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🌟 5 प्रेरणादायक कहानियाँ

1. पेंसिल का राज़

एक बच्चा नई पेंसिल से लिख रहा था। उसके दादाजी बोले –
“पेंसिल की असली ताक़त उसकी लकड़ी नहीं, बल्कि अंदर का सीसा है। इंसान की असली ताक़त भी उसका बाहरी रूप नहीं, बल्कि उसका चरित्र और सोच है।”
👉 सीख: अंदरूनी गुण ही इंसान को महान बनाते हैं।

rajukumarchaudhary502010

कहानी: छोटे कदमों से बड़ी मंज़िल

एक छोटे से गाँव में आरव नाम का लड़का रहता था। उसका सपना था कि एक दिन वह बड़ा व्यापारी बने और अपने गाँव का नाम रोशन करे। लेकिन उसके पास न धन था, न साधन।

एक दिन उसके गुरुजी ने उसे समझाते हुए कहा –
“बेटा, सपने बड़े रखना लेकिन शुरुआत हमेशा छोटे कदमों से करनी चाहिए।”

आरव ने इस बात को दिल से लगा लिया।
वह रोज़ गाँव में सब्ज़ियां खरीदकर पास के शहर में बेचने लगा। शुरू-शुरू में बहुत कम कमाई होती, लोग उसका मज़ाक उड़ाते –
“इतनी छोटी-सी मेहनत से बड़ा व्यापारी बनेगा? यह असंभव है!”

लेकिन आरव ने हार नहीं मानी।
धीरे-धीरे उसने अपनी ईमानदारी और मेहनत से ग्राहकों का विश्वास जीत लिया।
कुछ सालों में उसने अपनी दुकान खोली, फिर गाड़ियों से सब्ज़ियां मंगवाने लगा, और देखते ही देखते उसका कारोबार पूरे ज़िले में फैल गया।

अब वही लोग, जो उसका मज़ाक उड़ाते थे, उससे सलाह लेने आते थे।

आरव मुस्कुराकर हमेशा यही कहता –
“सपना बड़ा हो सकता है, लेकिन उसे पूरा करने का रास्ता छोटे कदमों से ही गुजरता है।”


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✅ संदेश:
कभी भी अपने छोटे प्रयासों को कम मत समझो। वही छोटे कदम एक दिन तुम्हें बड़ी मंज़िल तक पहुँचाते हैं।
👉 धैर्य + मेहनत + निरंतरता = सफलता

rajukumarchaudhary502010

બધી ચિંતાઓ ચિતા સમાન નથી હોતી. કેટલીક ચિંતાઓ જીવનમાં જરુરી છે.

s13jyahoo.co.uk3258

जिन को पढ़कर करने थे मुझे मेरे सपने पूरे,
रद्दी के भाव बेच दी आज मैंने वो किताबें।
कभी किताबों को जिंदगी का हिस्सा बनाया था मैंने
आज अपनो के लिए सपनो को छोड़ दिया मैंने।।

Bitu....

bita

Good evening friends

kattupayas.101947

एक दिन याद करोगी....!

देखना..
एक दिन मुझे याद करोगी,
कि कोई लड़का था, जो सिर्फ तुम्हारा था,
जो तुम्हारी एक मुस्कान के लिए
रातों को जागता था।

वो जो इंतेज़ार करता रहा
सालों तक बिना शिकायत के,
अपने जज्बात छुपाता रहा
क्योंकि कह नहीं पाया दिल की बात।

वो लड़ता भी था, झगड़ता भी था,
पर हर बार टूटकर भी
तुम्हारी तरफ ही लौटता था।

तुमने क्यों उसे जाने दिया?
जिसके लिए तुम पूरी दुनिया थी,
जिसकी रूह में सिर्फ तुम्हारा नाम बसा था।

वो तरसता रहा तुम्हारी एक हाँ के लिए,
तुम्हारी एक झलक के लिए,
पर मिला सिर्फ सन्नाटा,
और अधूरी दुआओं का सिलसिला।

एक दिन..
जब तुम्हारे पास सब होगा,
पर कोई अपना न होगा,
तब याद करोगी कि कोई तो था,
जिसकी ज़िंदगी सिर्फ तुम थी..

akshaytiwari128491

पुरानी चिट्ठियों को
पढ़कर ये लगता है,

उन दिनों,
वक्त भेजा जाता था
लिफ़ाफ़े में।

reenachouhan428395

Anything in excess loses its grace,

Even light blinds when it forgets its place.



