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प्रेम ही अशी गोष्ट आहे की ती शाळेत शिकवली गेली असती तर बहुतेक मुलं दहावीला फेलच झाली असती. कारण गणितात दोन आणि दोन चार होतात, पण प्रेमात दोन आणि दोन दोनच राहतात—त्यात तिसऱ्याला जागा नसते. प्रेमातला पहिला टप्पा म्हणजे नजरानजर, आणि दुसरा टप्पा म्हणजे मोबाईलवर "ऑनलाईन" दिसल्यावर हृदयाचा ठोका वाढणे. बाकीचं सगळं जग झोपलेलं असतं, पण प्रेमातले दोन जीव मात्र रात्रीच्या दोन वाजता पण "गुड नाईट" म्हणायचं विसरत नाहीत. प्रेम म्हणजे शब्दांनी समजावण्यापेक्षा समोरच्या माणसाच्या शांततेतून ऐकायची कला. जगातल्या सगळ्या तत्त्वज्ञानांपेक्षा एक साधं "काय ग?" जास्त खोल असतं. आणि शेवटी काय, प्रेम असलं की रोजचं जगणं सुद्धा जरा "गोड" लागतं—जसं वडापावसोबतची गोड चटणी!

by Fazal Abubakkar Esaf

fazalesaf2973

हम सभी ने अपनी ज़िन्दगी के किसी ना किसी पड़ाव पर खुद को उदास और हताश महसूस किया होगा। ऐसी परिस्थितियों में हम खुद को मन ही मन डिप्रेशन का शिकार मान लेते हैं। लेकिन क्या आप सच में depressed हैं या फिर डिप्रेशन आपका माना हुआ है?

Watch here: https://youtu.be/l5mw8XvvUH8

#selfimprovement #lifelessons #selfhelp #Trending #dadabhagwanfoundation

dadabhagwan1150

" યાદ તમારી "

આવે છે અનહદ જ્યારે યાદ તમારી.
છલકાઈ જાય છે ત્યારે આંખ અમારી.

હજુ પણ જોઈ રહ્યો છું હું વાટ તમારી.
લાગતું નથી છે કંઈ કદર ખાસ અમારી.

છોડીને સાથ ભલેને સંવારી કાલ તમારી.
જુઓ થઈ ગઈ વેરવિખેર આજ અમારી.

અમારા હૃદયને છે હજુએ આશ તમારી,
ને, તમે માંગો છો જોવાને લાશ અમારી?

પણ જો મળે અંતિમ પડાવે કાંધ તમારી,
તો, "વ્યોમ" હસતાં નીકળે સાંસ અમારી.


✍... વિનોદ. મો. સોલંકી "વ્યોમ"
જેટકો (જીઈબી), મુ. રાપર.

omjay818

जय श्री कृष्ण 🙏

deepakbundela7179

happy onam

niyaskn

मूर्ति, शास्त्र और पूजा की सीमा ✧

शास्त्र की पूजा करो, मूर्ति की पूजा करो – पर क्या शास्त्र बोल उठते हैं?
क्या मूर्ति तुम्हारा दुख हर लेती है?

मुझे कोई बाहर का भगवान, देवी-देवता दिखाई नहीं देता।
हाँ, एक तरंग है – उच्च कोटि की ऊर्जा।
जैसे विज्ञान की तरंगें (waves) यंत्र से यंत्र तक पहुँचती हैं,
वैसे ही ये दिव्य तरंगें भी पहुँचती हैं।
परंतु उन्हें पकड़ने के लिए पात्रता चाहिए।

सिर्फ़ साधना, पूजा या विधि-विधान नहीं;
पात्रता बनती है — तुम्हारे कर्म से,
तुम्हारे जीवन की शुद्धता से,
तुम्हारी समता और संतुलन से।

जब कर्म श्रेष्ठ होते हैं, विचार उच्च होते हैं,
तो तुम स्वयं यंत्र बन जाते हो —
और तभी राम, कृष्ण, बुद्ध, शिव की तरंगें
तुम्हें छूने लगती हैं।
केवल मूर्ति की पूजा से कुछ नहीं होगा।

