किसका
करते वध
अब तो हरदम ही मैं रावण का किरदार निभाऊँगा
लोगों की नज़रों में रावण कहलाऊँगा
अभिनय द्वारा मैं भी अपना नाम कमाऊँगा
तभी दर्शकों ने जोर से चिल्लाया रावण को मारो
राम ने धनुष पर तीर चढ़ाया रावण को मार गिराया
परदा गिरा राम रावण दोनों गले मिले
उनका अभिनय रंग लाया
आज दोनों भाईयों को तकदीर ने एक को
राम तो एक को रावण बनाया ।

आभा दवे
मुंबई

daveabha6