Water flows gently, it nourishes all,

But floods remind us how extremes can fall.



Wings take us higher, they teach us to fly,

Yet without balance, they break in the sky.



Peace is not found in too much or too less,

It blooms in balance — in calm, in wholeness.**



– Nensi Vithalani

nensivithalani.210365

✨📖 New Chapter Released! ✨



Niyati: The Girl Who Waited – 4 is now live on Matrubharti! 🌸

Niyati’s journey continues with more emotions, twists, and moments that will touch your heart. 💕



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nensivithalani.210365

my second channel

yasirazmi758311

Do You Know that in order to destroy a mistake, you must accept it and regard it as a mistake?

Read more on: https://dbf.adalaj.org/gJ1BXCeq

#doyouknow #spirituality #facts #spiritualknowledge #dadabhagwanfoundation

dadabhagwan1150

"सफलता की दौड़ में खो न जाए जीवन का रस,
जीना ही ईश्वर है, यही है असली सुख-विलास।"

सफलता और आध्यात्मिक आनंद: दो विपरीत धाराएँ
संसार की सफलता और आध्यात्मिक जीवन की दिशा बुनियादी रूप से अलग हैं।

सफलता: शिक्षा, व्यवसाय, धन-संपत्ति, सामाजिक प्रतिष्ठा आदि “बाहर” की वस्तुओं में खोजी जाती है। यहाँ बुद्धि, विश्लेषण, योजना, और दूसरों से तुलना प्रमुख है। अक्सर सफलता संघर्ष, प्रतिस्पर्धा और तनाव का कारण बनती है।

आध्यात्मिकता: आनंद, शांति, प्रेम, आत्मस्वीकृति, करुणा—यह सब “भीतर” से ही उदित होता है। यहाँ ह्रदय, भावना, मौन और साक्षीभाव का महत्व है, जहाँ कोई तुलना या प्रतिस्पर्धा नहीं—केवल अस्तित्व के साथ सहज मिलन है।

आज की धार्मिकता—समस्या कहाँ है?
वर्तमान में धर्म भी बाजार और प्रतियोगिता का हिस्सा बन गया है—धार्मिक कर्मकांड, प्रवचन, महान स्थिति दिखाने की होड़, इनाम या चमत्कार की अपेक्षा।

हृदय, संगीत, प्रेम की जगह अब सिद्धांत, नियम, और प्रदर्शन छा गया है; इससे परिणामस्वरूप सच्चा आनंद, सहजता, “लीला” यानी जीवन का खेल दूर होता जा रहा है।
अधिक ओर आगे पढ़ने के लिए
https://www.facebook.com/share/p/1BRNMeqVsQ/

bhutaji

अपना कहोगे क्या???


एक सवाल करू तुमसे
तुम जवाब दोगे क्या?
तुमसे बात करके खिलखिला उठा हुं
एक बार ही सही वजह बता दोगे क्या?


मत करना तुम प्यारी बाते
तेरी बेरुखी सेही काम चला लेंगे
साल में एक बार ही सही
फटकार सुनने का हक दोगे क्या?

आज भी वही है सब कुछ
तुमसे बात करके ही दिल बहलता है
बढ गया है जो दोनो में अंतर
तुम थोडासा चलकर दुरी मिटा दोगे क्या?

खामोश तुम मैं बातो में माहीर
चूप रेहकर भी बाते होगी क्या
मैं नासमझ हुं जानम जरा
मुझे इश्क का मतलब समझाओगे क्या?

थक चुका हुं चलते चलते
कुछ पल के लिये पनाह दोगे क्या
आखे भर गई है मेरी तेरी जुदाई से
एक पल के लियेही सही बाहो में लोगे क्या?

तुम शीतल चांदसी
मैं बेहते झरनेसा
बनकर समंदर तुम एक बार
मुझको समा लोगे क्या?