मूर्ति की सेवा करना ऐसे ही है जैसे
कीमती रत्न को सोने-चाँदी में रखकर सुरक्षित करना।
लेकिन असली रत्न तो तब है जब
वो दिव्यता तुम्हारे हृदय में जन्म ले।
मूर्ति तब तक सहारा है —
जैसे गर्भ में पलता बच्चा।
पर जब बच्चा जन्म ले लेता है,
तो गर्भ की अवस्था छोड़ दी जाती है।

इसी तरह, मूर्ति और पूजा ठीक है
जब तक भीतर भगवान का बीज गर्भित नहीं हुआ है।
पर अगर जीवनभर केवल मूर्ति के गर्भ में पड़े रहे,
तो वह धर्म नहीं — एक पाखंड है।

धर्म वही है जहाँ भीतर जन्म होता है,
जहाँ पूजा बाहर से भीतर की ओर मुड़ती है।
संभोग तभी सार्थक है जब उससे जन्म हो।
पूजा तभी सार्थक है जब उससे भीतर भगवान जन्मे।

मूर्ति, शास्त्र, मंदिर – ये सब साधन हैं,
सत्य नहीं।
सत्य तो वही है जब तुम
भीतर की तरंगों को पकड़ लो,
और प्रकृति से प्रेम में जी उठो।

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bhutaji

"अर्ज़ किया है..."

तेरी आँखों की हँसी में क्या करिश्मा छुपा है,
हर निगाह देखकर दिल ये दीवाना हुआ है।

जो भी माँगो तू, पल में वो अता कर देता है,
फिर भी दिल ये तुझी के पास रहना चाहता है।

तेरे होंठों की मुस्कान जादू सा असर करती है,
हर धड़कन तेरा नाम बड़ी शिद्दत से पढ़ती है।

तेरी बातों से सजी महफ़िल भी रौशन हो जाती है,
तू जो पास हो तो दुनिया भी जन्नत सी लग जाती है। 💕

kajalthakur

When Holding Turns to Hurting 🌸



Every relation is like a rubber band…

Hold it for a while, it’s gentle.

Stretch it too long, it hurts both sides.

Sometimes letting go is the only way,

before pain replaces the bond.

nensivithalani.210365

✨🏡 New Story Alert! 🏡✨



My heartfelt story “अपना आशियाँ (Your Shelters)” is now published on Matrubharti! 🌸



It’s not just about four walls, but about dreams, love, and the true meaning of home — where hearts find peace and bonds grow stronger. 💖



👉 Read here: https://www.matrubharti.com/book/19981017/your-shelters



Thank you for always giving love and strength to my words ✨



– Nensi Vithalani 🌿

nensivithalani.210365

जनाब मुबारक हो आपको आपका जन्मदिन ,
दुआ हैं लंबी हो आपकी उम्र ।
हासिल हो आपको वो मुकाम,
जहां दुनिया करे आपको सलाम ।

bita

शिक्षक दिन की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🙏🌹

drbhattdamayntih1903

तुम दुनिया को ही देखती रही।

ज़िंदगी तेरे नाम की धुन बन गई,
तेरे लिए साँसों की कोई जुनून बन गई,
मैं पुकारता रहा, नज़रों से बाँधता रहा,
और तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

मेरी धड़कनों ने तेरा गीत गुनगुनाया,
हर लफ़्ज़ ने तेरा चेहरा सजाया,
मैंने तेरी चुप्पियों को भी समझा,
तेरी ख़ामोशी में खुद को पाया।
प्रीत मेरी प्यासी थी, आँखें बरस आईं,
तेरे करीब आकर भी दूरियाँ रह गईं,
और तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

मैं धरा हूँ, तेरा आँचल हूँ,
तेरे बिखरे सपनों का संबल हूँ,
तू क्यों तारों में तलाश करती है रोशनी?
तेरी दुनिया तो यहीं, मेरी आँखों में है बसी।
मैंने पर्वत तोड़ दिए तेरे लिए,
समंदर बाँट दिए तेरे लिए,
और तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

