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New bites

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹 आपका दिन मंगलमय हो 🌹

sonishakya18273gmail.com308865

A quiet breath before the light,
The sky still wearing shades of night.
Then gently, like a hopeful sigh,
A golden thread unseals the sky.

It climbs the edge of silent dreams,
Turns fading stars to silver streams.
The earth awakens, soft and slow,
As morning paints its tender glow.

Each ray a promise breaking through,
A whispered start, a world made new.
And in that hush, I find my place—
Sunrise warming empty space.
Dr Anamika

rsinha9090gmailcom

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
सिफ एक शख्स की शिकायत से
  हम अपना मिजाज़ क्यूँ बदलें,

पूरा ज़माना साथ है, तो हम खुद
       से नाराज़ क्यूँ निकलें,

तू भी समझ, कि ये दुनिय का
               है दस्तूर,

जिनकी सोच है छोटी उनमें बड़ी
       बातें क्यूँ ढूँढें…😊🥰

#_Za ‌‌khmi..❤️‍🔥
╭─❀💔༻ 
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
 #LoVeAaShiQ_SinGh
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loveguruaashiq.661810

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
मैंने चाहा था के इस दर्द से
         रिहाई मिले...🥀

कमबख़्त इस चाहत ने और
     ज़ख़्मी कर दिया...🔥

#_Za ‌‌khmi..❤️‍🔥
╭─❀💔༻ 
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
 #LoVeAaShiQ_SinGh
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loveguruaashiq.661810

डी १२ महाअभियान आउँदैछ! यो ठूलो कुरा हेर्नुहोस्!
उत्पादन नाम: Ladies Stretchable Light Jacket Windcheater For Women - Fashion | Single Layer | Women's Wear | Multi color
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rajukumarchaudhary502010

⭐ कहानी: “इंटरनेट किसने बनाया?” (बहुत आसान और प्रेरणादायक कहानी)

एक समय की बात है…
नेपाल के एक छोटे से गाँव में आरव नाम का एक जिज्ञासु लड़का रहता था।
उसे हर चीज़ का जवाब चाहिए होता था—
आसमान नीला क्यों?
चाँद गोल क्यों?
और सबसे बड़ा सवाल…

“इंटरनेट किसने बनाया?”

एक दिन वह अपने बाबा से पूछता है,
“बाबा, ये इंटरनेट क्या देवी–देवताओं का बनाया हुआ चमत्कार है?”

बाबा मुस्कुराए,
“नहीं बेटा… इंटरनेट इंसानों की सबसे बड़ी खोजों में से एक है।”

आरव की आँखें चमक उठीं।
“तो इंसान इतना बड़ा काम कैसे कर सकते हैं?”


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⭐ यात्रा की शुरुआत

आरव और उसके बाबा गाँव के बाहर एक पुराना रेडियो लेकर बैठे थे।
बाबा ने रेडियो ऑन किया। आवाज़ आई— बीप… बीप…
बाबा बोले,
“देखो बेटा, पहले इंसान सिर्फ सिग्नल भेज सकते थे—
रेडियो, तार, टेलीग्राम।
लेकिन एक सवाल हर वैज्ञानिक के मन में था…”

“क्या हम दुनिया के सभी कंप्यूटरों को जोड़ सकते हैं?”

यह सवाल अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और सेना के लोगों को सताने लगा।


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⭐ वैज्ञानिकों का सपना

कहानी अब अमेरिका जा पहुँचती है।
वहाँ एक टीम बैठी है:

विंटन सर्फ

रॉबर्ट कान

और कई कंप्यूटर वैज्ञानिक


वे कहते हैं,
“अगर कंप्यूटर एक-दूसरे से बातें कर सकें,
तो दुनिया बदल जाएगी।”

लेकिन समस्या बड़ी थी—

अलग-अलग देशों के कंप्यूटर अलग भाषाओं में बोलते थे।

तारें सीमित थीं।

डेटा धीमा था।


तभी एक वैज्ञानिक बोला,
“हम एक नया नियम बनाएँगे,
जिससे हर कंप्यूटर एक ही भाषा में बात करे!”

इस भाषा का नाम रखा गया— इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP)।


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⭐ जन्म हुआ ARPANET का

सन 1969 में, दुनिया के चार कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ दिया गया।
यह पहला छोटा इंटरनेट था।
इसका नाम रखा गया— ARPANET।

वैज्ञानिक खुशी से चिल्लाए—
“ये काम कर गया!”

