इश्क और अश्क

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"नहीं! ऐसा मत करो, छोड़ दो please..... जाने दो! नहीं! नहीं!" "रात्रि उठ! ऐसा कहकर मेघा (रात्रि की मां) ने रात्रि को झकझोर दिया। कितनी बार कहा है इस लड़की को की छोड़ दे ये किताबों की दुनिया, जहाँ कभी परियों की प्रेम कहानी होती है तो कभी पिशाच का बदला।" "मां...... मैं ठीक हूं, ये मेरी कहानियों की दुनिया नहीं है, कोई तो पहली है और मैं इसे सुलझाकर रहूंगी। और तब तक मेरी प्यारी मां, आप बस मेरा ऐसा ही ख्याल रखो ये कहते हुए रात्रि ने मेघा को गले लगाया।" "और सारा प्यार मां बेटी ही बांट लोगी या इस बेचारे पापा पर कोई रहम खाओगी? परेश ने नाश्ते का इंतज़ार करते हुए कहा। और तीनों खूब हंसे। सबने नाश्ता किया।" "चलो मां पापा अब मुझे निकलना है आज मेरी एडिटर्स के साथ मीटिंग है।" कहकर रात्रि निकल गई।

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इश्क और अश्क - 1

"नहीं! ऐसा मत करो, छोड़ दो please..... जाने दो! नहीं! नहीं!""रात्रि उठ! ऐसा कहकर मेघा (रात्रि की मां) ने को झकझोर दिया। कितनी बार कहा है इस लड़की को की छोड़ दे ये किताबों की दुनिया, जहाँ कभी परियों की प्रेम कहानी होती है तो कभी पिशाच का बदला।""मां...... मैं ठीक हूं, ये मेरी कहानियों की दुनिया नहीं है, कोई तो पहली है और मैं इसे सुलझाकर रहूंगी।और तब तक मेरी प्यारी मां, आप बस मेरा ऐसा ही ख्याल रखो ये कहते हुए रात्रि ने मेघा को गले लगाया।""और सारा प्यार मां बेटी ही बांट लोगी या इस बेचारे ...Read More

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इश्क और अश्क - 2

रात्रि जैसे ही उठती है, Mr. Maan की आवाज़ उसे रोक देती है...Mr. Maan (धीरे से, पर दृढ़ता से):"हम फिल्म सुपरस्टार ए.वी. सहगल के लिए बनाना चाहते हैं।"रात्रि के चेहरे का रंग उड़ जाता है...रात्रि (हैरानी में):"आप... शायद मज़ाक के मूड में हैं? एक सुपरस्टार को कहानियों की कमी है क्या? और... वो मेरे साथ ही क्यों काम करेंगे?"वो घबरा कर उठती है।रात्रि:"देखिए, मुझे और भी बहुत काम है। माफ कीजिए..."(और वो तेज़ी से निकल जाती है)Mr. Maan अपने चेयर पर गिर पड़ते हैं। तभी उनका फ़ोन बजता है।मान (थके स्वर में):"हां, मैंने प्रपोज़ल रखा... लेकिन बात बनी नहीं।"फोन ...Read More

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इश्क और अश्क - 3

(जब दिल के रिश्तों पर राज़ भारी पड़ने लगें...)---अनुज ने गुस्से में उसका कॉलर पकड़ लिया और दहाड़ा —"तेरी कैसे हुई मेरी बहन के करीब आने की??"एवी ने झटके से अनुज को धक्का दिया और अकड़ते हुए बोला —"अबे हट! मुझे तुझसे नहीं, तेरी बहन से काम है।"रात्रि ने बीच में आकर दोनों को अलग किया और गुस्से में पूछा —"क्या काम है तुम्हें मुझसे?"एवी का लहजा अब भी अकड़भरा था —"ऐसे नहीं, मुझे तुमसे अकेले में बात करनी है।"अनुज का गुस्सा और भड़क उठा। उसने एवी के चेहरे पर ज़ोरदार मुक्का जड़ दिया —"तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी ...Read More

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इश्क और अश्क - 4

(कुछ सपने सिर्फ रातों में नहीं आते... वो दिन में भी पीछा करते हैं)---“तुम मुझे नहीं पकड़ पाओगे, अविराज!”“अच्छा? भागो... मैं भी देखता हूं!”दोनो हँसते हुए दौड़ने लगते हैं।अविराज ने पीछे से प्रणाली को पकड़ लिया और बहुत प्यार से उसे अपनी बाहों में भर लिया।अविराज (मुस्कुराते हुए):“तो तुम कह रही थीं कि मैं तुम्हें पकड़ नहीं पाऊंगा?”प्रणाली (शरारती अंदाज़ में):“अरे… वो देखो! मेरी दासी आ गई।”अविराज (चौंकते हुए):“क्या? कहां? मैं छुपता हूं!”प्रणाली ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगती है —“वाह! क्या बहादुरी है आपकी… आप तो मेरी दासी से भी डर गए!”अविराज (शिकायती अंदाज़ में):“ये ठीक नहीं किया आपने!”---रात्रि की ...Read More