प्रेम की अग्नि से जीवन सँवार दूँ,
तेरे होंठों से हर ग़म उतार दूँ,
तेरे हाथ थामकर नए गीत लिखूं,
तेरे सपनों में ख़ुशबू बुन दूँ।
पर तुम आदर्शों की परछाइयों में खोई,
मेरे प्यार को न देख पाई, न रोई,
और तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

मैं चाँद नहीं, कोई सितारा नहीं,
तेरी धरती हूँ, तेरा सहारा हूँ।
तेरे बिना मेरा होना अधूरा है,
तेरी ख़ामोशी में ही मेरा सवेरा है।
ज़िंदगी तुझसे ही रंगों में ढली,
तेरे बिना हर साँस खाली रही,
और तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

आओ, बीते कल की छाया मिटाएँ,
आज के प्रेम को गीत बनाएँ,
तारे भी हमारी धड़कनों संग गाएँ,
चाँदनी में सपनों का दीप जलाएँ।
ज़िंदगी अरमान बनके मुस्कुराई,
मेरी बाहों में नई पहचान समाई,
फिर भी तुम.. दुनिया को ही देखती रही।

akshaytiwari128491

happy teachers day

hardik89

मुसाफिर हूं और मै लोट जाऊंगा
डरा बैठा हूं मै अब टूट जाऊंगा
लोटा दो मेरे वो सभी रास्ते
वरना मै सब छोड़ जाऊंगा
फिर मुस्किल होगा दिदार मेरा
कभी किसी दिन ऐसी चादर औड़ जाऊंगा

mashaallhakhan600196

Good night friends

kattupayas.101947

देवरानी–जेठानी का रिश्ता क्यों बिगड़ता है?
अक्सर घरों में देखा जाता है कि बड़ी बहू को ज़्यादा जिम्मेदारियाँ देकर परेशान किया जाता है,
या फिर उसकी तुलना छोटी बहू से की जाती है —
और कभी छोटी बहू की तुलना बड़ी से।

ऐसे में दोनों के बीच अनजाने में ही ईर्ष्या और मनमुटाव पैदा हो जाता है।
फिर किसी एक की तारीफ़ करना और दूसरी को नीचा दिखाना,
रिश्तों में खटास और बढ़ा देता है।

अगर सच में आप चाहते हैं कि देवरानी–जेठानी में प्यार बना रहे
और पूरा परिवार मिल-जुलकर रहे,
तो दोनों (या जितनी भी बहुएँ हों) को बराबर सम्मान दीजिए।
छोटी-मोटी कमियाँ हर इंसान में होती हैं,
उन्हें नज़रअंदाज़ करना सीखिए।

परिवार तब ही सुंदर बनता है जब सबको
एक विचार, एक सम्मान और एक जैसा प्यार मिले।

archanalekhikha

ઓનમ: કેરળનો ખુશીઓનો તહેવાર

ઓનમ કેરળનો સૌથી મોટો તહેવાર છે, જે પ્રેમ, ખુશી અને સમૃદ્ધિ માટે જાણીતા રાજા મહાબલીની યાદમાં ઉજવવામાં આવે છે. કહેવામાં આવે છે કે મહાબલી એક એવો રાજા હતો જે તેના લોકોને સંપૂર્ણ સુખ અને સમૃદ્ધિ આપેતો હતો. ભગવાન વિશ્નુએ વામન અવતારમાં આવીને મહાબલીને તેમની વફાદારી અને દયાભાવ માટે પુરસ્કાર આપ્યો અને એ સુનિશ્ચિત કર્યું કે મહાબલી સંવત્સર દરમિયાન એકવાર પોતાના લોકો પાસે પાછો આવી શકે. આ જ ઓનમનો અર્થ છે – લોકો માટે આનંદ અને ઉત્સવ લાવવો.