यही आगे चलकर INTERNET बन गया।


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⭐ समुद्र के नीचे तारें

आरव की कल्पना में एक अद्भुत दृश्य बनता है—
हजारों किलोमीटर लंबी केबलें समुद्र के नीचे डाली जा रही हैं।
शार्क के पास से गुजर रही हैं,
समुद्री पहाड़ों के बीच से निकल रही हैं।

बाबा ने कहा,
“आज दुनिया के देशों को जोड़ने वाली समुद्र के नीचे फाइबर ऑप्टिक केबल ही असली इंटरनेट का रास्ता हैं।”


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⭐ इंटरनेट दुनिया बदल देता है

अब:

लोग वीडियो कॉल करते हैं

बच्चे घर बैठकर पढ़ते हैं

दुकान वाले मोबाइल से पैसा लेते हैं

लाखों लोग ऑनलाइन काम कर रहे हैं


और यह सब इसलिए…
क्योंकि कुछ इंसानों ने सपना देखने की हिम्मत की थी।


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⭐ आरव का सपना

कहानी वापस गाँव के चौपाल पर लौटती है।
आरव गहरी साँस लेकर बोला,
“बाबा… अगर वैज्ञानिक इंटरनेट बना सकते हैं,
तो मैं भी कुछ बड़ा क्यों नहीं बना सकता?”

बाबा ने उसके सिर पर हाथ रखा,
“बिल्कुल बना सकते हो बेटा।
इंटरनेट इंसानों ने बनाया—
और तुम भी इंसान हो।
बस जिज्ञासा, मेहनत और सीखने की इच्छा चाहिए।”

उस दिन से आरव का सपना था—
एक ऐसा नया नेटवर्क बनाना
जो गाँव–गाँव में शिक्षा पहुँचा दे।


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⭐ कहानी का संदेश

इंटरनेट कोई जादू नहीं।
इसे देवी–देवताओं ने नहीं बनाया।
इसे इंसानों ने अपनी मेहनत, दिमाग और सपनों से बनाया है।

और अगर इंसान इंटरनेट बना सकता है…
तो तुम भी कुछ महान बना सकते हो।

rajukumarchaudhary502010

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
वफ़ा करो तो सच्चे दिल से करना
यूँ ज़बरदस्ती मत निभाना,

गर लगे कि बोझ हूँ तो बेझिझक
दूर हो जाना...💔🔥

#_Za ‌‌khmi..❤️‍🔥
╭─❀💔༻ 
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 #LoVeAaShiQ_SinGh
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loveguruaashiq.661810

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
हम ख़ून-ए-जिगर से जिसकी
          फ़सलें सींचते हैं,

वो पेड़ फल दे तो बस काँटों की
          सज़ा देता है..🥀

मेरी नियत की शफ़क़त का ये
      कैसा सिला है ज़ख़्मी,

मैं जिसको पनाह दूँ वही मुझको
         मिटा देता है...🔥
╭─❀#_Za ‌‌khmi..💔༻ 
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
 #LoVeAaShiQ_SinGh
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loveguruaashiq.661810

Good night friends 🌌🌌

inkimagination

Goodnight friends sweet dreams

kattupayas.101947

सहयोग सहित रचनाएं सादर आमंत्रित हैं :-

#आकांक्षा पत्रिका के #हास्य_व्यंग्य_विशेषांक हेतु
#काव्य_रचनाएं सशुल्क सादर आमंत्रित हैं प्रकाशित होने पर एक प्रति भेजी जायेगी।
नोट- बिना सहयोग राशि के हम रचनाएं प्रकाशित करने में पूर्णतः असमर्थ हैं क्योंकि न तो हमें कोई सरकारी विज्ञापन मिलते हैं और न ही हम करोड़पति हैं कि मुफ्त में बांट सकें।
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एक रचना सहयोग_राशि -150रुपये।
दो रचनाएं फोटो सहित प्रकाशन हेतु 250रुपये सहयोग राशि फोन पे से भेजें उसके बाद ही रचनाएं टाइप करके
व्हाट्स एप पर भेज 31जनवरी-2026 तक अवश्य भेजिए।
✍️ राजीव_नामदेव 'राना_लिधौरी'
       संपादक 'आकांक्षा' पत्रिका
संपादक-'अनुश्रुति'त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001

rajeevnamdeoranalidhori247627

सुन्दरता ध्यान खींचती है और चरित्र दिल जीतता है

anisroshan324329


‎नाराज़ दिल , फिर से बही मंजिल

‎पहला पड़ाव था, वो सपनों का सफर,
‎ तू थी करीब, मैं था तेरा हमसफर।
‎ मैंने कहा था, "उस राह पर ना चल,
‎अंधेरे हैं वहाँ, तेरा होगा बुरा हाल।"