मैं नहीं तेरी दीद के काबिल
तुम सपने मेंही जगह दे देना..
कब से खडा हुं मैं तुमसे मिलने की आस मे
सिर्फ एक बार सनम मुझसे मिलोगे क्या??

नहीं... नहीं... नहीं....

नहीं समझनी मुझे जमाने की बंदिशे
मुझे फिरसे मोहब्बत करोगे क्या
झूठा झूठाही सही हमदम
मुझको अपना कहोगे क्या?
मुझको अपना कहोगे क्या?

siddharth1775

new chapters are released,read and review

gauravpathak

" તું કેટલો પણ અમીર બની જઈશ એ માણસ,
પરંતુ તું તકલીફ વહેંચી નહીં શકીશ અને,
સુકુન ખરીદી નહીં શકીશ "


*ND.... *

Instagram ID : Digital_nick

mrnd9933

જરા વિચાર જેવું ખરું!

જુઠું બોલીને જોડાઈ રહેવું સારું
કે મૌન રહીને દૂર થઈ જવું સારું?

આમ તો બન્નેમાંથી એક પણ સંબંધનો શ્વાસ તો ના જ બંને.

જુઠું બોલીને સંબંધ પણ કેટલો નિભાવી શકે માણસ.

ક્યારેક તો અંત: દર્પણમાં મુખ દેખાઇ જ જાય.

તો મૌન રહીને પણ સંબંધના ધબકાર થોડા જળવાઈ રહે?
ક્યારેક તો તેનાં સ્પંદનો જડ બની જડત્વ ધારણ કરી લે.

આવા સમયે ખરેખર મન એક અલગ જ વિડંબણા અનુભવે.

શું કરવું ને શું ના કરવું.

ત્યારે મન ભીતરની ઉથલપાથલ ફક્ત એક 'વાતથી' શમી જાય છે.

સ્પષ્ટતા થી.

હા ખુલાસો! બસ બન્ને કિનારાને સમજણ હશે.

તો પછી પાણીના પ્રવાહ થી પણ અલગ રહીને પણ એક રહેશે.

parmarmayur6557

Good morning friends have a great day

kattupayas.101947

कुछ आवाजे थी जो मे सुन रहा था
कुछ अंदाजे थे जो बुन रहा था
झूठो से घिरा था बस तारीफे ही सुन रहा था

mashaallhakhan600196

कुछ सवालों के जवाब हमारे भीतर ही छुपे होते हैं।
पढ़िए एक लड़की की कहानी "मैं कौन हूँ?"
और कुछ सवाल अपने आप से भी पूछना की मैं कौन हूँ?
https://www.matrubharti.com/book/19980429/main-kon-hu

nehakariyaal4845

मैं हिम्मत जुटा रहा हूं।।

ritiksingh733477

शायद इसलिए बनी थी नारी के लिए चारदीवारी
क्योंकि मालूम था बाहर बैठे हैं हवस के पुजारी।

हवस का शिकार बनती हैं जब कोई नारी
हालत सुनकर उसकी आ जाता हैं आंखों में पानी।
उसकी अस्मत को लूट कर, जिस्म को नोच कर ,
सड़क किनारे, नदी नालों में, पुल के नीचे
फेंकी गई बिना कपड़ो की लाश को देख कर ,
डरने लगी है आज हर नारी कल कहीं
आ ना जाए उसकी या उसकी बेटी की बारी।

शायद इसलिए होती थी पुराने जमाने में चारदीवारिया ,
जिनमें महफूज रहती थी मां बहन बीवी बेटियां।

bita

#Motivation # kuch gehri baat h isme 🙂

sunitasunita949243

थक गई है रो कर आँखें मेरी
अब पलके उम्र भर का सुकून लेकर
हमेशा के लिए सोना चाहता है,,,,,

बहुत इल्जाम लगे मुझ पर
जैसी थी नहीं मैं वैसी बताया गया
क्या करूं अब खुद को संभाल कर ?
खुद को बिखरने से भी न रोका गया ,,,,,,

_Manshi K

manshik094934

Punjabi.....!

gautamsuthar129584