ઓનમ દરમિયાન લોકો ઘરના દરવાજા આગળ રંગબેરંગી ફૂલોથી પોકલામ બનાવે છે, જે ભવિષ્યમાં ખુશીઓ અને સમૃદ્ધિ લાવે તેવી માને છે. દરેક ઘરમાં ઓનસદ્ય તૈયાર થાય છે, જે એક વિશાળ શાકાહારી ભોજન હોય છે અને તેમાં અનેક પ્રકારની પરંપરાગત વાનગીઓ શામેલ હોય છે. નદીઓમાં વલ્લમ કાળી, લાંબી નાવડીઓની રેસ, જોઈને લોકો ઉત્સાહ અનુભવે છે. આ સાથે પરંપરાગત નૃત્ય, પુલિકળી, કથાકાલી જેવા કાર્યક્રમો પણ મનપસંદ રમઝટ અને સંસ્કૃતિ બતાવે છે.

ઓનમ એ માત્ર તહેવાર નથી; તે એકતા, પ્રેમ અને સમાજ માટે કૃષ્ણભર્યું સંદેશ છે. દરેકને મળવા-જમવા, ભોજન વહેંચવા અને સાથે આનંદ મનાવવા માટે પ્રેરણા આપે છે. લોકો નવા વસ્ત્રો પહેરીને, પોકલામ અને ઉત્સાહથી ઘરોને ઉજવણીમાં રૂપાંતરિત કરે છે. આ તહેવાર દર્શાવે છે કે સમૃદ્ધિ અને ખુશીનો ઉત્સવ પ્રતિબિંબિત થવા માટે દરેક દિલમાં રહેવું જોઈએ.

“ઓનમની શુભકામનાઓ! તમારું જીવન ખુશી, પ્રેમ અને સમૃદ્ધિથી ભરેલું રહે.” 🌸🪔

lnnerealm

मैं चुलबुली सी लड़की,
तुम शांत समझदार प्रिये,
मैं हंसी की खनक हूँ,
तुम सुकून की पुकार प्रिये।

मैं तितली बन उड़ती फिरूँ,
तुम ठंडी छाँव का पेड़ हो,
मैं बेताबियों की लहर हूँ,
तुम ठहरे सागर का भेद हो।

दो धड़कनों की अलग ज़ुबान,
पर सुर वही एक सा,
मैं अधूरी तुम बिन,
तुम बिन मैं क्या, प्रिये?

akankshasrivastava3617

सेक्स, दुःख और प्रेम: आनंद की वास्तविकता ✦

अध्याय

1. सेक्स का असली अर्थ – दुःख का निर्वहन
(सेक्स क्यों केवल जमा हुए दुःख को छोड़ना है, और इसे आनंद क्यों समझ लिया गया है)

2. आनंदित व्यक्ति और ब्रह्मचर्य – क्यों भीतर आनंद हो तो सेक्स की आवश्यकता घटती है
(ब्रह्मचर्य का नया अर्थ: स्त्री से दूरी नहीं, बल्कि भीतर दुःख न जमा करना)

3. सेक्स और बलात्कार का अनुभव – जब चयन भी हिंसा लगता है
(सुखी व्यक्ति के लिए सेक्स क्यों बलात्कार-सा लगता है)

4. सेक्स बनाम प्रेम – दुःख छोड़ना और प्रेम बाँटना
(सेक्स है निर्वहन, प्रेम है दान — दोनों का गहरा भेद)

5. पुरुष और स्त्री का अंतर – संग्रह बनाम त्याग
(पुरुष जमा करता है, स्त्री छोड़ देती है — इसलिए दोनों की प्रकृति अलग है)

6. स्त्री की पवित्रता – दुःख न टिकने का रहस्य
(स्त्री क्यों भीतर से पवित्र है और क्यों उसे पूजा से दूर रखा गया)

7. माहवारी और प्रकृति की व्यवस्था
(स्त्री का स्वभाविक शुद्धिकरण — प्रकृति द्वारा दिया गया संतुलन)