‎पर तूने ना मानी, मेरी कोई बात,
‎परवाह ना की, हर दिन हर रात।
‎वो अजनबी साया, तुझे खींचता रहा,
‎ मेरे दिल का हर टुकड़ा, बिखरता रहा।

‎देखते ही देखते, तू दूर हो गई,
‎ मेरी हर पुकार, अनसुनी हो गई।
‎मैंने भी फिर, एक नई राह चुनी,
‎मिली इक हमदम, कहानी नई बुनी।

‎वो अजनबी संग, तेरा रिश्ता बना,
‎ मेरी दुनिया में, इक नया रंग भरा।
‎ दिन बीते, महीने ढले, साल गुजरे,
‎ हम दोनों अपनी दुनिया में सँवरते।

‎पर वक़्त की करवट, अजीब थी बड़ी,
‎ टूटी वो दुनिया, जो थी हर पल खड़ी।
‎ना वो साथ रहा, ना वो कसमें रहीं,
‎ तेरी आँखों में फिर, उदासी वही।

‎और इधर भी, कहानी कुछ ऐसी हुई,
‎ मेरी भी राहें, अकेली सी हुईं।
‎ टूट गए रिश्ते, वादे वो सारे,
‎ फिर वही दिल, जो कभी थे हमारे।

‎तब मिली वो निगाहें, जिनसे थी शिकायत,
‎अधूरी कहानियाँ, अधूरी इबादत।
‎ दोनों के दिल में, था दर्द पुराना,
‎लगा कि फिर से, मिल गया ठिकाना।

‎रूठें-मनें, फिर एक हुए हम,
‎वही पुराने रास्ते, वही पुराने गम।
‎ सीखा था सबक, तन्हाई के साथ,
‎ शायद यही थी, हमारी हर बात।

‎नाराज़ दिल, फिर से वही मंज़िल,
‎ रिश्तों की कश्ती, हुई फिर हासिल।
‎शायद प्यार वही है, जो लौट कर आए,
‎सारी गलतियाँ भूल, हमें अपनाए।


‎     

vikramkori

महाराजा छत्रसाल पर बुन्देली कवि गोष्ठी-

*(वनमाली सृजन केन्द्र व म.प्र.लेखक संघ का संयुक्त अयोजन)

टीकमगढ़// साहित्यिक संस्था वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ एवं म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ के संयुक्त तत्तावधान में माहराजा छत्रासाल पर केन्द्रित कवि गोष्ठी ‘आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़’ में आयोजित की गयी। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ व्यंग्यकार अजीत श्रीवास्तव ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ.नरेन्द्र मोहन अवस्थी (पूर्व प्राचार्य एक्सीलेंस कालेज) एवं विषिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ बुंदेली कवि श्री शोभाराम दांगी ‘इन्दु’ (नदनवारा) उपस्थित रहे।
गोष्ठी की शुरूआत सरस्वती पूजन दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात गीतकार वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत सुनाया-
रइयो जीवन में हिलमिलकर। मिलियों सबइ से तुम हँस-हँसकर।।
गोविन्द्र सिंह गिदबाहा (मडाबरा,उ.प्र.़) ने कविता पढ़ी-ककर कचनाए,मोरपहाड़ी।
छत्रसाल जन्में जितै अवतारी।।
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने दोहे सुनाए- छत्रसाल राजा हुए बुंदेला थे वीर।
बरछी जिनकी तेज थी, ‘राना’ खुद शमशीर।।
हरबल सिंह लोधी’ ने रचना पढ़ी -
मुगलो के काल, महाराजा छत्रसाल,
मुगल सेना में मची खलबली, छत्रसाल जीहते महाबली।
शोभाराम दांगी ‘इंदु’(नदनवारा) ने पढ़ा - चम्पतराय के घर में जन्में,वीर छत्रसाल महाराज।
चार मई सोलह सो उन्चास को, बेटा छत्रसाल महाराज।।
यदुकुल नंदन खरे (बल्देवगढ़) ने पढ़ा-
जिसने फूलों की माला जयमाला अपनी हाथों पहिनाई थी।
रामसहाय राय (रामपुर) ने पढ़ा-
हम बुन्देली के ओरछा के पानी के,
जितै विराजै राम रजधानी के।
झाँसी की रानी,वीर बुन्देला मधुकर शाही तिलक धारी के।।
स्वप्निल तिवारी ने सुनाया-
बाणों की शैया पर खड़ी प्रतिमूर्ति में,
गाजी जीवंत मानवीय श्रृंख्ला।
परिवर्तन का उद्घोष संदर्भ अभिलाषा,
प्रतापी सुर प्रतिपलगाता हरित प्रंजला।।
कमलेश सेन ने पढ़ा-
गोरी तोरे नैना जादू सो कर गये,
जब से निहारे सो दिल में उतर गये।।
सलीम खान ने ग़ज़ल कही -
जुल्म जब किरोन का बेबस परे ढाया जाएगा।
खत्म करने को उसे मूसा को लाया जाएगा।।
एस.आर.‘सरल’ ने पढ़ा-
बुन्देली माटी के हीरा छत्रसाल थे वीर महान।
डटकर युद्ध लड़े मुगलों से राखी बुन्देलो की शान।।
अनवर खान ने ग़ज़ल कही-
जुगनुओं से भी रोशनी कम है।
अब चराग़ों की सी जिन्दगी कम है।।
प्रभुदयाल श्रीवास्तव‘पीयूष’ ने रचना पढ़ी - शीतल सुखद अगन की रजनी मन में अगन लगाह।।
ने रचना पढ़ी -
सरदार पटेल नेता वकील किसान थे।
बसीर फ़राज़ ने ग़ज़ल कही-
शहर का शहर यहाँ काँप रहा है डर से।
कौन निकले है क़फ़न बाँध के अपने सर से।।
इनके अलावा प्रमोद गुप्ता,शकील खान, डी.पी.यादव आदि ने भी अपनी रचनाएँ सुनायीे। कविगोष्ठी का संचालन कमलेश सेन ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया।
अंत में वरिष्ठ साहित्यकार श्री एन.डी.सोनी के निधन पर दो मिनिटि का मौन रखकर सभी ने उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की।

*रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’*
टीकमगढ़(म.प्र.) मोबाइल-9893520965

rajeevnamdeoranalidhori247627

राना लिधौरी'के हाइकु :-

1*

नारी जगत
लज्जा बचायें कैसे।
घूरती आंखें।।
***

*2*

घूमते गिद्ध
करने को शिकार।
अकेली देख।।
   ***

3
आज की नारी,
पैसों की दम पर।
हो अंहकारी।।
***
✍️ राजीव नामदेव"राना लिधौरी"
           संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक-'अनुश्रुति'त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
#######

rajeevnamdeoranalidhori247627

" જેણે મારો ક્રોધ સહન કર્યો છે,
પ્રેમનો હકદાર પણ એજ છે .."



ND CHAVDA... 👏✍️

mrnd9933

तेरी ख़ामोशी ने कुछ ऐसा राज़ बताया है,
कि बातों से ज़्यादा खामोश लम्हों ने रुलाया है।

deepakbundela7179

PAAGLA – A heart that speaks through words. 💭✨ Sharing emotions, shayari, quotes, and stories that touch your soul. From love to pain, from motivation to dreams – here, every line is written to connect with your heart. ❤️📖

jaiprakash413885

Good morning friends have a great day

kattupayas.101947

🙏🌸 मंत्रभारती परिवार के लिए आभार-पत्र 🌸🙏

प्रिय मंत्रभारती परिवार,

आप सबके प्रेम, विश्वास और सतत साथ के लिए हृदय से धन्यवाद।
वेदान्त 2.0 का यह पथ केवल मेरा नहीं—यह हम सबका साझा साधना-पथ है, जहाँ शब्द केवल माध्यम हैं और यात्रा भीतर की है।

आपकी प्रत्येक पढ़ी हुई पंक्ति, दिया हुआ समय, साझा किया गया अनुभव —
मेरे लिए आशीर्वाद जैसा है।
आप सबके कारण यह परिवार बढ़ रहा है, और “ज्ञान की ज्योति” एक-एक हृदय तक पहुँचना संभव हो रहा है।

मैं आपकी इस आत्मीय सहभागिता के लिए विनत होकर प्रणाम करता हूँ।

आप सबके भीतर वही प्रकाश जगे
जिसकी खोज में हम सब इस जीवन-यात्रा पर निकले हैं।

स्नेह, कृतज्ञता और सतत आशीष सहित,
🙏🌸 — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲

bhutaji

heyyy radhee ❤️🦚🦚

ritu1

🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
तेरी बेरुखी का, फिर वही मौसम
गहराया है,

एक-एक लम्हा भारी है जब से
दिसंबर आया है.🥀💫
╭─❀#_Za ‌‌khmi..💔༻ 
╨──────────━❥
♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
 #LoVeAaShiQ_SinGh
╨──────────━❥

loveguruaashiq.661810