8. सच्चा प्रेम क्या है – आनंद का प्रसाद
(सुखी व्यक्ति ही प्रेम दे सकता है, और वही असली कृपा है)

9. धर्म और पाखंड – गुरु और प्रवचन का व्यापार
(प्रवचन के नाम पर दुःख का निर्वहन और धार्मिक व्यापार)

10. सच्चा गुरु और फूल की सुगंध
(आनंदित गुरु का कोई चुनाव नहीं होता, वह फूल जैसा बस सुगंध देता है)

❓ क्या स्त्री से दूरी बनाने से शांति आती है?
❓ या ब्रह्मचर्य कुछ और है?
❓ लोग क्यों सेक्स को आनंद समझ बैठे हैं?
❓ क्यों प्रेम का असली स्वाद खो गया है?

✦ अध्याय 1 ✦

सेक्स का असली अर्थ – दुःख का निर्वहन

मुझे ऐसा लगता है कि सेक्स को लोग आनंद समझ बैठे हैं।
लेकिन सच यह है कि सेक्स आनंद नहीं है,
सेक्स केवल भीतर जमा हुए दुःख का निर्वहन है।

पुरुष पूरा दिन अपने भीतर दुखों को इकट्ठा करता है।
तनाव, दबाव, असंतोष, क्रोध —
सब भीतर-भीतर जमा होता जाता है।
और जब यह सहन नहीं होता तो बाहर निकलने का मार्ग खोजता है।
वही मार्ग सेक्स है।

जब पुरुष सेक्स करता है,
तो उसे लगता है कि उसे आनंद मिला।
लेकिन वह असली आनंद नहीं होता,
वह केवल बोझ उतरने की हल्की-सी राहत होती है।

जैसे मल त्याग में हल्कापन मिलता है,
जैसे मूत्र त्याग में सुख का अनुभव होता है —
वैसा ही सेक्स का आनंद है।
क्षणिक है, सतही है,
सिर्फ़ दुःख छोड़ने का भ्रमित सुख है।

शेष 9 अध्याय विस्तृत आगामी बुक्स में

https://www.facebook.com/share/1727aKC3xu/

bhutaji

શિક્ષણનુ વ્યાપારિકરણ બંધ કરી વિદ્યાર્થીઓને જીવનના સાચા મૂલ્યો, ઉદ્દશો, સંસ્કાર અને સમાજના ઉત્થાનના પાઠ ભણાવનાની નૈતિક શિક્ષણ પધ્ધતિ વિકસાવવાની હાલમા સમયમા જરૂર છે.
બાકી પુસ્તકિયુ જ્ઞાન માત્ર વિદ્યાર્થીની કસોટીના પરિણામના આંકડા બતાવશે. નૈતિકતા નહી.
આજે ધણી બધી શૈક્ષણિક સંસ્થાઓમા શિક્ષણ જ નહી, બાળકોની સલામતી પણ કથળતી જાય છે. જે નિંદનીય અને શરમજનક બાબત છે.
બાળકોને સલામત શિક્ષણ આપવુ એ દરેકની ફરજ છે.
📚 💐HAPPY TEACHERS DAY💐 📚

jighnasasolanki210025

On this special day, Netram Eye Foundation is proud to celebrate Teacher's Day 👩‍🏫❤️ by launching the Netram Empower course. This initiative aims to train the next generation of vision technicians, inspiring a brighter future for all.

#NetramEyeFoundation #HappyTeachersDay #VisionCare #EyeHealth #SkillDevelopment

netrameyecentre

હાં મને ગર્વ છે કે હું એક શિક્ષક છું...
મને ગર્વ છે મારા શિક્ષક થવા ઉપર

thank you so much કે જેઓ એ મારા પ્રણેતા છે મારા ગુરુ મારા શિક્ષકો ને...happy teachers day ...

teacher એ માત્ર એક નામ કે ડિગ્રી નથી એ તો જીવન માટે નો રસ્તો છે....

muskan1810